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Supriya Jha
विधाता ने बेेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है। पिता के लाड में पली बेटी की आज विदाई है।। जिस घर में हर पल की यादें,बचपन की लड़ाई है। आज उससे ही मुझको करनी पड़ रही जुदाई है।। बिछड़ने की किसने ये रस्म बनाई है। मां के आंचल में पली बेटी की आज विदाई है।। पिता भाई ने छुप छुप कर आंसू बहायें है। मां बहने आंखो में आंसू लिए विदाई की दस्तूर निभाई है।। कितनी निष्ठुरता से पिता ने कन्यादान निभाया है। मुझको किसी के हाथ सौंप कर जिम्मेदारी से मुक्ति पाया है।। आखिरी वचन कहकर मां ने बड़ी बात सिखाई है। पिता के पगड़ी की लाज तू रखना इसमें ही कुल की भलाई है।। विधाता ने बेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है। बचपन से ही क्युं बेटियां पराई धन कहलाई है।। ©Supriya Jha बेटी की विदाई
बेटी की विदाई
read moreNeetesh kumar
White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती यदि मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने की इजाजत होती... ©Neetesh kumar #Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता
#Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता
read moreAnil Sapkal
पिता का धड़कता दिल है बेटी पिता के खुशियोंकी तस्वीर हैं बेटी। कौन कहता है कि बोझ है बेटी सच कहूं तो पिता की तकदीर है बेटी।। अनिल सपकाळ ८८७९१३८६८६ ©Anil Sapkal बेटी #हिंदी कविता# प्रेरणादायी कविता हिंदी# प्यार पर कविता# कविता कोश# कविताएं#daughters
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read moreSinger Er Jk nigam
viral हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता
read moreDev Rishi
विशिष्टता के लिए.. विभिन्न आयामों खुद के अंदर होनी चाहिए.. ( मेरे गुरु जी में है) इसी पंक्ति के साथ..सर जन्मदिन की हार्दिक बधाई 🥳🤗🙏 ©Dev Rishi #जन्मदिन
Amol M. Bodke
समझ न सका कोई,ऐसा किरदार निभाता है, चाहे जितनी हो मुश्किलें,अकेले पार करता है, दिल के जख्मों पर ,मरहम लगातार लगाता है पर मेरे आँखों से कभी ,अश्क़ न बहने देता है.... | ©Amol M. Bodke प्रेम कविता मराठी कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता Maa पर कविता
प्रेम कविता मराठी कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता Maa पर कविता
read moreRitika Vijay Shrivastava
शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava #swiftbird कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कुमार विश्वास की कविता कविता कोश
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