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motivational Gyan.2
गधे की दोस्ती में लात खाने के सिवाए, और कुछ नहीं मिलता.... ©motivational Gyan.2 गधे की दोस्ती में लात खाने के | motivational shayari in hindi motivational shayari in english motivational quotes in hindi motivation shaya
गधे की दोस्ती में लात खाने के | motivational shayari in hindi motivational shayari in english motivational quotes in hindi motivation shaya
read moreRahul Raj Patel
White जो बीत गई , वो बात गई ©Rahul Raj Patel #sad_dp जो बीत गई.. सो बात गई..! जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आनन को देखो कितने इसके तारे टू
#sad_dp जो बीत गई.. सो बात गई..! जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आनन को देखो कितने इसके तारे टू
read morePURAN SINGH CHILWAL
Jitender Kumar
#sad_shayari हम उन्हें वो हमें भुला बैठे दो गुनहगार ज़हर खा बैठे हाल-ए-ग़म कह के ग़म बढ़ा बैठे तीर मारे थे तीर खा बैठे
read moreBROKENBOY
White कुछ दिल की मजबूरी थी कुछ किस्मत के मारे थे साथ वो भी छोड़ गए जो जान से प्यारे थे.. ©BROKENBOY #sad_qoute कुछ दिल की मजबूरी थी कुछ किस्मत के मारे थे साथ वो भी छोड़ गए जो जान से प्यारे थे.. 2 line love shayari in english most romant
#sad_qoute कुछ दिल की मजबूरी थी कुछ किस्मत के मारे थे साथ वो भी छोड़ गए जो जान से प्यारे थे.. 2 line love shayari in english most romant
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
Virginity पूछ ली तो लड़की के साथ unfair जब वही लड़की 36 लड़को से चुदाने के बाद किसी शरीफ़ आदमी से शादी करती है तो उसके साथ unfair नही होता क
read moreSarfaraj idrishi
Red sands and spectacular sandstone rock formations मैंने क़ब्रिस्तान में उन लोगों की क़ब्रें भी देखीं हैं जो अपने हक के लिए इस लिए नहीं लड़े के कहीं मारे न जाएं। 😞 ©Sarfaraj idrishi #Sands मैंने क़ब्रिस्तान में उन लोगों की क़ब्रें भी देखीं जो अपने हक के लिए इस लिए नहीं लड़े के कहीं मारे न जाएं। sad shayari on life realit
#Sands मैंने क़ब्रिस्तान में उन लोगों की क़ब्रें भी देखीं जो अपने हक के लिए इस लिए नहीं लड़े के कहीं मारे न जाएं। sad shayari on life realit
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था। तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।" जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे। फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?" लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ ChatGPT can make ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
read moreDevesh Dixit
White रक्षा बंधन का ये त्यौहार, अब फिर से है आ गया। राखी लेकर बहना बैठी, भाई भी उसका आ गया। खुशी के मारे झूम उठी वो, कि भैया उसका आ गया। करके तिलक बांध के राखी, भेंट भी भैया से पा लिया। वचनों से बंधा ये बंधन प्यारा, रिश्तों को मजबूत बनाता है। भाई बहन का रिश्ता ये प्यारा, रिश्तों को अनमोल बनाता है। हमने भी ये पर्व मनाना है, बहना से राखी बंधवाना है। खुशी के पल को जताना है, तिलक भी फिर करवाना है। देकर वचन उसकी सुरक्षा का, अपना फर्ज भी तो निभाना है। छूकर चरण प्यारी बहना का, प्यारा सा आशीष फिर पाना है। .............................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #raksha_bandhan_2024 रक्षा बंधन का ये त्यौहार, अब फिर से है आ गया। राखी लेकर बहना बैठी, भाई भी उसका आ गया। खुशी के मारे झूम उठी वो,
#raksha_bandhan_2024 रक्षा बंधन का ये त्यौहार, अब फिर से है आ गया। राखी लेकर बहना बैठी, भाई भी उसका आ गया। खुशी के मारे झूम उठी वो,
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