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संस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु
स्वलिखित हिन्दी रचना संस्कृत अनुवाद सहित अनुवाद सहित शीर्षक सच्चा अनुभव . . विधा गहन विचार .
read moreRakesh frnds4ever
White स:- क्या करते हो!!??!! मैं:- कुछ नहीं,,,, फिलहाल तो खाली हूं/ बेरोजगार हूं ((( दम तोड़ता हूं, हर चीज से मुंह मोड़ता हूं, सर को फोड़ता हूं, चेहरे को नोचता हूं, बालों को खींचता हुं,, पैर पटकता हूं, (( जी निकलता नहीं जीवन को कोसता हूं , घृणा करता हूं खुद से और संसार के रचियता से,, दिन रात सुबह शाम दोपहर भोर संध्या हर समय हर पल मरने की कोशिशें चाहतें इच्छाएं दुवाएं करता हूं,,....))) ©Rakesh frnds4ever स:- #क्या करते हो!!??!! मैं:- कुछ नहीं,,,, फिलहाल तो खाली हूं/ #बेरोजगार हूं ((( #दम तोड़ता हूं, हर चीज से मुंह मोड़ता हूं, सर को फोड़ता
Gokul Himmat Salunkhe
White मन निर्मल असल की पूर्ण जग निर्मल अस्त ©Gokul Himmat Salunkhe #sad_quotes वि
#sad_quotes वि
read moreGeeta Sharma
गोती - गोती भाई हो स । video #GoodMorning #Trending Song #viral Shorts #fullscreen video #EXPLORE #Haryanvi Song
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White ...... श्री गणेशजी..... गणेश चतुर्थी को मैं क्या कर सकता हु । केवल गणेशजी को वंदन कर सकता हु । गणेशजी रिद्धि सिद्धि के दाता है । महादेव और पार्वती उनके मातापिता है । शुभ अवसर गणेशजी के बिना नहीं होता । शुभ अवसर पर वे हाजिर होते । धूप दीप करके उनकी पूजा होती है । प्रसाद में लडडू चढ़ने के होते है । देव मंदिर उनकी मूर्ति के बिना नहीं हो सकते । घर के दरवाजे पर उनकी मूर्ति होती है । किया श्री गणेश ऐसा लिखा जाता है । नाम उनका विघ्नहर्ता जैसा कोई नहीं है । लो बोलो मैं क्या कर सकता हु । मै केवल उनको वंदन कर सकता हु । ,, दिव्यकांत वि छाया " एकांत " भुज कच्छ ,, ©बेजुबान शायर shivkumar #Ganesh_chaturthi #गणेशचतुर्थी #GaneshChaturthi #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #कविता95 #बेजुबानशायर143 Kshitija puja udeshi Sethi Ji shehza
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read moreबेजुबान शायर shivkumar
White ।। जिस काले गोले से होता है , इस ब्रह्मांड का विनाश है, वह काला गोला महादेव के बस एक सूक्ष्म अंश के वो समान है ।। आदि ना ही अंत जिनका, कंठ समुद्र समान है गले मैं अजय बासुकी, बाल गरुण समान है रूप मानो ऐसा जिसके मुट्ठी में ब्रह्मांड है एक रूप ऐसा जहा ब्रह्मांडधारि पुष्प पे सवार है, जिनका तप सहस्त्र सूर्यो के समान है जिनका मन पूर्ण चंद्र सा महान है, जिनके नेत्र में है बस्ता,वो अंतिम खंड इस समाज का ऐसा ना समझो कि, भैरव बस नाम वो विनाश का । आदियोगी, सर्वयोगी, पूर्णयोगी, महानयोगी । बह रहे हैं गंगाधारी, नदियों के बहाव में चल रहे हैं चंद्रधारी, हिमालय की हवाओं में जिनको महसूस हो रहे जो वो " मां " नाम की पुकार में सहला रहे हैं छाती मेरी ममता के आवास में, रो रहे हैं भोलेनाथ जी भूख की पुकार में ।। लड़ रहे हैं रूद्र बनके, उग रहे हैं पुष्प बनके हंस रहे हैं चंद्र बनके, जल रहे हैं कोयला बनके, हर रहे हैं मां बनके, और मुझे डांट रहे हैं पितृ बनके । ।। जिनके हाथ में है भार मेरे हाथ का, जिनकी आंखों में है तेज मेरी आंख का, जिनकी बुद्धि है शोध मेरे ज्ञान का, महादेव कहो या शिव संपूर्ण अर्थ बस यही काल का ।। ॐ हर हर महादेव ॐ ©बेजुबान शायर shivkumar #Shiva #om_namah_shivay #हरहरमहादेव #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #कविता95 #कविता #omnamahshivaya हर हर महादेव भक्ति सागर भक्त
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