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Vinod Mishra
"दो हाथ मिलते हैं तो चार हाथ मलते हैं." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन #ह्यूमर 😀 ✍️ #मोटिवेशनल
read moreTeacherShailesh
हमें प्रतिदिन 86400 सेकंड मिलते हैं | #teachershailesh#supersamvaad #Motivational
read moreTiger Santosh Nair rewa
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो रिश्ते मिलते हैं मुकद्दर से बस उसे खूबसूरती से निभाना सीखो #मोटिवेशनल
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
मेरी धर्म पत्नी से मिलिए! बताना तुम्हारी भाभी कैसी है! ❤️😘 36 के 36 गुण मिलते हैं तुम्हारी भाभी से तुम्हारे भाई के ! #Videos
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White आनंद बहां नही................ जहां धन मिलता है..! आनंद बहां है...!! जहां मन मिलते है...!!! और परमानंद बहां है....!!!! जहां तन मिलते है... ©Rameshkumar Mehra Mehra # आनंद बहां नही,जहां धन मिलते है,आनंद बहां है,जहां मन मिलते है,और परमानन्द बहां है,जहां तन मिलते है....
# आनंद बहां नही,जहां धन मिलते है,आनंद बहां है,जहां मन मिलते है,और परमानन्द बहां है,जहां तन मिलते है.... #Quotes
read moreAshvani Kumar
White चलो फिर से अजनबी बन जाते हैं फिर से तलाशते हैं तुमको और फिर से इश्क लड़ाते हैं छुप छुप कर मिलने का वो दौर ही कुछ और था तेज धड़कनों के साथ तुमसे मिलना ही कुछ और था छू जाती थी उंगलियां जो तुम्हारी वो तरंगों का खुमार भी कुछ और था चलो नजरों से दिल तक का सफर फिर से करते हैं फिर से मिलते हैं तुमसे हाल ए दिल बयां करते हैं चलो मिलते हैं फिर से तुमसे अजनबी बन कर फिर से दिल लगा तुमसे प्यार करते हैं ©Ashvani Kumar #Sad_Status चलो मिलते हैं फिर अजनबी की तरह
#Sad_Status चलो मिलते हैं फिर अजनबी की तरह #Poetry
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
White "दिमाग कहता है उसको भूल जा दिल कहता हैं उसकी एक झलक दिख जाए" ! ©ਸੀਰਿਯਸ jatt #Sad_shayri नज़रे मिलते ही बात हो जाती है! 💔
#Sad_shayri नज़रे मिलते ही बात हो जाती है! 💔
read moreRabindra Kumar Ram
" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये न
Rabindra Kumar Ram
" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये न