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IG @kavi_neetesh

#GoodMorning प्रेम कविता देशभक्ति कविताएँ कविताएं कविता कोश हिंदी कविता “ निशीथ का दिया “ तुम जलो , जलना तुम्हें है तुम चलो , चलना तुम्ह

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बेजुबान शायर shivkumar

#navratri #navratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navratri2027 #नवरात्रि Sethi Ji puja udeshi Kshitija poonam atrey Sana naaz भक्ति

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//  कुष्मांडा माँ  //

नवरात्रि के चौथे दिन ,
हुआ माँ कुष्मांडा का आगमन। 
करे जो विधिवत पूजन -अर्चन, 
हर मुश्किल मैया करती हरण।। 

सुंदर साड़ी तन पर सजती। 
खुश हो जाती गुलाब, कमल पुष्पों से मैया। 
भाव से भोग धरो खीर मालपुआ, 
 मनोरथ पूर्ण करती मेरी मैया।। 

अष्ट सिद्धि नव निधि की दाता। 
अष्टभुजा धारिणी मैया। 
सिंह सवारी चढ़कर आई। 
देती नाम, यश, आरोग्य मैया।। 

सब की बिगड़ी बनाने वाली। 
आए जो दर पर ,जाए न खाली। 


हम भी आए द्वार तेरे मैया। 
शीश हाथ कृपा का, धर दे भैया।।

©बेजुबान शायर shivkumar #navratri #navratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navratri2027 #नवरात्रि  Sethi Ji  puja udeshi  Kshitija  poonam atrey  Sana naaz  भक्ति

अपनी कलम से

#love_shayari Kavi Himanshu Pandey silence quotes (सवाल आपके भी मन में विचरण कर रहे होंगे कि कैसे जवाब कुछ पंक्तियों द्वारा Caption में पढ

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White प्रेम में अक्सर हीं आदमी बेचारा हो जाता है ||








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©अपनी कलम से #love_shayari  Kavi Himanshu Pandey  silence quotes
(सवाल आपके भी मन में विचरण कर रहे होंगे कि कैसे जवाब कुछ पंक्तियों द्वारा Caption में पढ

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये

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मुक्तक :-
जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना ।
जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना ।
नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये-
यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।।

मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो ।
और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो ।
ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते -
मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।।

बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना ।
हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना ।
जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया -
अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।।

यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया ।
हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया ।
अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता -
यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :-
जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना ।
जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना ।
नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये-
यही कृपा अब नाथ , बनाये
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