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#Chauhan Ajay Singh
ग़ज़ल ये कहने में मुझको ज़माने लगे हैं कि तुमसे ये दिल हम लगाने लगे हैं, मुहब्बत से मुझको जो दिल से लगाओ, जमाने की नज़र #SAD
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
He has a Queen' 👑 आज के जमाने की रंडी होती न वो कमियाबी मिलती बहन चोद ज़िंदगी जेहन्नुम हो जाती! भाई के पास अच्छी औरत है! #Videos
read moreANIL KUMAR
खाकर ठोकर जमाने की फिर लौट आये मैखाने में मेरे गम ने देख कर बोला बहुत देर लगा दिया आने में ©ANIL KUMAR खाकर ठोकर जमाने की फिर लौट आये मैखाने में मेरे गम ने देख कर बोला बहुत देर लगा दिया आने में
खाकर ठोकर जमाने की फिर लौट आये मैखाने में मेरे गम ने देख कर बोला बहुत देर लगा दिया आने में #Life
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White बचपन की बातें ! सुनाओ कोई फिर से बचपन की बातें, कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें। दुआएँ बड़ों की मिलती थी सबको, नाजो-अदा न उठानी थी हमको । कागज की कश्ती वो बारिश का पानी, आओ करें उस जमाने की बातें । कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें, शोहरत ये दौलत मेरी तू ले लो l आँचल वो माँ का फिर से ओढ़ा दो । नई थी जमीं वो, नया आसमां था गुम हो चुके उन लम्हों की बातें । कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें l इमली की चटनी वो बेसन की रोटी, माँयें सभी में थी संस्कार बोतीं । आम के टिकोरे,हाथों में सुतुही, नमक वो लगाकर खाने की बातें । कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें, सुनाओ कोई फिर से बचपन की बातें । ©बेजुबान शायर shivkumar #हिन्दीकविता #हिन्दी_काव्य_कोश #हिन्दीलेखन #कविता #लेखक #बचपन की #बातें ! सुनाओ कोई फिर से बचपन की बातें, कोई लब पे लाओ लड़कपन की बाते
हिन्दीकविता हिन्दी_काव्य_कोश हिन्दीलेखन कविता लेखक बचपन की बातें ! सुनाओ कोई फिर से बचपन की बातें, कोई लब पे लाओ लड़कपन की बाते
read moreparas Dlonelystar
White यहां कोई, अपना नहीं होता, जमाने में मौका मिले तो, न चूकेंगे, आग लगाने में ये कसमे, वादे सब, बातें है बहलाने को अकेले आये थे यहां,भला हो अकेले,जाने में यहां कोई, अपना नहीं होता, जमाने में ©paras Dlonelystar #sad_dp #parasd #vibesoflife #Love #जमाने #आग #अकेले sad shayari in hindi
Umrav Jat
White मुझे गुमान था कि चाहा बहुत जमाने ने मुझे । में अजीज तो सबका था पर जेब में छेद हुआ तो । पता चला जमाना ही मतलब का था । ©Umrav Jat # सायरी_एक_अल्फ़ाज़ # जमाने की हकीकत
# सायरी_एक_अल्फ़ाज़ # जमाने की हकीकत
read moreDrx. Mahesh Ruhil
White उसने कहा शराब ना पियो जालिम मार डालेगी ये एक दिन सुंदर सी जिंदगी में कड़वाहट भरा नमक डालेगी एक दिन पीते पीते भूल जाओगे एक दिन जमाने के साथ हमें भी तुम वक्त की आड़ में गहरी नींद सुला डालेगी ये एक दिन हमने भी उठाया जाम और कह डाला दिल का हाल तुम सोचो जमाने की हमे तो ठहरा अपने गमों का सवाल चोटें खाई गहरी वो छुपाई नहीं जाती जब तक शाम को थोड़ी हमको पिलाई नही जाती सब गमों की दवा ह ये ठहरी आओ साथ बैठो किस बात की कमी गहरी तुम शबाब बन जाना रात इस कातिल में गालिब यहां कोनसा कमियां बोतलों की ठहरी मेरे दिल की बात फिर तुम जान सारी जाओगे अंदाज मेरा क्या हैं खूबसूरती सारी पहचान जाओगे गिले सिकवे सब आंसुओं से बहा दोगे थोड़ा करीब आके फिर तुम हमे गले लगा दोगे जान प्यारी की बाते कर रहे थे जो तुम थोड़ी देर पहले फिर उसी जान में हमें जान प्यारी तुम बता कर जाओगे तू मना जो आज कर रही हो पीने से मुझे कभी जाम हाथों से पीला कर तो देखो जिंदगी जीने का तरीका यही हैं हमारा कभी पास रहकर समय बीता कर तो देखो सुबह से शाम में कब बदल जाएगी पता भी नही चलेगा कभी रात के सपने को दिन में सजा कर तो देखो ©Drx. Mahesh Ruhil #wallpaper उसने कहा शराब ना पियो जालिम मार डालेगी ये एक दिन सुंदर सी जिंदगी में कड़वाहट भरा नमक डालेगी एक दिन पीते पीते भूल जाओगे एक दिन ज
#wallpaper उसने कहा शराब ना पियो जालिम मार डालेगी ये एक दिन सुंदर सी जिंदगी में कड़वाहट भरा नमक डालेगी एक दिन पीते पीते भूल जाओगे एक दिन ज #शायरी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी घूँघट उठाता रहा ।। क्या हुआ मुश्किलों से जो रोटी मिली । प्रेम से तो निवाला खिलाता रहा ।। बद नज़र है जमाने की सारी नज़र । हाथ से उसकी सूरत छुपाता रहा । शब न आयी कभी ज़िंदगी में मेरे । नूर उसका अँधेरा मिटाता रहा ।। देख लो आज भी उसका कोमल हृदय । मन को मेरे मयूरा बनाता रहा ।। छेड़ती होंगी सखियाँ ये कहकर उसे । नैन कैसे प्रखर कल लडाता रहा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी घूँघट उठाता रहा ।। क्या ह
ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी घूँघट उठाता रहा ।। क्या ह #शायरी
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