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kavi Dinesh kumar Bharti
टीका बन गया रोग ©kavi Dinesh kumar #टीका बन गया रोग कविता
#टीका बन गया रोग कविता
read moreHeer
No one in this world Krishna 😢Only you ❣️ मेरे लिए तो तुम ही सब कुछ हो मेरे गिरिधर मेरे गोपाला 🥰🤗 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
read moreबेजुबान शायर shivkumar
!! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !! !! हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे !! ©बेजुबान शायर shivkumar #jayshreekrishna #krishna_flute #Krishna #Bhakti #suvichar #anmolvachan Sethi Ji Kshitija puja udeshi shehzadi Jyotilata Parida राधा
#jayshreekrishna #krishna_flute #Krishna #Bhakti #suvichar #anmolvachan Sethi Ji Kshitija puja udeshi shehzadi Jyotilata Parida राधा
read moreShi.....ya
White ।।श्री कृष्ण सदा सहायते।। ©Shi.....ya #कृष्णा #हरे #life
Heer
The Perfect spiritual practice for this age, is to chant holy name with full conviction and to make others, also chant the holy name of the Lord. ©Heer Chant and Be Happy 😊 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। 🙏❤️💙🦚🌈
Chant and Be Happy 😊 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। 🙏❤️💙🦚🌈
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मन के संचित भावो ने ही आवरण भव भवो के ओड़े है आकुल व्याकुल हर्ष विषाद में अनजाने पापो के पाप आत्मा में जोड़े है करो चिकित्सा इनकी अब दस दिन दसधर्म को प्रगटाओ एक एक धर्म का सार समझो बोधिसत्व चेतना तक पहुँचायो कैम्प समझो आत्मशुद्धि का दस दिन विकारों को दूर भगाये सत्य शौच संयम त्याग तपस्या और व्रतों से मुक्तिपथ अपनाकर जन्म मरण का रोग भगाये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi
#Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi
read moreSonali Ghosh
आज लड्डू गोपाल बन ठाकुर जी घर पधारे है प्राण से लगाकर रखेंगे कृष्ण को वो प्राण हमारे है। ©Sonali Ghosh हरे कृष्ण। कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!
हरे कृष्ण। कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!
read moreHeer
रोग ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना, जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा, सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। लेकिन फिर अचानक से, इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, कब तक रहेगा सब ऐसा, हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, रह जाए बस खाली पिंजरा, समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। Alfazii 🖊️💙 ©Heer #रोग