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Ayesha Aarya Singh
मुर्शद...इंतज़ार बताता है कि ❤❤ alone shayari girl shayari status hindi shayari R Ojha "सीमा"अमन सिंह Pyare ji Sethi Ji #Shayari
read moreRajesh Sharma
सीख देने वाले इस भू तल में गुरु देवतुल्य इंसान है जीवन में सफलता के पीछे गुरु ही हमारी पहचान है जीवन में घोर अंधेरा हो तब गुरु ही मात्र समाधान है गुरु ज्ञान की खान है हम भटको का जीवन दान है शिष्य ऊंचाई पर हो तो वो अपने गुरु का अभिमान है सदियों से गुरु शिष्य का रिश्ता आदर और सम्मान है गुरु बिना व्यर्थ है जीवन क्या तुमको इसका भान है पकड़ लो अंगुली गुरु की बेटा इस कलयुग में गुरु ही साक्षात भगवान है। ©Rajesh Sharma #Teachersday आइए गुरु आपको गुरु की कुछ बाते बताता हु गुरु पर कुछ मैंने लिखा है वो फरमाता हूं
#Teachersday आइए गुरु आपको गुरु की कुछ बाते बताता हु गुरु पर कुछ मैंने लिखा है वो फरमाता हूं #कविता
read moreRavendra
सशस्त्र सीमा बल, बहराइच में ब्रह्मा कुमारी समाज, द्वारा किया गया रक्षाबंधन 42वी वाहिनी के प्रांगण में रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया जिसम #वीडियो
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
White ढूंढ रही हैं नजरे शायद अभी दिख जाएं। आया है फिर राखी का त्यौहारकहीं किसी बहन को बिछड़ा भाई तो किसी भाई को बिछड़ी बहन मिल जाएं। माना राखी महंगी और रिश्ते सस्ते हों गए है। पर कभी तो बाहरी दिखावा छोड़ मन की आंखों से मेल हटा कर मिल लिया करो। जानें कब किसी की अगली सुबह आंख न खुले इसलिए जब याद आए तब ही बात कर लिया करों। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma बार कोई त्यौहार आता है, पर तू नज़र नहीं आता है। इस बार भी राखी का त्यौहार आया है, पर यादों को कोई मिटा नहीं पाया है। पूजा की थाली सजाती हूँ
बार कोई त्यौहार आता है, पर तू नज़र नहीं आता है। इस बार भी राखी का त्यौहार आया है, पर यादों को कोई मिटा नहीं पाया है। पूजा की थाली सजाती हूँ #कविता
read moreAnjali Singhal
shayari status hindi shayari love shayari "कब चाहा मैंने कि, तुम मेरे बन जाओ, बँधकर मेरी प्रीत में, किसी बंधन में तुम जकड़ जाओ। हाँ...एहसास #Shayari #loveshayari #राधे #AnjaliSinghal
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई अपने ख़ुद अश्क़ बहाता है कोई दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही रिश्ते का फिर भी रिश्तों को निभाता है कोई इस तरह चाहता अब है मुझको सारी दुनिया को बताता है कोई सारे इल्ज़ाम हमारे लेकर मुझको बेदाग़ बताता है कोई हो न जाऊँ खुशी से मैं पागल जान ऐसे भी लुटाता है कोई अब तो रहता नशें में हूँ हरपल ज़ाम आँखों से पिलाता है कोई रात कटती न प्रखर करवट में याद ऐसे मुझे आता है कोई महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई अपने ख़ुद अश्क़ बहाता है कोई दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही
ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई अपने ख़ुद अश्क़ बहाता है कोई दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही #शायरी
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