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Narendra kumar

#Book

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Unsplash बेबाक बोलो पर सही बात बोलो।
नहीं तो मुंह मत खोलो।

©Narendra kumar #Book

Riya goyal

#Book

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Unsplash भगवान मुझे अब इंसान नहीं पत्थर बना
क्योंकि मुझे  लोगों का हमदर्द नहीं बनना 
 तू तो मुझे अब सिर्फ लोगों का दुश्मन बना

©Riya goyal #Book

Mr. Eram

#Book

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Unsplash یاد رکھنا اگر دوستوں کو ان کی غلطیاں
 نہ بتائی جائیں تو ان کے ساتھ دوستی 
نہیں بلکہ غداری ہوتی ہے
🥀💯🌿


















.

©Mr. Eram #Book

Jaya Shetty

#Book

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Unsplash ಮೊದಲ ಹೆಜ್ಜೆಯನ್ನು  
ಶೃದ್ದೆಯಿಂದ   ನಂಬಿಕೆಯಿಂದ ಇಡಿ,
ನಿಮಗೆ ಮಹಡಿಯ ಎಲ್ಲಾ ಮೆಟ್ಟಿಲುಗಳೂ 
ಕಾಣಲೇ ಬೇಕೆಂದೇನೂ ಇಲ್ಲ,

ಮೊದಲಿಗೆ ಸಿಕ್ಕುವ ಮೆಟ್ಟಿಲನ್ನು 
ಸುಮ್ಮನೆ ಹತ್ತಲು ಶುರುಮಾಡಿ.*

©Jaya Shetty #Book

Soundar

#Book book

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Unsplash health is wealth

©Soundar #Book book

Balwant Mehta

डगमगाया हूं पर हारा नहीं,
सियासत का खेल है, सारा यही।
जीत कर भी मुकाम जो पाया नहीं,
एक कदम पीछे, पर दिल घबराया नहीं।

कुर्सी की जंग में चली चाल नई,
सत्ता के संग दोस्ती भी बेमायनी।
नेता जी ने झुककर दिखा दी मिसाल,
जनता की खातिर किया हर सवाल।

राजनीति में ऊंच-नीच का है खेल,
कभी जीत का ताज, कभी हार का मेल।
पद पीछे सही, मगर हौसला वही,
नेता जी का जज्बा, मिसाल बनी।

©Balwant Mehta #maharashtra #Politics

Ali Rashid Hasrat

#Politics

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तुम गरीब हो धर्म का झंडा उठा कर क्या कर लोगे 
अमीर होते तुम या रोजगार से जुड़े होते तो शायद सड़को पर नही होते 
और कभी ना झंडा उठाये,तपती धूँप मे झूलस्ते हुये होते 
नारे लगाते हुये, गले को फाड़ कर कभी ना प्यासे होते 
धहाड़ी मजदूर से भी कम मे यूँ खुद को ना सताये होते 
नशे की लत होगी ज़रूर ही तभी तो सब झेल गये 
यूँ एक अपनी "तलब" के लिये खुद को खतरे मे डाल गये 
ये तलब होगी शायद दिमाग मे भरे गौबर की 
तुम मरो कटो सड़को पर वो ठंडक  ले AC की  
चलो अब आता हुं उस श्र्णी पर जो सम्पन्न है मगर 
सत्ता का लोभ उसे है 
उसे सत्ता का टट्टू बनना है और समाज मे एक रौब कायम करना है 
अब इन्हे चन्दे से गरीबो की भीड़ जुटाना है
àऔर खुद की गाड़ी पर एक सत्ताधारी झंडा लगाना है 
कौन है वो जिनके लिये तुम बारूद के ढ़ेर पर हो 
तुम मे भर कर धर्म की चिंगारी खुद कुर्सी पर ये शेर है 
सड़को पर तुम्हे उतार कर खुद क्यूँ ज़मी पर नही आते 
तुम्हे शिकार बना कर ये सत्ता की रोटी खाते 
किस को किस से डर किस का मजहब खतरे में 
कौंन बताये कौन तय करे कौन सही पर मौन है 
तुम्हारे मन मे भरे ये मैल दुसरे धर्म के लिये 
खुद पीते साथ मे कोफी
जायें शादियो मे एक साथ और खाये साथ मे कीमा बौटी
तुम्हारे लिये सिर्फ है इन्होने दी है वैधानिक चेतवानी 
खतरे मे हो तुम ऐसा डरा कर ही इन्हे मिलेगी सत्ता की चाशनी 
-जय हिन्द

©Ali Rashid Hasrat #Politics
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