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Shiv Narayan Saxena
White आये दिन बदलाव के, मिलकर बदलें देश छिप कर फिरते भेड़िये, धर नेता का वेश फ़्री बिजली पानी फ़्री, देश को रहे लुटाय गांठ नहीं ख़र्चा करैं, जनता का धन खायें वोटर तब भगवान है, जब चुनाव आ जाये दुहैं रात-दिन भोली गाय, लात नहीं उठाये राष्ट्रहित सर्वोपरि जब यह समझ आ जाये तब ऐसे मतदान करो, राष्ट्र न गच्चा खाये शिव नारायण सक्सेना 'शौक' ©Shiv Narayan Saxena #election_2024 तब ऐसे मतदान करो.....
#election_2024 तब ऐसे मतदान करो.....
read moreAnuj Ray
White शिकवे के ढंग ऐसे हैं" मेरे हुजूर , गुले गुलज़ार मेरी जान ए तमन्ना , आपका ही बोल वाला है रूबरू देख के इस तरह ,नज़र अंदाज़ करने का ढंग बड़ा निराला है। इरादा ठीक नहीं लगता,ज़रूर कहीं न कहीं कुछ तो दाल में काला है। अगर हुजूर के शिकवे ऐसे हैं, तो शिकायत का अंदाज़ जान लेबा होगा। ©Anuj Ray # शिकवे के ढंग ऐसे हैं"
# शिकवे के ढंग ऐसे हैं"
read moreहिमांशु Kulshreshtha
इन सर्द रास्तों पर कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं एक खौफनाक अंधेरा है पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए बहा ले जा रही है मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख हथेलियों में समेट रहा हूँ बारिशें पर ये टिकती नहीं सर्द हवाएँ अंदर तक कुरेद रही है मुझे मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश अपने अंदर के शोर को साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं … मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर मिटाना चाहता हूँ जिंदगी की पगडंडियों से गुजरती तुम्हारी यादें भूलना चाहता हूॅं तुम्हारी खनकती हँसी खुद को… यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं तुम नहीं हो अब …. तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम इन भीगी हुई हथेलियों के बीच गुनगुनी छुअन बन कर सुनसान सड़क पर रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ मेरे साथ नहीं हो तुम मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम. ©हिमांशु Kulshreshtha मैं...
मैं...
read more#Kūsh_Mēhrã
न जाने कितने दिन गए और कितनी रातें गई... तुफां भी बहुत गए और कितनी बरसातें गई... मगर मिट्टी में खेलता खेलता न जाने मैं कब जवां हो गया...! कुछ दिनों पहले 21 वर्ष का था मैं.. आज 22 का हो गया...! ©#Kūsh_Mēhrã #birthdayboy दिन पहले 21 वर्ष का था मैं...आज 22 का हो गया Vishu.... Vishal Singh
#birthdayboy दिन पहले 21 वर्ष का था मैं...आज 22 का हो गया Vishu.... Vishal Singh
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White मै ही रहा मन से दग्ध और देह से शापित दर्द उगता है दिल में तेरी यादों के जालों से घिरा रहता हूँ मैं अकुलाता उमड़ते ज्वार सा ©हिमांशु Kulshreshtha मैं....
मैं....
read moreShalini Pandey
White इच्छायें शून्य होती जा रही हैं बस ये जिम्मेदारियां ही है जो जीने के लिए मजबूर करती जा रही हैं ... ©Shalini Pandey मैं
मैं
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