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Nehu Dee.kalam
White मुझे पता है ,, मेरे बुरा बोलने पर तुम्हें बहुत दुख होता होगा... पर क्या करूं ?अगर बुरा ना बोलूं तो तुमसे दूर कैसे रहूं? तुमसे कुछ भी बुरा कहने से ,,, तुम्हें सुनके इतना बुरा नहीं लगता होगा , जितना मुझे बोलने पर लगता ... तुमने ही कहा था , तुम्हे मरना नही, तुम्हे जीना है, अब जीना तो है , बो भी तुम्हारे बिना , ...... इसलिए तुमसे बुरा बोलूंगी , तब तो दूर रह पाऊंगी ,,, हां प्यार मेरा बस तुम्हारा है, भले ही कोई मेरा ही क्यों ना हो....। ©Nehu Dee.kalam Phir bhi tumhe chahungi.……………
Phir bhi tumhe chahungi.……………
read moreShivam Mishra
White COME BACK SOON ©Shivam Mishra #love_shayari, Abb kalam phir chalegi Aur Kagaj ka phir Khoon hoga...
#love_shayari, Abb kalam phir chalegi Aur Kagaj ka phir Khoon hoga...
read moreRiyanka Alok Madeshiya
White कभी-कभी -------------- कभी-कभी बस यूँ ही बैठे-बैठे मैं गुम हो जाती हूँ एहसासों की एक अनोखी दुनियाँ में अन्त से भयहीन- मैं खड़ी होती हूँ; आरम्भ पर एक अस्तब्ध नदी होती हूँ जो ऊंचे शिखर से निकाल कर, विशालकाय समुद्र में मिल कर, अपना आकार दोगुना कर रही होती है एक पंछी होती हूंँ जो निर्बाध हवाओं को चीरती हुई, अपने परों से आसमान को खुरच रही होती है वहाँ की अन्तहीन हरियाली तो जैसे ऊपर के नीले रंग को अपनी रंगत से फीका कर रही होती हैं उस हरियाली के सबसे ऊँचे हिस्से पर लगे हुए झूले में; झूलते समय मेरे पैरों के अंगूठे बादल छू रहे होते हैं जिसके कारण बादलों में छुपा , जल- कण नीचे आ कर के हरे रंग की गहराई बढ़ा रहा होता है उन रम्य क्षणों में मैं- मैं अपने सारे गुनाहों से मुक्त और दर्द से बेसुध होती हूँ जीवन के सारे संघर्ष लापता होते हैं उस अनोखी दुनियाँ के शब्दकोश में, असम्भव शब्द ही अनुपस्थित होता है सौंदर्य युक्त उन क्षणों से- मुझे इतना मोह हो आता है कि- इच्छा होती है ; पिघल जाऊँ और रम जाऊॅं ;उस सागर में, उस हरियाली में ,उन बादलों में और बस वही की होकर रह जाऊँ बस यूँ ही बैठे-बैठे कभी-कभी मैं.... रियंका आलोक मदेशिया ©Riyanka Alok Madeshiya #Kabhi #Sapna
unknown_writer
White मैं अब भी तुम्हें याद करता हु क्या तुम भी मेरे ख्यालों मे खोई रहती हो मैं अब भी रातों को जागता हु क्या तुम भी अपना तकिया भिगोती हो कभी सोचता हु क्यू नही आयी तुम वापिस लोट कर तुम तो कहती थी ना तुम सिर्फ मेरी हो फिर समझ आया सब वक्त का तकाजा है ख्वाब टूट ही जाते है नींद चाहे जितनी गहरी हो खुदा ने चाह तो फिर मिलेंगे इस दुनिया के उस पार जहां न तेरी कोई वजह हो और न कोई मजबूरी मेरी हो ©unknown_writer #Sad_Status phir milenge chunni
#Sad_Status phir milenge chunni
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