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Anushka Tripathi
White हिम्मत नहीं दिखाई तो हुनर धरा रह जाएगा प्रतिभा का ना विस्तार किया तो यूं शून्य पड़ा रह जाएगा ये अद्भुत सी रंगीन धरा यहां मौके बहुत से आते हैं पर खुद को ही तुम न समझ सके तो फिर अस्तित्व कहां रह जाएगा प्रतिभा का न विस्तार किया तो यूं शून्य पड़ा रह जाएगा बेशक हो एक भ्रमण पे तुम बाहर की दुनिया देखी है कभी अंतर्मन के द्वंद्वों में क्या खुद को खोज भी पाएगा प्रतिभा का न विस्तार किया तो यूं शून्य पड़ा रह जाएगा !!!! ©Anushka Tripathi #दुनिया #जिन्दगी #लाइफ
नवनीत ठाकुर
ज़िंदगी की राहों में जब सर्द हवाएँ तंग करती हैं, कई सितारे हों पास, फिर भी चाँद को अकेले ही चमकना पड़ता है। हर दर्द को छुपा कर मुस्कुराना पड़ता है, कभी किसी के लिए, कभी खुद के लिए रोना पड़ता है। अंधेरों में खो जाने का डर हर कदम साथ होता है, फिर भी अपनी रौशनी से, खुद को ही ढूँढ़ना पड़ता है। ये वो सफ़र है जहाँ खुद से ही लड़ना पड़ता है, हर एक खुशी के पीछे, एक ग़म को भी सहना पड़ता है। ©नवनीत ठाकुर #जिन्दगी
katha Darshan
White रिश्तो की महक दूरियों से कम नहीं होती जीवन में अगर साथ हो सच्चे रिश्तों का तो जिंदगी स्वर्ग से कम नहीं होती ©katha Darshan #sunset_time रिश्तो की महक #Nojoto life quotes in hindi quotes on love inspirational quotes
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read moresantosh uikey
White दिल लगी तो सब करते हैं जनाब लेकिन हमने वहां दिल लगा लिया जहां बर्बाद नही आबाद की गुंजाइश हो ©santosh uikey #sad_qoute जिन्दगी की हकीकत
#sad_qoute जिन्दगी की हकीकत
read moreLalit Saxena
White मैं महक गांव की मिट्टी की छोड़कर शहर चला आया गांव के गहरे रिश्तों को तोड़कर शहर में रिश्ते बनाने चला आया हां........सफ़र गांव से शहर का कुछ मीलों का था लेकिन , फांसला अपनों से बहुत दूर का बना आया मेरा हर कदम अब बड़ रहा था बेशर्मी की ओर..... संस्कारों की दुनिया को स्वार्थ के कफ़न से खुद ही ढक आया था मैं महक गांव की मिट्टी की छोड़कर शहर चला आया था चल रहा था सैंकड़ों की भीड़ में फिर भी अकेला था शहर में गांव के अंधेरों में भी साया था अपनो का इन बड़ी बड़ी इमारतों में खुद ही कैद होने को आया था "ललित" अपनों को छोड़ सबसे बहुत दूर चला आया था। महक गांव की मिट्टी की छोड़ शहर चला आया था!!!! ©Lalit Saxena #महक
Mahesh Patel
White सहेली..... ए वक्त तेरे इरादे ठीक नहीं लगते मुझे.. उनको आने की महक आ रही है... लाला.... ©Mahesh Patel सहेली... महक... लाला....
सहेली... महक... लाला....
read moreSantosh
White क्या लिखु जिंदगी तेरे बारे जितना सुलझता हुँ उतना ही उलझता हुँ ।शायद उलझने जिन्दगी के जीने तरीका बताती और सुलझने शायद जिदगी जीने का सलिका बताती है। ©Santosh जिन्दगी
जिन्दगी
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