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Poetry-Meri Diary Se
White अकेला हूं मैं... इस भीड़ में भी अकेला तन्हा हूं मैं, मालूम नहीं मगर क्यों अपनों की महफिल अब अच्छी नहीं लगती! चेहरे तो सभी अपने हैँ और मुस्कुराता हुआ, मगर उन चेहरे के पीछे कोई अनजान छुपा हैँ! जब तक जेबे भड़ी थी तब तक, अपनों का डेरा खूब लगा हुआ था! आज जेब जिस तरह से गायब हुई, मालूम नहीं सब कहां ख़ो गए! Written By-ABi Aman. ©Poetry-Meri Diary Se #good_night अकेला हूं मैं@#
#good_night अकेला हूं मैं@#
read mores गोल्डी
White मैं खुश रहना चाहता हूं। मगर कुछ लोग मुझे खुश रहने नहीं देते कुछ लोग मुझे खुश देखना नहीं चाहते इसीलिए मैं हमेशा चुपचाप गुमसुम रहता हूं क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से किसी को तकलीफ हो। 🌹 😔 🌹 ©s गोल्डी #GoodNight मैं खुश रहना चाहती हूं। मगर लोग मुझे खुश रहने नहीं देते 🥺
#GoodNight मैं खुश रहना चाहती हूं। मगर लोग मुझे खुश रहने नहीं देते 🥺
read moreSaddam
रोते रोते कब तक मुस्कुराऊंगी कब में रातों में सुरक्षित रास्तों पर चल पाऊंगी। कब अपने हक के लिए अपने घर में बोल पाऊंगी। मैं भी इंसान हूं कब तक दुनिया को समझा पाऊंगी। ©Saddam मैं भी इंसान हूं
मैं भी इंसान हूं #विचार
read moreSK Naim Ali
White मेरी जिंदगी बस जिंदगी है इसमें मैं कहा हूं, येजो में अपनी बात करता हूं इसमें मैं कहां हूं, मैं कोन हूं मैं कहा हूं ,बस अगर मैं हूं तो सुकून से जीना चाहता हूं। ©SK Naim Ali मैं कोन हूं मैं कहां हूं।#love_shayari #Sknaimali 'दर्द भरी शायरी'
मैं कोन हूं मैं कहां हूं।#love_shayari #sknaimali 'दर्द भरी शायरी'
read moreHeer
हर शक्श से परेशान होने लगी हूं, ये मैं कैसी इंसान होने लगी हूं। अब सबसे दूर रहने के बहाने ढूंढने लगी हूं, ये मैं कैसी होने लगी हूं। पहले वक्त गुजरता था दोस्तो की महफिलों में, अब वक्त तनहा गुजारने लगी हूं, ये मैं कैसी होने लगी हूं। कभी ठहाके लगाते नही थकती थी मैं, अब अकेले में भी मुस्कुराती नही मैं, ये मैं कैसी होने लगी हूं। ©Heer ये मैं कैसी होने लगी हूं..!!😔
ये मैं कैसी होने लगी हूं..!!😔 #Poetry
read moreHeer
White नारी हूं मैं...... जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं, माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं। दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं, स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना, पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। हा नारी हूं मैं अकेली नहीं। ©Heer #women_equality_day #नारी हूं मैं
#women_equality_day #नारी हूं मैं #Poetry
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