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Shivkumar barman
मैं तुम्हारे लिए उस चांद तारे को इस जमीन् पर ला तो नहीं सकता लेकिन तुम्हें तुम्हारे हिस्से कि वो मै हर खुशी दे सकता जिसके तुम हकदार हों... हा शायद मैं उसमे शामिल न हो पाऊं तुम्हारे घर के हर उत्सव में आऊं लेकिन अगर कभी जो आई मुसीबत मे मुझे तुम हमेसा ही मेरा साथ जरूर पाओगे... हा शायद मैं ना दे पाऊं कभी वो, तुम्हें हर वक्त ब्रांडेड गिफ्ट्स या वो खुशियाँ लेकिन तुम मेरे साथ रहे अगर तो हमेशा वो मन, सम्मान और भरोसा भी पाओगे... हा शायद तुम्हें डर है प्यार, मोहब्बत और इश्क से, लेकिन क्या मेरे कहने से तुम एक बार , मुझ पर वो भरोसा कर पाओगे... ©Shivkumar barman मैं तुम्हारे लिए उस #चांद तारे को इस #जमीन पर ला तो नहीं सकता लेकिन तुम्हें तुम्हारे #हिस्से कि वो मै हर खुशी दे सकता जिसके तुम #हकदार
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #diwali_wishes {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को
#diwali_wishes {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को
read morePhalak Rakesh
कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं खाती ©Phalak Rakesh नहीं है ये कि कभी लाज बर नहीं आती मगर हा वो फिर भी अपने घर नहीं जाती कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं
नहीं है ये कि कभी लाज बर नहीं आती मगर हा वो फिर भी अपने घर नहीं जाती कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून अब , दिखे भक्त उपहार ।। कलयुग में होंगे वही , सुन लो भव से पार । जो कर्मो के संग में , करते प्रभु जयकार ।। कर्मो का पालन करो , मिल जायेंगे राम । तेरे अंदर भी वही , बना रखे हैं धाम ।। रिश्ते हैं अनमोल ये , करो नही तुम मोल । रिश्ते मीठे बन पड़े , अगर मधुर तू बोल ।। आटो बाइक में नही, करें यहाँ जो फर्क । मिलें उन्हें यमराज जी , ले जाने को नर्क ।। जीवन से मत हार कर , बैठो आज निराश । कर्मो से ही सुन यहाँ , होता सदा प्रकाश ।। जो भी सुत सुनती नहीं , मातु-पिता की बात । वे ही पाते हैं सदा, सुनो जगत में घात ।। मातु-पिता की बात जो , सुने अगर औलाद । तो पछतावा क्यों रहे , फिर गलती के बाद ।। मातु-पिता हर से कहे, प्रखर जोड़ कर हाथ । अपनी खातिर भी जिओ , रह के दोनों साथ ।। मातु-पिता गुरुदेव का , करता नित सम्मान । जिनकी इच्छा से बना , मैं अच्छा इंसान ।। तीनों दिखते हरि सदृश , मातु-पिता गुरुदेव । वह ही जीवन के सुनो , मेरे बने त्रिदेव ।। मातु-पिता के बाद ही , मानूँ मैं संसार । पहले उनका ही करूँ , व्यक्त सदा आभार ।। मातु-पिता क्यों सामने, क्यों खोजूँ भगवान । उनकी मैं सेवा करूँ , स्वतः बढ़े अभिमान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून
दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून
read moreHarshvardhan असरार जौनपुरी
#poetryunplugged जैसी हो वैसे ही पसंद किया है तुम्हें कोई बदलाव नहीं चाहिए अब तुममे और बात-बात पर तुम्हारा खफा होना तुम्हें मनाते रहना अच्
read moreANATH SHAYAR
हा,हूं बीबी का गुलाम #wifeandhusbandrelationship #wife love #lovestatus #follow #sedfeel #bebafasta
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