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मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
White दिल मोहब्बत से भर चुका है अंकुर, हसीन चेहरे भी अब आम लगने लगे हैं.. ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर * #love_qoutes दिल मोहब्बत से भर चुका है अंकुर, हसीन चेहरे भी अब आम लगने लगे हैं.. sad love shayari
#love_qoutes दिल मोहब्बत से भर चुका है अंकुर, हसीन चेहरे भी अब आम लगने लगे हैं.. sad love shayari #Love
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ऊँची उड़ानों का दम्भ भर बैठे घुटन उतनी भारी है समसामयिक जीवन पीछे छूटा दिलो पर बोझ पड़ता भारी है घुमक्कड़ पन और सुख सुविधा को विकास मान बैठे अंतर्विरोध जीवन का भारी है भले कनेक्टीविटी जुड़ी हो दुनियाँ भर से जरूरत के कितने संग साथी है उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का कद बौना लिये घूमता है विषमता और गैर बराबरी जोरो पर है अस्तिव की लड़ाई लिये, मारा मार मानव फिरता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #engineers_day उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का #nojotohindi
#engineers_day उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का #nojotohindi #कविता
read moreHimanshu Prajapati
White सबसे पहला ख्याल तेरा है, तू किसी और की क्यों होंगी ये सवाल मेरा है, मोहब्बत में जान लेना और देना अब तो आम है तुझे कोई और चाहें ...हूं..... यह बवाल मेरा है..! ©Himanshu Prajapati #indian_akshay_urja_day सबसे पहला ख्याल तेरा है, तू किसी और की क्यों होंगी ये सवाल मेरा है, मोहब्बत में जान लेना और देना अब तो आम है तुझे
#indian_akshay_urja_day सबसे पहला ख्याल तेरा है, तू किसी और की क्यों होंगी ये सवाल मेरा है, मोहब्बत में जान लेना और देना अब तो आम है तुझे #विचार #hpstrange #36gyan
read morearvind bhanwra ambala. India
White इक आम, इक खास, दोनों का राज फराश। इक मीठा, उपर से भीतर गर्म तासीर लिए, इक खास बना इक महफ़िल का बहुतों का काम तमाम किए। ©arvind bhanwra ambala. India #आम खास
Mohan Sardarshahari
आज रेगिस्तान में खेती होने लगी खजूरी धरती उगाती मेवे , कम होने लगी जी हूजूरी ।। ©Mohan Sardarshahari खजूरी खेती
खजूरी खेती #Life
read morePRIYANKA
White हां, मैं एक आम गृहणी हूं। हाशिए पर जिसने अपने गुण जोश को धकेला है। घर की नैया पतवार भी हूं। किरदार मेरा अलबेला है। करना तो बहुत कुछ जीवन में बस समयचक्र का खेला है। कभी गुल्लक की पाई बनकर खुश हूं। कभी धनिए ,टमाटर,बढ़ती महंगाई को टटोला है। होती हूं संतुष्ट और जब थोड़ी खुश , तब ठेस पहुंचाते हुए हंसना मत, मत समझना मेरी कोई औकात नही। शायद मेरी महत्ता को समझ पाओ, तुम्हारी मानसिकता की उतनी बिसात नही, हां, मैं वो आम गृहिणी हूं। जो अपने आज को गिरवी रख , दूसरों का कल लिखती हूं । ©PRIYANKA #आम गृहिणी
#आम गृहिणी
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