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Stories related to harappa sanskriti

Malwinder kaur Mmmmalwinder

#sanskriti Mmmmalwinder💞

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White संस्कृति की क्या बात करते
यह सब देखा करते थे
विदेशो की कौन सी होती संस्कृति
इस पर विचार किया करते  थे....
    धीरे धीरे भारत भी अपनी
संस्कृति भूल गया
   विदेशो के चक्कर में अपना 
रहन - सहन ही जैसे खो दिया ...
  किसी के आने से कैसे चहल - पहल
हुआ करती थी
 दूर के रिश्तेदार बताकर घर में आओ
भगत हुआ करती थी
   जैसे घर में कोई त्योहार हो ऐसे चहल - पहल रहती थी....
  अब भाई को भाई एक आँख से भाता नही
सभी अपने में मस्त हो गए 
  चहल पहल तो दूर अब त्योहारो की तरह अब रिश्ते ही खो गए
  भाई भाई को नही पूछता
भाई बहन का प्यार नही रहा
खुन जैसे लाल से सफेद हो गए...
    खाने का हाल बेहाल हो गया
 विदेशो का यह रुख चार हो गया
रोटी-सब्जी खाने से यह कतराते है
विदेशी खाने के यह अब दिवाने हो गए
उलेबी रसमलाई से दूर भागते
चाय भी अब शुगर फरी टैबलट वाली पीते है....
   ताजा हवा भी अब गुम हो गई
इसकी जगह अब Ac ने जो ले ली
तभी तो इंसान में तब्दीली हो गई
बाहर खेलने के बजाए बच्चो
ने मोबाइल और टीवी ने ले ली....
  फैशन का भी मुकाबला जोर शोर से हो गया
सोचा था क्या , इंसान क्या हो गया
संस्कृति भी भारत की अब गुम हो गई
जैसे लडकियो की चुनरी खो गई
लड़कियो को लड़को जैसे बाल रखने
का फैशन हो गया
  लड़को को लड़कियों का बाल बड़ाने का फैशन हो गया
  अजीब सी यह अपनी संस्कृति हो गई
असल को छोड़कर दुनिया विदेशों में खो गई...

©Malwinder kaur Mmmmalwinder 
#sanskriti
#Mmmmalwinder💞

aditi the writer

#sanskriti Niaz (Harf) vineetapanchal आगाज़ shraddha.meera Da "Divya Tyagi"

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White पाश्चात्य के रंग चढ़े इस कदर,
भूल रहे अपनी जड़ें, अपना सफर।
जहाँ थे मंत्र, श्लोक, हमारी पहचान,
अब बदल रहा है सबका ही मान।

जींस, टी-शर्ट में लिपटी है जवानी,
भूल गए धोती, साड़ी की कहानी।
फास्ट फूड की थाली में स्वाद नया,
पर खो गया मां के हाथों का छौंका हुआ।

त्योहार अब बन गए बस एक रीत,
कब छूट गई उनमें वो दिल की प्रीत?
दिवाली की दियों की जगह ले ली रौशनी ने,
होली की खुशबू को बदल दिया केमिकल ने।

संस्कार, संस्कार अब बस नाम के,
पश्चिमी हवाओं में बहते हैं हम आम के।
अंग्रेज़ी में लिपटी हर एक बातचीत,
हिंदी और मातृभाषा कहीं खो गई प्रीत।

वो भी ज़रूरी है, प्रगति की राह,
पर अपनी संस्कृति क्यों छोड़ें ये चाह?
पाश्चात्य से सीखें, पर भूलें न अपनी धरोहर,
क्योंकि वही है हमारी पहचान का आधार।

आओ मिलकर चलें इस नये दौर में,
अपनी संस्कृति को रखें हम अपने गौरव में।
पश्चिम की चमक में खो न जाएं,
अपनी धरोहर को दिल से सजाएं।

©aditi the writer #sanskriti  Niaz (Harf)  vineetapanchal  आगाज़  shraddha.meera  Da "Divya Tyagi"
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