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Stories related to ग़र्क़-ए-दरिया

Ghumnam Gautam

नहीं मैं डूबता तो और क्या करता मेरे यारो!
न तो कश्ती समझ आई,न दरिया ही समझ आया

©Ghumnam Gautam #कश्ती 
#दरिया 
#ghumnamgautam

अज्ञात

#राह-ए-ज़िंदगी

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दिल कहता है रुठों को मनाना होगा 
वो न झुकें तो ख़ुद झुक जाना होगा 

दिल के मेहमाँ हैं वो तमाम नखरों के 
उन्हें तो सर आँखों में बिठाना होगा 

तमाम गिले शिकवे भाड़ में डालकर 
ए दुश्मनों तुम्हें भी गले लगाना होगा 

जमाना कहता रहे चाहे बुज़दिल मुझे 
इसी राह मेरे कदमों में जमाना होगा 

इस जमीं ने इक छत तक न दिया मुझे 
अब तो हर दिल मकाँ बनाना होगा 

मैं कब तक उठाकर चलूँ गुरुर अपना 
इक दिन तो सब ख़ाक में जाना होगा 

कोई बैठा है मेरे अन्दर स्वासों के लिये 
बाद मोहलत तो वो भी रवाना होगा 

ए ज़िंदगी क्या बार बार मिल पायेगी तू 
हम गये तो फिर जाने कब आना होगा

©अज्ञात #राह-ए-ज़िंदगी

Parasram Arora

गम का दरिया

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White संजीदा होने के बावजूद 
वो हँसी  बिखेरने 
की कोशिश कर रहा हैँ 

लगता हैँ 
उसके भीतर कही. 
गम का कोई दरिया 
न बह रहा हो

©Parasram Arora गम का दरिया

Anuj Ray

# दर्द ए दिल #

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White दर्द ए दिल, कोई 
शिकवा या शिकायत नहीं, ये निशानी है।

खुशी से जी रहे ,
यादों में जिसकी आज तक, वो जिंदगानी है।

©Anuj Ray # दर्द ए दिल #

unknownफिलहाल

लफ्ज़ ए दिल...

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White बैठी मैं अकेले  मैं अक्सर 
मैने अकेलेपन से दोस्ती की
रात के तारों से दोस्ती की
दिन की सूरज की किरणों दोस्ती की
तन्हाई अक्सर पूछा करती मुझसे  तमन्ना क्या है तेरे 
और मैं कमबख्त जो रोज फिर से तन्हा हो जाती...

©Mahima Bisht लफ्ज़ ए दिल...

BINOदिनी

दर्द-ए-बयान

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White कुछ बातों को भूलाना ,
कुछ लम्हों को गुजारना,
आसान नहीं होता।
चुभते हुए लफ़्ज़ों के खंजर,
बिन पौधों के जमीन यह बंजर।
सहना आसान नहीं होता।।

©BINOदिनी दर्द-ए-बयान

हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

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White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha ए दिल..

Deepak "New Fly of Life"

शक्ति ए औरत

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रोते रोते मुस्कुराने का,
हुनर सीख लेते हैं,
ये औरतें हैं जनाब,
सब कुछ सह लेते हैं।
न जाने कहाँ से मिली,
इन्हें ये ताकत है,
जिसे बस रोने में जाया कर देते हैं।
अगर पहचान लें ये,
और समझ लें,
खुद के अपने ज़ज़्बात को,
तो ये काली माँ से कम नहीं होते हैं।
रोते रोते मुस्कुराने का,
हुनर सीख लेते हैं,
ये औरतें हैं जनाब,
सब कुछ सह लेते हैं।

©Deepak "New Fly of Life" शक्ति ए औरत

Parasram Arora

दरिया दिल

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White लोग आज भी मुझे  उलाहना 
देते है कि मैं दरिया दिली  से 
लोगो की मदद क्यों नही करता 

 कैसे समझाऊ मैं उन लोगो को.
कि अभी तो मैं  दरिया का कतरा मात्र  हू 
मुझे दरिया बनने मे एक लम्बा वक्त लग
सकता है

©Parasram Arora दरिया दिल

Shashi Bhushan Mishra

#बेड़ा स्वयं ग़र्क़ करता है#

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White बेड़ा स्वयं  ग़र्क़ करता है, 
घण्टा नहीं फ़र्क पड़ता है,

बेमतलब की बातों पर भी, 
मूरख सदा  तर्क  करता है,

अपनी ही  करतूतों से वह, 
जन्नत जहाँ नर्क  करता है,

सच्चा वैद्य हरे दुःख पीड़ा, 
जड़ी पीस अर्क  करता है,

सूरज की  गर्मी से  मतलब, 
नाहक मकर कर्क करता है,

अंतर्घट की प्यास बुझा लो,
गुरुवाणी  सतर्क  करता है,

'गुंजन' विला जरूरत के भी, 
बस दिन-रात  वर्क करता है,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra #बेड़ा स्वयं ग़र्क़ करता है#
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