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रघुराम
White जाने कितना कष्ट उठा हम जिए। रहलत को थोङी दूर बैठा हम जिए।। टूटी बार बार उम्मीद की लङी। हर बार सॉत्वना का देदे गॉठा हम जिए।। बार बार नासाज किया जिन्दगी ने मुझे। हर बिघ्न को दिल से उठा हम जिए।। ऐसे ही कयी दौर बीतते रहे जिन्दगी के। वक्ती तुफॉ समझ मीठा हम जिए।। क्या हुआ कि क्या करे समझ ना आया कुछा ईश्वर को हर दिन प्रार्थना पठा हम जिए।। ©रघुराम #good_night गजल
#good_night गजल
read moreSatish Deshmukh
White वाटले होते मला की वाटिका आहे जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे ©Satish Deshmukh गजल
गजल
read moreRashmi Gupta
White ठोकर का दर्द कोई सिख जाता हैं तो कोई बिखर जाता हैं कोई मुस्कुरा के दर्द छिपाता हैं तो कोई ऑंसुओ में डूब जाता हैं , ©Rashmi Gupta #Dard# शायरी दर्द शायरी दर्द
#Dard# शायरी दर्द शायरी दर्द
read moreMadhusudan Shrivastava
White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava #गजल मुस्कुरा के रूप
#गजल मुस्कुरा के रूप
read moreGhanshyam Ratre
आपके मुलाकात से ही ऐसा लगता है दुनिया की हर खुशीयां मुझे मिल गया हो। आपसे इतना प्यार है कि आपसे दूर होकर एक पल भी जीना मुश्किल बन गया हो।। ©Ghanshyam Ratre प्यार भरा मुलाकात
प्यार भरा मुलाकात
read moreNilam Agarwalla
White आँखों में ख़्वाहिशों के सितारे लिए! क्या-क्या सोचा था मैंने हमारे लिए! ए सितमगर! नहीं छोड़ी तुमने कसर, रो रही हूँ क्यों फ़िर भी तुम्हारे लिए? तुमको सारे ज़माने ने जो ग़म दिए, उनके बदले मुझ ही से क्यों सारे लिए? न ही कन्धे, न मय, न धुआँ, न दवा, सह गई सब, बिना कुछ सहारे लिए! तुमने तोड़ा भरोसे को क्यों इस कदर? फैसले दिल ने कुछ, डर के मारे लिए! "भावना" की तो पहचान आसान है, हँस रही आँखों में अश्क़ खारे लिए! ~ भावना आरोही - #kavyitri #kavita ✍️ #word ©Nilam Agarwalla #गजल