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Mahesh Patel
White सहेली.... निगाहें उनकी और कातिल हम हो गए.. देखा उन्होंने हमें और बदनाम वो हो गए.. लाला..... ©Mahesh Patel सहेली... बदनाम... लाला...
सहेली... बदनाम... लाला...
read moreशायर विजय सर जी
शेर मेरी किरदार को शायद , वो समझ गए होते, हम मौत के संग सोते हैं, शायद जगाया होता, हम जग गए होते।। लेखक : विजय सर जी ©Vijay Kumar शायर 'दर्द भरी शायरी'
शायर 'दर्द भरी शायरी'
read moreहिमांशु Kulshreshtha
इन सर्द रास्तों पर कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं एक खौफनाक अंधेरा है पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए बहा ले जा रही है मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख हथेलियों में समेट रहा हूँ बारिशें पर ये टिकती नहीं सर्द हवाएँ अंदर तक कुरेद रही है मुझे मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश अपने अंदर के शोर को साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं … मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर मिटाना चाहता हूँ जिंदगी की पगडंडियों से गुजरती तुम्हारी यादें भूलना चाहता हूॅं तुम्हारी खनकती हँसी खुद को… यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं तुम नहीं हो अब …. तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम इन भीगी हुई हथेलियों के बीच गुनगुनी छुअन बन कर सुनसान सड़क पर रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ मेरे साथ नहीं हो तुम मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम. ©हिमांशु Kulshreshtha मैं...
मैं...
read moreANSARI ANSARI
White इन्सान बुढ़ा जरुर होता है। मगर प्यार बुढ़ा नही होता। खुद सोचो जो बुढ़ा नही होता। उसका मक़ाम क्या होगा। ऐसा सोच रहा तो हर आने। वाली पीढ़ी कभी बदनाम नही। होगा। ©ANSARI ANSARI कभी बदनाम नही होगा।
कभी बदनाम नही होगा।
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White मै ही रहा मन से दग्ध और देह से शापित दर्द उगता है दिल में तेरी यादों के जालों से घिरा रहता हूँ मैं अकुलाता उमड़ते ज्वार सा ©हिमांशु Kulshreshtha मैं....
मैं....
read moreShashi Bhushan Mishra
ज़िन्दगी चलती नहीं क़िताब से, चला करिये उम्र के हिसाब से, भोर में चिड़िया जगाने आ गई, सोईए मत जागिए भी ख़्वाब से, बारिशों में नदी हर नाला लगे, उतर जायेगा महज बहाव से, हरतरफ बैठा शिकारी घात में, आत्मरक्षा कीजिए बचाव से, सजगता से करें रक्षा फसल की, कीटनाशक डाल दें छिड़काव से, प्रेम से पालें कबूतर शांति का, धूप बारिश रोकिए मेहराब से, तिश्नगी भी बढ़ाती बेकली 'गुंजन', मिला करियेगा दिल-ए-बेताब से, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra #चला करिये उम्र के हिसाब से#
#चला करिये उम्र के हिसाब से#
read moreJEETENDRA Sharma
White पता ही नहीं चला केसे दिन गुजर गए, पता तो तब चला जब तुम बदल गए। ©JEETENDRA Sharma पता नहीं चला
पता नहीं चला
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