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samandar Speaks
White ढूंढता हूँ उसे सबकी भीड़ में पर उसे कही नहीं पाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता हालांकि रंगीन कपड़ों में बच्चों को देखता हूं भागते हुए खेतों की पगडंडियों पे सबको लहराते हुए कमजोर सा शरीर लिए मांओ का दउरा उठाते हुए इस भीड़ में कही अपना वो दउरा नहीं पाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता घाट कि सफाई आज भी बड़े जुनून में करते हैं मेरे दोस्त आज भी फावड़ा,कुदाल,टोकरी लिए घर आते हैं मेरे दोस्त आज भी बचपन के पल्लू तले बेशक बुलाते हैं मेरे दोस्त पर उनके साथ कैसे जाऊं,कोई मां के कातर स्वर नहीं सुनाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता राजीव ©samandar Speaks #love_shayari Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia अंजान Radhey Ray Internet Jockey
#love_shayari Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia अंजान Radhey Ray Internet Jockey
read moreGudiya rana abhi bakai kuch rashten Tai karna @
Internet Jockey AbhiJaunpur ਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ (RAVI) दुर्लभ "दर्शन" Anil Anil V
read morevishal vashisth
White the real ratan tata committed love story ❤️💯 किया था जिससे मोहब्बत अब वो किसी और की हो गई ((मैं पुरे देश का हो गया और वो सिर्फ किसी एक की हो गई)) ©vishal vashisth #Ratan_Tata Internet Jockey
#Ratan_Tata Internet Jockey
read moreyashomitra singh
Ek ahura khwab dekha mene Khud ko Teri bbahon me dekha mene Dil ki hsrat Pura krne ki tamana to bahut thi Magar Nazare Khuli to ankhon me apni Tera shabab dekha mene ©yashomitra singh Vikas Yadav Sircastic Saurabh VED PRAKASH 73 Jassi Jass Internet Jockey
Vikas Yadav Sircastic Saurabh VED PRAKASH 73 Jassi Jass Internet Jockey
read moresamandar Speaks
White मैं शिक्षक हूँ पहले ये शब्द, आध्यात्मिक चेतना का उत्सर्ग था, ज्ञान की रोशनी, जिज्ञासा का पथप्रदर्शक था, समर्पण की मूरत, संवेदनाओं का सागर, आशाओं का दीपक, जो जलता था हर घर। पर आज, ये शब्द बन गया है तिरस्कार का दंश, आवाज़ में अवमानना का वजन है अधिक, सम्मान की जगह व्यंग्य और ठहाके हैं, निष्ठा को आज नापते हैं पैसों के तराजू में। मगर मैं तो वही हूँ, जिसने सिखाई थी उड़ान सपनों को, जिसने थामी थी नन्हे हाथों की उँगलियाँ, जो हर ग़लती पर कहता था, "कोई बात नहीं, फिर से कोशिश करो।" अब भी मैं वही हूँ, जो अंधेरों में रोशनी का नाम लिए खड़ा हूँ, भले ही शब्दों में चुभन हो, पर मेरा दिल अब भी सिर्फ़ ज्ञान की सेवा में डटा है। मैं शिक्षक हूँ, और ये जिम्मेदारी, मेरे लिए सिर्फ़ एक काम नहीं, एक व्रत है, एक धर्म है, जिसे मैं हर कठिनाई के बावजूद निभाऊँगा। राजीव ©samandar Speaks #GoodMorning अंजान Radhey Ray Internet Jockey Satyaprem Upadhyay Sandeep L Guru
#GoodMorning अंजान Radhey Ray Internet Jockey Satyaprem Upadhyay Sandeep L Guru
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