Find the Latest Status about cloud poem from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, cloud poem.
kavi Abhishek Pathak
रात भर एक चाँद का साया रहा, दिल में कोई खामोश उजाला रहा। तारों ने कहानियाँ बुन दी कई, पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा। चुपके से हवाओं ने कुछ कहा, जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया। दिल की किताब में एक पन्ना खुला, और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा। ©kavi Abhishek Pathak #poem
diya the poetter
White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter #poem
S Priyadarshini
White जिंदगी में ठोकरे हमें मजबूर नहीं अंदर से कठौर बना देते हैं l 🙏 ©S Priyadarshini #good_night #Nojoto #poem#poetry#poem
#good_night #poempoetry#poem
read moreNC
चुप्पी मन को चुभती है बदरा गरज कर शांति की बूंदे बरसा तरस गए हैं श्रवण को तेरा ये गर्जन पिपासा को बदरा कुछ तो बुझा ।। तू गरजे तो बिजुरी कौंधे मन की बिजुरी आंखें मूंदे हो शांत मन का अंधेरा बरसे तन पर तरसी बूंदें ।। तेरी गर्जन शांत कर दे वो रूदन जीवों का वो करुण क्रंदन निरीह प्राणियों पर तरस तो खा आज बरसों की प्यास बुझा ।। ©NC #cloud #life कविताएं कविता कोश
#cloud life कविताएं कविता कोश
read moreDeepa Ruwali
चंद बादलों की ओट से पूरी रात तिमिर छाया रहा, और हम रातभर चांद के दीदार में बैठे रहे।। ©Deepa Ruwali #SAD #Life #Night #cloud #Poetry #Shayari
Amod Kumar Jaiswal
White कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ २-४७ तू कर्म को प्रधान मान और चल दे अपनी राह पर, संघर्ष तेरा कर्म पर हो तू फल की ना कोई चाह कर । तू कर्म को प्रबल बना खुद को उसमें झोंककर , मिलेगी तुझको ही विजय तू कर्म पर विश्वास कर। कर्म से ही तेरी भाग्य का निर्माण होगा , आज जिसकी चाह है तुझको कल वो तेरे पास होगा । -Amod Jaiswal ©Amod Kumar Jaiswal #poem