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Rakesh frnds4ever
White टूटा टूटा एक परिंदा ऐसे टूटा की फिर जुड़ ना पाया लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा की फिर उड़ ना पाया गिरता हुआ वो आसमां से आकर गिरा ज़मीन पर ख्वाबों में फिर भी बादल ही थे वो कहता रहा मगर खो के अपने पर ही तो उसने था उड़ना सिखा गम को अपने साथ में ले ले दर्द भी तेरे काम आएगा टुकड़े-टुकड़े हो गया था हर सपना जब वो टूटा लुटा लूटा सबने उसको ऐसे लूटा ,,,, ©Rakesh frnds4ever #टूटा टूटा एक #परिंदा ऐसे टूटा की फिर जुड़ ना पाया लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा की फिर #उड़ ना पाया गिरता हुआ वो #आसमां से आकर गिरा #ज
Rahul Raj Patel
White जो बीत गई , वो बात गई ©Rahul Raj Patel #sad_dp जो बीत गई.. सो बात गई..! जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आनन को देखो कितने इसके तारे टू
#sad_dp जो बीत गई.. सो बात गई..! जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आनन को देखो कितने इसके तारे टू
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White रतन जी टाटा को श्रद्धा नत श्रद्धांजलि भारत रतन का भाग्य , आज अचानक रूठ गया। ऐसा लगा कि मानो आसमान से एक सितारा टूट गया। कर्ण जैसे महादानी का भी, रथ का पहिया टूट गया। आज भारत माता के दामन का फिर से एक किनारा छूट गया। एक कोहिनूर अंग्रेजों ने लूटा। दूजा आज राम ने लूट लिया। शोक विकल है भारत माता, धीरज का सोता फूट लिया। अरे विधाता ! तूने हमसे, रतन हमारा लूट लिया। शोक- मग्न है देश हमारा, आँखों का तारा टूट लिया। ©बेजुबान शायर shivkumar #Ratan_Tata #RIP #ratantata #कविता #कविता95 Sana naaz Aman Singh angel rai Sethi Ji puja udeshi हॉलीवुड की फिल्म हिंदी फिल्म बॉलीवुड फ
#Ratan_Tata #RIP #ratantata #कविता #कविता95 Sana naaz Aman Singh angel rai Sethi Ji puja udeshi हॉलीवुड की फिल्म हिंदी फिल्म बॉलीवुड फ
read morePahadi Kings
"अपनी कमजोरी उन्हें ही बताये, जो हर हाल में मजबूती से आपके साथ खड़े हो, क्यूंकि रिश्ता हो या मोबाइल, नेटवर्क न हो तो लोग गेम खेलने लगते है !
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल मौत थीं सामने ज़िन्दगी चुप रही दर्द के दौर मैं हर खुशी चुप रही जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को बंद आँखें वही मुखबिरी चुप रही दीन ईमान वो बेच खाते रहे जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।। बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल । और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।। देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे । जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल मौत थीं सामने ज़िन्दगी चुप रही दर्द के दौर मैं हर खुशी चुप रही जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को बंद आँखें वही मुखबिरी चुप रही
ग़ज़ल मौत थीं सामने ज़िन्दगी चुप रही दर्द के दौर मैं हर खुशी चुप रही जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को बंद आँखें वही मुखबिरी चुप रही
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