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Stories related to लूटा गेम

Rakesh frnds4ever

#टूटा टूटा एक #परिंदा ऐसे टूटा की फिर जुड़ ना पाया लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा की फिर #उड़ ना पाया गिरता हुआ वो #आसमां से आकर गिरा ज

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Rahul Raj Patel

#sad_dp जो बीत गई.. सो बात गई..! जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आनन को देखो कितने इसके तारे टू

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White जो बीत गई ,
वो बात गई

©Rahul Raj Patel #sad_dp जो बीत गई.. सो बात गई..!

जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अम्बर के आनन को देखो
कितने इसके तारे टू

बेजुबान शायर shivkumar

#Ratan_Tata #RIP #ratantata #कविता #कविता95 Sana naaz Aman Singh angel rai Sethi Ji puja udeshi हॉलीवुड की फिल्म हिंदी फिल्म बॉलीवुड फ

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White रतन जी टाटा को श्रद्धा नत श्रद्धांजलि

भारत रतन  का भाग्य ,
आज अचानक रूठ गया।
ऐसा लगा कि मानो आसमान से 
एक   सितारा  टूट   गया।

कर्ण जैसे महादानी का भी,
रथ का पहिया टूट गया।
आज भारत माता के दामन का
फिर से एक किनारा छूट गया।

एक कोहिनूर अंग्रेजों ने लूटा।
दूजा आज राम ने लूट लिया।
शोक विकल है भारत माता,
धीरज  का  सोता फूट लिया।

अरे विधाता  !  तूने हमसे,
रतन  हमारा  लूट  लिया।
शोक- मग्न है देश हमारा,
आँखों का तारा टूट लिया।

©बेजुबान शायर shivkumar #Ratan_Tata #RIP #ratantata #कविता #कविता95  Sana naaz  Aman Singh  angel rai  Sethi Ji  puja udeshi  हॉलीवुड की फिल्म हिंदी फिल्म बॉलीवुड फ

Pahadi Kings

"अपनी कमजोरी उन्हें ही बताये, जो हर हाल में मजबूती से आपके साथ खड़े हो, क्यूंकि रिश्ता हो या मोबाइल, नेटवर्क न हो तो लोग गेम खेलने लगते है !

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Rinkesh

भाई किस किस ने इस फोन में सांप वाला गेम खेला है। comedy video

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

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White ग़ज़ल 
मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही 
दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही 

 जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को 
बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

दीन ईमान वो बेच खाते  रहे 
जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही 

बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ
उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही

वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें
देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।।

बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल ।
और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।।

देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे ।
जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 
ग़ज़ल 
मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही 
दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही 

 जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को 
बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 
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