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Jorwal
White तन्हाई में भी एक अजीब सी डौर है जो खींचती है,लगातर निज की ओर;और कहती है चल मिलतें हैं आज एक और खुद से । ©Jorwal #Sad_Status कृष्णा वाघमारे, जालना , महाराष्ट्र,431211 Santosh Narwar Aligarh (9058141336) kiran kee kalam se Praveen Storyteller Author
#Sad_Status कृष्णा वाघमारे, जालना , महाराष्ट्र,431211 Santosh Narwar Aligarh (9058141336) kiran kee kalam se Praveen Storyteller Author
read moreSarfaraj idrishi
किसी के बारे में गलत गुमान ना रखें क्योंकि आप उसकी जिंदगी की उलझनो से वाकिफ नहीं है ©Sarfaraj idrishi #Life किसी के बारे में गलत गुमान ना रखें क्योंकि आप उसकी जिंदगी की उलझनो से वाकिफ नहीं है Monu Kumar pinky masrani Sana naaz कृष्णा वाघमा
#Life किसी के बारे में गलत गुमान ना रखें क्योंकि आप उसकी जिंदगी की उलझनो से वाकिफ नहीं है Monu Kumar pinky masrani Sana naaz कृष्णा वाघमा
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।। गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार । हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।। वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार । बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।। कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार । तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।। हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद । गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द । हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान । हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।। सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार । आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।। हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान । ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब
दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब
read moreOdysseus
Rap टूटी चप्पल, सस्ते कपड़े बटुआ अपना ख़ाली है हर मौसम में साथ निभाती अपनी ये कंगाली है कोई ताने देता है तो
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