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संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक जैसे विचार वैसा जीवन . . विधा सुविचार . . #Trending #radhekrishna #राधेराधे #femalerealvoice #कवितावाचक #tarukikalam #devotionally_spiritually_taru #जैसैविचारवैसाजीवन
read morepuja udeshi
White बुढ़ापा क्यो आता हैं????? जवानी ले जाता हैं, एक नहीं 100 दर्द दिए जाता हैं शरीर क्यो कमजोर पड़ जाता हैं सहारा भी छूट जाता हैं जब पति चला जाता हैं अब उम्मीद बेटे से वो भी बहु की सुनता हैं कोई शिकवा शिकायत नहीं करती दिन तो कट ही जाता हैं मौत का इंतज़ार कर रही हूँ कब चली जाऊ...... क्या पता बेटा भी शायद यही चाहता हैं 🥹 ©puja udeshi #बुढ़ापा #pujaudeshi Kavi Himanshu Pandey MD Raja chetan parihar Arshad Siddiqui Dr. uvsays बुढ़ापा क्यो आता हैं????? जवानी ले जाता हैं,
#बुढ़ापा #pujaudeshi Kavi Himanshu Pandey MD Raja chetan parihar Arshad Siddiqui Dr. uvsays बुढ़ापा क्यो आता हैं????? जवानी ले जाता हैं, #SAD
read moreMiMi Flix
"मोनू हाथी की धैर्य की परीक्षा: बच्चों के लिए नैतिक शिक्षा की कहानी" - मोनू हाथी और धैर्य" एक प्रेरणादायक हिंदी कहानी है जिसमें मोनू हाथी को #वीडियो
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष वर्ग नारी पर भारी , क्यों होता है करो विचार । निकल पड़ो हाथो में लेकर , घर से अपने आज कटार ।। बेटे भाई पति को अपने , दान करो अपने शृंगार । तुम जननी हो इस जग की .... कितनी बहनें कितनी बेटी , होंगी कब तक भला शिकार । चुप बैठी है सत्ता सारी , विवश हुआ है पालनहार ।। मन में अपने दीप जलाओ , नहीं मोम से जग उँजियार । तुम जननी हो इस जग की ..... छोड़ों चकला बेलन सारे , बढ़कर इन पर करो प्रहार । बहुत खिलाया बना-बना कर , इन्हें पौष्टिक तुम आहार ।। बन चंडी अब पहन गले में , इनको मुंडों का तू हार । तुम जननी हो इस जग की .... बन्द करो सभी भैय्या दूज , बन्द करो राखी त्यौहार । ये इसके हकदार नही है , आज त्याग दो इनका प्यार ।। जहाँ दिखे शैतान तुम्हें ये , वहीं निकालो तुम तलवार । तुम जननी हो इस जग की .... सिर्फ बेटियाँ जन्म लिए अब , सुतों का कर दो बहिष्कार । खो बैठें है यह सब सारे , बेटा होने का अधिकार ।। मिलकर जग से दूर करो यह , फैल रहा जो आज विकार । तुम जननी हो इस जग की .... तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष
गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष #कविता
read morepuja udeshi
भूमिका movie देखी इस मे नारी के चरित्र, भावनाओं क़ो बखूबी दिखाया है जो मर्द जाति की सताई और अपने सपनो क़ो खोजती है पर सच्चे प्यार के लिए तरस जाती है पुरुष वर्ग नारी क़ो सिर्फ बिस्तर तक आनंद की चीज समझता है उसका use करता है सिर्फ money की खातिर, बचपन से असूलो की सूली चढ़ी नारी बचपन खो जवानी मे भटक जाती है, प्यार क्या होता है ये नहीं जान पाती, कई बार धोखा फरेब से तंग आकर अकेले रहने का विचार करती है 👌🏻very nice movie, जरूर देखे... ©PФФJД ЦDΞSHI भूमिका movie देखी इस मे नारी के चरित्र, भावनाओं क़ो बखूबी दिखाया है जो मर्द जाति की सताई और अपने सपनो क़ो खोजती है पर सच्चे प्यार के लिए तरस ज
भूमिका movie देखी इस मे नारी के चरित्र, भावनाओं क़ो बखूबी दिखाया है जो मर्द जाति की सताई और अपने सपनो क़ो खोजती है पर सच्चे प्यार के लिए तरस ज #Love #pujaudeshi
read moreBROKENBOY
White तेज़ आवाज़, आवारा हसी, तुम पागल जैसे क्यूं रहते हो? तुम ऐसे मुझको क्यूं देखते हो? मैं हूं कंकड़, तुम हो मोती तुम कंकड़ क्यूं बटोरते हो? तुम ऐसे मुझको क्यूं देखते हो? सच हूं में, पक्का हार जाऊंगी तुम झूठ मुझसे क्यूं बोलते हो? तुम ऐसे मुझको क्यूं देखते हो? हवा हूं मैं ,मुझे उड़ने दो तुम मुझे बांधने क्यूं आते हो? तुम ऐसे मुझको क्यूं देखते हो? कमजोर नज़र, कमजोर है दिल तुम आंसू मेरे लिए बहाते हो? तुम ऐसे मुझको क्यूं देखते हो? ©BROKENBOY #sad_shayari sad shayari in hindi तेज़ आवाज़, आवारा हसी, तुम पागल जैसे क्यूं रहते हो? तुम ऐसे मुझको क्यूं देखते हो? मैं हूं कंकड़, तुम
#sad_shayari sad shayari in hindi तेज़ आवाज़, आवारा हसी, तुम पागल जैसे क्यूं रहते हो? तुम ऐसे मुझको क्यूं देखते हो? मैं हूं कंकड़, तुम
read moreManya Parmar
अकेले हर अधिकार रखना, खुद को महान औरों को कुछ नही समझना, बुध्दि सबसे ज्यादा है तो औरत को दबाना, मुसीबत आने पर बुद्धि शांति धैर्य को तिलांजलि #olympics
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
shayari खुदाया तेरी ये दुनियां भी उकता गई हैं,के*जुल्मते _गिरफ्त से घबरा गई है//१ *घोर अन्धकार की पकड़ क्या उफ्फ करूँ,और क्या आह भरूं,बिन ब #shayri #shamawritesBebaak
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White खुदाया तेरी ये दुनियां भी उकता गई हैं, के*जुल्मते_गिरफ्त से घबरा गई है//१ क्या उफ्फ करूँ,और क्या आह भरूं,बिन बोले मेरी ये*लब_कुशाई भी अब शरमा गई है//२ सावन के चरे को हरा ही हरा दिखा,इन किफायती चश्म से अबतक ना हाय तौबा गई है//३ अपनी सादादिली की सजा ये भुगती, के बाइसे सादगी ही हमे ठुकरा गई है//४ एक बशर जो लगता था बेहद अज़ीज़, उसी अज़ीज़ की अब बेवफाई रुला गई है//५ *वालिद की*फौतगी ने वो_वो मंज़र दिखाए,के अपनों की बद_सलुकी भी बेहिसाब सता गई है//६ खुदाया आस पास से होकर मायूस, "शमा"की*आहफुगा भी अब थर्रा गई है//७ #shamawritesbebaak #poetry #shayri ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Sad_shayri खुदाया तेरी ये दुनियां भी उकता गई हैं,के*जुल्मते _गिरफ्त से घबरा गई है//१ *घोर अन्धकार की पकड़ क्या उफ्फ करूँ,और क्या आह भरूं,बि
#Sad_shayri खुदाया तेरी ये दुनियां भी उकता गई हैं,के*जुल्मते _गिरफ्त से घबरा गई है//१ *घोर अन्धकार की पकड़ क्या उफ्फ करूँ,और क्या आह भरूं,बि #shamawritesBebaak
read moreGautam (motivation ji)
White संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है, फिर चाहे वो कितना भी कमजोर क्यों न हो! ©Gautam (motivation ji) संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है, फिर चाहे वो कितना भी कमजोर क्यों न हो! #viral #Life
संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है, फिर चाहे वो कितना भी कमजोर क्यों न हो! #viral Life #Motivational
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