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बेजुबान शायर shivkumar
White कुछ अधूरे अफसाने कुछ अधूरे अफसाने भी ,कुछ दिल में बसे रह गए । जिन्हें तुम कभी लिख न पाए ,हम वो किस्से बनकर रह गए ।। हर मोड़ पर तेरी याद आती रही ,और ये दिल भी यु ही तड़पाती रही । हमेशा की तरह ये सिलसिले भी, मेरी तो अधूरे रह गए ।। मेरे हर लफ्ज़ में बसी थी , तेरे हर उस प्यार की मिठास । लेकिन हम उस मुकाम तक ,तुम तक कभी पहुँच भी न सके ।। तुमसे जहाँ मिलना था, वहीं तेरी यादें रह सी गईं । वो शामें, वो बातें, फिज़ाओं में अफसाने अधूरे रह गए ।। मेरे इन ख्वाबों में तेरा चेहरा ,मुझे आज भी सजीव सा लगता है । पर हकीकत में तो ,मुझे आज भी तेरी कमी दिल को यु चुभती है ।। हर पल का साथ तेरा चाहा था , पर वो मेरे नसीब न हुआ । हमारे प्यार के , इस ज़माने मे अधूरे रह गए ।। कुछ किस्से है जो , अपने इस दिल में दबाकर रखे थे । अचानक दूरी से उन्हें जताने मे, वो अधूरे रह गए ।। कुछ मेरी भी अधूरे अफसाने है ,मेरे इस दिल में बसे रह गए । जिन्हें तुम कभी लिख न पाए ,हम वो किस्से बनकर रह गए ।। // प्रेम का इंतज़ार कर ते , यु अपनी जान के लिए // ©बेजुबान शायर shivkumar प्यार पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी कविताएं कुछ अधूरे अफसाने कुछ अधूरे अफसाने भी ,कुछ दिल में बसे रह गए । जि
प्यार पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी कविताएं कुछ अधूरे अफसाने कुछ अधूरे अफसाने भी ,कुछ दिल में बसे रह गए । जि #इंतज़ार #ख्वाबों #हिन्दीकविता #सिलसिले #दिलकीबातशायरी143 #बेजुबानशायर #कविता95
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
#ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_ शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है । तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२ हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३ करो खूब बेटी सदा नाम जग में । यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४ महादेव लाए घड़ी वह सुहानी । कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५ कली बाग की तुम हमारी हो पहली । तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६ खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा । खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७ १४/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों
#ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों #शायरी
read moreVEER NIRVEL
सुधर जाओ वरना गला दबाने से सारे रोग दूर हो जातें हैं, तेरा प्रेमरोग भी दूर कर दूंगी...😝😝😝😝😝.. #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL सुधर जाओ वरना गला दबाने से सारे रोग दूर हो जातें हैं, तेरा प्रेमरोग भी दूर कर दूंगी 😝😝😝😝😝.. #Veer_Ki_Shayari
सुधर जाओ वरना गला दबाने से सारे रोग दूर हो जातें हैं, तेरा प्रेमरोग भी दूर कर दूंगी 😝😝😝😝😝.. #Veer_ki_Shayari
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
तेरे बग़ैर भी जी जीके मर रही हूं मैं,बिछडके तुझ से,मैं खुद में ही मर रही हूं मैं/१ वो एक हूक जो उठती हैं मेरे सीने मैं,वो कौन शख्स #Live #Like #writersofindia #poetsofindia #shamawritesBebaak
read moreAnuradha T Gautam 6280
#लेखक_लेखिका ना कोई किरदार चाहिए अब और ना ही कोई रंगमंच अपनी लेखनी से एक लेखिका बन गई जो मुलाकातो में व्यक्त करोगे वही मैं लिख दूंगी एक ल #विचार #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️
read moreHimanshu Prajapati
White 👉🏻मसला मोहब्बत का था, 👉🏻बात जताने की हो रही थी, 👉🏻पल पल में बदलने वालों के बीच में 👉🏻बात रिश्ते निभाने की हो रही थी..! ©Himanshu Prajapati #Sad_shayri 👉🏻मसला मोहब्बत का था, 👉🏻बात जताने की हो रही थी, 👉🏻पल पल में बदलने वालों के बीच में 👉🏻बात रिश्ते निभाने की हो रही थी..!
#Sad_shayri 👉🏻मसला मोहब्बत का था, 👉🏻बात जताने की हो रही थी, 👉🏻पल पल में बदलने वालों के बीच में 👉🏻बात रिश्ते निभाने की हो रही थी..! #विचार
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज मेरी जो हँसाने मेघ आये हैं ।। किसानों के हमीं साथी बने संसार में देखो । यही तो बात है जो अब जताने मेघ आये हैं ।। कहीं सूखा कहीं गीला प्रकृति के प्रेम पर निर्भर । बनाओ मत हमें बैरी बताने मेघ आये हैं ।। तपन से सूर्य की देखो धरा जब भी हुई प्यासी । सुना है प्यास को उसकी बुझाने मेघ आये हैं ।। भले इंसान थे कल तक मगर शैतान हैं अब तो । उन्हें इंसान अब फिर से बनाने मेघ आये हैं ।। वरुण जी भी हुए क्रोधित तुम्हारी आज हरकत से । सँभल जाओ प्रखर अब तुम सिखाने मेघ आये हैं ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज
ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज #शायरी
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