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Bhanu Priya
लड़की हूं, इसलिए हर साल सुर्खी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत्ता, कभी मनाली न जाने कितनी हैं बिगड़ी, कितने आशियानों की रमजान, होली , दिवाली, हक का कहां मिला मुझे, दस्तूर ए जहां, आज इसने तो कल उसने सबने वादें किए मुझसे... यही रीत ज़माने की लड़ता हैं वह खुद के लिए , काश एक बार निकलता वह खुदसे और लड़ता मेरे लिए। ©Bhanu Priya #दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत
#दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत
read moreofficial.2.0
Rakesh frnds4ever
White मरे हुए मन में मनने मनाने का कुछ नहीं बचता क्योंकि मन के मरने की वजह मृत्यु नहीं मनुष्य रूपी दैत्यों के द्वारा किया गया अत्याचार क्रूरता खून आदि सब है ,,,,,मरा मन मचनलना नहीं चाहता ,,,,, मन मर चुका हो,,,,,दिल दुख दर्दों में घिरा /फंसा हुआ हो टूट चुका हो ,,,,,,,,,,,, डूब चुका हो तो फिर क्या होली क्या दिवाली जब दिल ही नहीं बचा हो तन में तो कैसे कहले हैप्पी दिवाली ,,,,,,,,,, ,,,,,"" होली के रंग फीके ,,,,,,,बेनूर है दिवाली"",,,, ©Rakesh frnds4ever #मरे हुए #मन में मनने मनाने का कुछ नहीं बचता क्योंकि मन के #मरने की वजह #मृत्यु नहीं #मनुष्य रूपी दैत्यों के द्वारा किया गया अत्याचा
Rakesh frnds4ever
White मेरे घर आंगन की शोभा तुम,,,,,,,,,,,,,,,, हंसती गाती मस्ती करती कार्तिक माह के पूर्णिमा सी शीतल तुम दिल में सकून ,,,,,,,,,,,,,,,,मन में चांदनी भरती ,,,,,,,चित्त को प्रकाशित करती,,,,,, अमावस्या सी शांत और ख़ोमोश तुम ,, जीवन में स्थिरता लाती मनमोहक और निशा सी काली,, साथ सादगी गहराई लाती,,, तुम हो मेरी ऋतु सारी तुम मेरी होली दीवाली मेरे तन मन जीवन को जगमग करती,, आनंदित,,, करती ,, आकर्षित करती,, हर्षो- उल्लास ताजगी भरती,, रंग बिरंगी फुलझड़ियों सी तुम मन को मोहती खुशियां देती काश!!! दुनिया संसार ब्रह्मांड में कहीं कभी किसी समय किसी जीवन में ,,,,,,,,,,,जो तुम मेरी होती,,..... ©Rakesh frnds4ever मेरे #घर_आंगन की शोभा तुम,, हंसती गाती मस्ती करती,, कार्तिक माह के #पूर्णिमा सी शीतल तुम,, दिल में सकून भरती,,, मन में चांदनी भरती,,,
Rakesh frnds4ever
White काश ,,,,,, !!!!!!! कभी जो तुम मेरी होती ,,,,,,,,,,,,तो,,,,,,,,,,, होली ना मेरी बेरंगी/फीकी होती काश कभी जो तुम मेरी होती जगमग हर दिवाली होती,,,, ,,,,, " तेरे संग खेली होली ,,,,,तेरे संग थी दिवाली,,, ,,,,,,मेरे अंगनों की छाया,,,, ,,,,,,,,तेरे संग सावन आया,,,,,""" ,,,,,,,,,,,,,,,,,, १ ,,,,,,,,,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever #काश ,,,,,, !!!!!!! #कभी जो #तुम मेरी होती ,,,,,,,,,,,,तो,,,,,,,,,,, #होली ना मेरी बेरंगी/फीकी होती
Prakash writer05
मेरा #गांव अब उदास रहता है.. ✍️ लड़के जितने भी थे मेरे गांव में। जो बैठते थे दोपहर को आम की छांव में। बड़ी रौनक हुआ करती थी जिनसे घर में
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