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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
#Shayari अपने मरने की ये तदबीर बना ली मैने,जिंदा रहने की खबर खुदसे छुपा ली मैने//१ रूह जब जिस्म से परवाज हुए देखी तो,फानी दुनियां से,ऐसे भी
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White अपने मरने की ये तदबीर बना ली मैने, जिंदा रहने की खबर खुदसे छुपा ली मैने//१ रूह जब जिस्म से परवाज हुए देखी तो, फानी दुनियां से,ऐसे भी विदा ली मैने//२ खुदकी महशर मे नदामत की अदा रखने को, अपने आक़ा से शफाअत जो करा ली मैने//३ तेरी जानिब से तो इक भी न सदाए आई, तेरे हिज्रा कोही, वस्ले-दुआ मना ली मैंने//४ बा'द अरसें के मैं सोई तो ऐसे सोई, ओढली खाक-ए -रिदा, ख़ाक बिछा ली मैंने//५ जो"शमा ने अपनी तदबीर बना रखी है, उसी तदबीर को तरतीब बना ली मैने//६ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Sad_Status अपने मरने की ये तदबीर बना ली मैने,जिंदा रहने की खबर खुदसे छुपा ली मैने//१ रूह जब जिस्म से परवाज हुए देखी तो,फानी दुनियां से,ऐस
#Sad_Status अपने मरने की ये तदबीर बना ली मैने,जिंदा रहने की खबर खुदसे छुपा ली मैने//१ रूह जब जिस्म से परवाज हुए देखी तो,फानी दुनियां से,ऐस
read moreCHOUDHARY HARDIN KUKNA
कमाल किया है फोटोग्राफर ने जिसने यह अपने कैमरे में कैद किया। शायद आप लोगों ने शेर और बाज की दोस्ती जीवन में पहली बार ही देखी होगी। #
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी आदर्श व्यकित्व था श्री राम का कर्तव्य हमेशा निभाते थे नही चिंता की कभी अधिकारों की राजपाट तज,वन को जाते है देखी जग ने इनकी मर्यादा इसलिये हर युग मे राम ही युगपुरुष कहलाते है कल्पना राम राज्य की सब करते है उनके पदचिन्हों को आदर्श बनाना चाहते है राम राम का स्वर सबके मुख से उच्चरता ह्रदय ह्रदय में जाप चलता है जग की वैतरणी पार करने में आधार राम का ही लेना पड़ता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Ram_Navmi देखी जग ने इनकी मर्यादा,इसलिये हर युग मे पूजे जाते है #nojotohhindi
#Ram_Navmi देखी जग ने इनकी मर्यादा,इसलिये हर युग मे पूजे जाते है #nojotohhindi
read moreसंस्कृतलेखिकातरुणाशर्मातरु
तरु व क्रिशु पक्षतः सर्वदेशवासिनाम् अनन्त चतुर्थी हेतु शुभकामना विश्व को शुभकामनाएं! ⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️ समस्त देशवासियों को तरु
read morePrerna Singh
हार जीत से पड़े हैं मेरी जिंदगी मैं किसी युद्ध की हिस्सा नहीं। अनभिज्ञ मैं चक्रव्युह कि संरचना से छल और बल की शिकार मेरी काया हुई । गैरो के धोखे से नहीं आहत मेरा मन हैं अपनो से विदीर्ण मेरा सर्वस्व ©Prerna Singh हार जीत से पड़े हैं मेरी जिंदगी मैं किसी युद्ध की हिस्सा नहीं। अनभिज्ञ मैं #चक्रव्युह कि संरचना से छल और बल की शिकार मेरी काया हुई ।गैरो
हार जीत से पड़े हैं मेरी जिंदगी मैं किसी युद्ध की हिस्सा नहीं। अनभिज्ञ मैं #चक्रव्युह कि संरचना से छल और बल की शिकार मेरी काया हुई ।गैरो
read moreDalip Kumar 'Deep'
Shayer tera xx ©Dalip Kumar 'Deep' ✍🏿मेरे ईश्क की तस्वीर नहीं देखी तुम ने😔🍂🍂
✍🏿मेरे ईश्क की तस्वीर नहीं देखी तुम ने😔🍂🍂
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।। मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो । और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो । ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते - मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।। बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना । हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना । जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया - अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।। यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया । हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया । अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता - यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये
मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये
read morerakesh
टैलेंट की कोई उम्र नहीं होती जो तुमने देखी है किताबों में उसे हमने सीखी है जिंदगी के तराने में
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब मनुहार। अब अँखियाँ दे दो , दर्शन दे दो , जीवन सफल हमार ।। अब जपते-जपते , रटते-रटते , राधा-राधा नाम । हैं पहुँचे द्वारे , आज तुम्हारे , देखो राधेश्याम ।। अब बाहर आओ , दरस दिखाओ, दे दो कुछ परिणाम । कहती सब सखियां , प्यासी अँखियाँ , दर्शन दो अभिराम ।। हैं पर सुनेहरे , कहीं न ठहरें , तितली रानी राज । फूलों की बगिया , चूमें कलियाँ , दिन भर का है काज ।। अपनी ही काया , लगती माया , करती हर पल नाज । सबको वह मोहित , करके रोहित , इठलाती है आज ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब म
मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब म
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