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Anjali Singhal
"कौन हो तुम मेरे, कोई तो नहीं; फिर साँसें चलती हैं क्यूँ नाम से तेरे, पता भी तो नहीं। तरसती हैं आँखें तुझे देखने को, तुझे कभी देखा भी नहीं; #Poetry #AnjaliSinghal
read moreBhupendra Rawat
White रिश्तों मे एहसां नहीं जताएं जाते शतरंज के मोहरे रिश्तों मे नहीं आजमाए जाते रिश्तों की डोर बंधी होती है विश्वास से अक्सर झूठ बोलकर रिश्तें नहीं निभाए जाते ©Bhupendra Rawat #love_shayari डोर बंधी होती है विश्वास से अक्सर झूठ बोलकर लव शायरी हिंदी में
#love_shayari डोर बंधी होती है विश्वास से अक्सर झूठ बोलकर लव शायरी हिंदी में
read moreSarita Kumari Ravidas
White जीवन के संगम की डोर खुशियों से ज़्यादा एहसासों से जुड़ी होती है क्या फर्क पड़ता है ऐसों आरामों से हां, पर इन सबसे साथी खुश हैं या नहीं इसका असर ज़रूर पड़ता है। ©Sarita Kumari Ravidas #love_shayari जीवन की डोर #Nojoto #poem #Love #Relationship कविताएं कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता प्यार पर कविता
#love_shayari जीवन की डोर #poem Love #Relationship कविताएं कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता प्यार पर कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
उल्लाला छन्द :- छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो । तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।। मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब । जो रहकर भी साथ में , छोड़े मेरा हाथ अब ।। जीवन के हर मोड़ पर , चलना हमको साथ है । याद रहे इतना पिया , थामा तेरा हाथ है ।। अब तो तेरे संग ही , इन साँसो की डोर है । ले जाओ अब तुम जिधर , चलना अब उस ओर है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उल्लाला छन्द :- छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो । तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।। मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब ।
उल्लाला छन्द :- छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो । तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।। मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब । #कविता
read morekatha Darshan
शुभ जन्माष्टमी Happy Jjanmashtami नटखट कान्हा, माखन चोर बाल गोपाल की लीला अनमोल नटखट कन्हैया, तू दिल का चोर तेरी हंसी में बसी है सबकी डोर #Video #Bhakti #भक्ति #KrishnaJanmashtami #happyjanmashtami
read moreDevesh Dixit
साँसों की डोर साँसों की डोर बंधी है उतनी, जितनी लिखी भगवान ने। कर्म किये जो तुमने उनकी, जाएगी खाता बही साथ में। दुख न देना तुम किसी को, वरना जिंदगी तुमसे दूर है। कहते हैं ईश्वर तुम सुन लो, यही जीवन का दस्तूर है। हँसी खुशी से तुम मिलो, ये जीवन का प्रसाद है। चैन मिलेगा देखो तुमको, जीवन फिर आबाद है। छूट न जाए साँसों की डोर, ये रखना कदम संभाल के। जब भी दिखाया तुमने जोर, समझो टूटोगे खींच तान के। बेशक जिंदगी रहेगी उतनी, पर बीतेगी ये बदहाल में। गुमान करो न बिलकुल भी, खुश रहो अब हर हाल में। साँसों की डोर बंधी है उतनी, जितनी लिखी भगवान ने। कर्म किये जो तुमने उनकी, जाएगी खाता बही साथ में। ......................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #साँसों_की_डोर #nojotohindi #nojotohindipoetry साँसों की डोर साँसों की डोर बंधी है उतनी, जितनी लिखी भगवान ने। कर्म किये जो तुमने उनकी, जा
#साँसों_की_डोर #nojotohindi #nojotohindipoetry साँसों की डोर साँसों की डोर बंधी है उतनी, जितनी लिखी भगवान ने। कर्म किये जो तुमने उनकी, जा #Poetry #sandiprohila
read moreDevesh Dixit
जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।। रंज से जीवन न कटे, कहते सभी सुजान। होती पीड़ा है बहुत, मत रहना अनजान।। जीवन धारा कह रही, मत रुक ऐ नादान। चलता जा बस मार्ग पर, क्यों होता हैरान।। कांँटे भी इस पर मिलें, रहना है तैयार। जीवन ही ये जंग है, मत समझो तुम भार।। जीवन जीने की कला, समझ सके इंसान। उत्तम उससे कुछ नहीं, ये उसकी पहचान।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीवन_धारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।।
#जीवन_धारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।। #Poetry #sandiprohila
read moreDevesh Dixit
जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।। रंज से जीवन न कटे, कहते सभी सुजान। होती पीड़ा है बहुत, मत रहना अनजान।। जीवन धारा कह रही, मत रुक ऐ नादान। चलता जा बस मार्ग पर, क्यों होता हैरान।। कांँटे भी इस पर मिलें, रहना है तैयार। जीवन ही ये जंग है, मत समझो तुम भार।। जीवन जीने की कला, समझ सके इंसान। उत्तम उससे कुछ नहीं, ये उसकी पहचान।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीवन_धारा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।।
#जीवन_धारा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।। #Poetry #sandiprohila
read moreAmit Seth