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Stories related to घर ज्योति मीठी मीठी बोल

Tara Chandra

#Home #घर

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मात्र ईंट पत्थर आदि पदार्थ 
ही घर की बुनियाद नहीं होते, 
...
...
माता–पिता, दादा–दादी आदि के 
अनगिनत सपने, 
मेहनत तथा प्यार 
भी बुनियाद का हिस्सा होते हैं।।

©Tara Chandra #Home
#घर

Shiv Narayan Saxena

#love_shayari करिये मीठी बात..... poetry in hindi

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White रसना में रस घोल कर, करिये मीठी बात।
झगड़े  सारे  छोड़कर, दुनिया  रीझे  तात।।

तीखे कड़वे वचन पर, पशु तक निकट न आय।
 रसना में  रस  घोल  कर, वश करिये  समुदाय।।

©Shiv Narayan Saxena #love_shayari करिये मीठी बात..... poetry in hindi

Mahesh Patel

सहेली..बोल उठी.. लाला..

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White सहेली.....
 बोल उठी...
वह रहे मोन..
आंखें उनकी बोल उठी..
वह हमारे थे कौन.. 
दिल की धड़कन बोल उठी..
फूल खिल गए..
तो कलियां बोल उठी..
हम गए दूर..
तो सहेली बोल उठी..
लाला.....

©Mahesh Patel सहेली..बोल उठी.. लाला..

Parasram Arora

घर परिवार

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White पहले  थोड़ी कमाई से भी वृहद परिवार 
का भरन्न पोषणआराम हो जाता था 

लेकिन आज लूट खसोट वाली कमाई करने के बावजूद घर परिवार  मुश्किल से चल पाता है

©Parasram Arora घर परिवार

m kalvadiya

#घर कि‌लक्ष्मी

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White कड़वा हे मगर सच है 
कूछ ओरते जिन्हे बहू घर कि लक्ष्मी कहा जाता हे उनकी हालत काम वाली बाई से ग ई गुजरी होती है कम से कम काम वाली बाई को उसकी सेलरी तो मिलती है ओर तो ओर तिज त्योहारो पर पर खूशी से भेंट भी मिलती है लेकिन घर की लक्ष्मी घर के झाडू से भी नकारा समझी जाती हे कम से कम उसकी भी ईज्जत होती है

©m kalvadiya #घर कि‌लक्ष्मी

Subhendu Bhattacharya

बोल ( फ़ैज़ अहमाद फ़ैज़)

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Subhendu Bhattacharya

बोल (फ़ैज़ अहमद फ़ैज़)

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Shiv Narayan Saxena

#good_night घर-घर में होने लगे.....

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White घर - घर  में  होने  लगे,  नारी  का  सम्मान।
जग अपना लगने लगे, सभी सुखों की खान।।

नवरातों  के  बाद  जो,  मान  करै ना  कोय।
अपने हाथ विनाश को, निकट बुलावै  सोय।।

'शौक' शौक में देखिये, सुमिरन ना छुट जाय।
हरि साथै जो खेलिये, जन्म-मरण छुट जाय।।

कण-कण उनका वास है,  सब  सांसों  में  वोहि।
छण-छण उनका नाम ले, मनगति थिर तब होहि।।

घर - घर  में  होने  लगे , जगराते  हरि  बोल।
हृदपट  भी  खुलनें  लगें , जै मां  जै मां बोल।।

©Shiv Narayan Saxena #good_night घर-घर में होने लगे.....

Shiv Narayan Saxena

#Buddha_purnima रस में डूबे बोल.....

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White किसी को भी  भाते नहीं, तीखे कड़वे बोल।
सम्बन्धों को ठीक नहीं, स्वार्थ में डूबे बोल।।

पछताये कुछ  बोल के, समझै न जो मोल।
मनमुटाव को खत्म करैं, रस में डूबे बोल।।

©Shiv Narayan Saxena #Buddha_purnima रस में डूबे बोल.....

ranjit Kumar rathour

घर से दूर

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