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Anuj Ray
White सारे ज़माने को पता है कि बेवफा वो नहीं, हम दग़ाबाज़ हैं, लोग कहने से हिचकते कि, हम बदमाश हैं। ©Anuj Ray # हम बदमाश हैं"
# हम बदमाश हैं" #शायरी
read moreबेजुबान शायर shivkumar
किसी कि महफ़िल में लूटे हम भी हैं किसी कि कहानी में झूटे हम भी हैं, ये ना सोचो कि सिर्फ़ बर्बाद तुम्हीं हो इस हादसे से तो न छूटे हम भी हैं, मुस्कुरा रहे हैं तो दिख रहें खुश सभी को वरना अंदर से टुकड़े टुकड़े टूटे हम भी हैं, आज तक चुप थे उनके डर से मगर आज मगर खुल कर फूटे हम भी हैं, भले ही कद्र ना हो आज उन्हें हमारी किसी के बंगले के गुल-बूटे हम भी हैं, हमें शिकायतें सिर्फ़ उन से ही नही हैं रूठी रूठी ज़िंदगी से तो रूठे हम bhi hai ©बेजुबान शायर shivkumar किसी कि #महफ़िल में लूटे हम भी हैं किसी कि #कहानी में झूटे हम भी हैं, ये ना सोचो कि सिर्फ़ #बर्बाद तुम्हीं हो इस #हादसे से तो न छूटे
RAJ KP
भीड़ में भी अकेले हैं, कोई नहीं जो समझे हमें, अपनी ही खामोशियों में ढूंढते हैं सुकून हम। ज़ख्म दिखते नहीं, पर दर्द से कराहते हैं हम, रातों को चुपके-चुपके तकिये को भीगाते हैं हम। कभी-कभी लगता है जैसे टूट जाएँगे हम, पर फिर भी मुस्कुराकर कहते हैं, "सब ठीक है कर देंगे हम" आँखों में पानी है, पर होंठों पे मुस्कान रखते हैं, मर्द हैं हम, इसलिए दर्द को दिल में छुपा लेते हैं। ©RAJ KP भीड़ में भी अकेले हैं, कोई नहीं जो समझे हमें, अपनी ही खामोशियों में ढूंढते हैं सुकून हम। ज़ख्म दिखते नहीं, पर दर्द से कराहते हैं हम, रातों
Vinod Mishra
"सच्चे के साथ अच्छे नहीं होते केवल सच्चिदानंद होते हैं." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन #मोटिवेशनल
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- लोग वह खुशनसीब होते हैं साथ जिनके हबीब होते हैं अपनी हम क्या सुनाये अब तुमको हम से पैदा गरीब होते हैं तुमने देखा न ढंग से शायद किस तरह बदनसीब होते हैं पास जिनके हो रूप की दौलत उनके लाखों रक़ीब होते हैं प्यार जिनको हुआ नहीं दिल से वो कहाँ फिर करीब होते हैं जो न करते यकीं वफ़ा पे अब बस वही बदनसीब होते हैं पास ख़ुद ही ख़ुशी चली आती जिनके अच्छे नसीब होते हैं दिल से कैसे अमीर वो होगें जिनके ऐसे मुज़ीब होते हैं तू नहीं सोचना प्रखर अब कुछ दिल के रिश्ते अजीब होते है महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- लोग वह खुशनसीब होते हैं साथ जिनके हबीब होते हैं अपनी हम क्या सुनाये अब तुमको हम से पैदा गरीब होते हैं तुमने देखा न ढंग से शायद किस त
ग़ज़ल :- लोग वह खुशनसीब होते हैं साथ जिनके हबीब होते हैं अपनी हम क्या सुनाये अब तुमको हम से पैदा गरीब होते हैं तुमने देखा न ढंग से शायद किस त #शायरी
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