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SarkaR
कभी कभी इंसान ना अंजाने में कुछ ऐसा कर जाता है जिसका असर सामने वाले पर सदियों तक रह जाता है ©SarkaR #असर
Attitude Life
White नफरतों के बाजार में प्यार का सिक्का चलता है, और मेरे एटीट्यूड का हर शख्स दीवाना बनता है। दुनिया पीछे रहे या साथ चले, मैं अपने रास्ते खुद बनाता हूँ। ©Attitude Life नफरतों के बाजार में प्यार का सिक्का चलता है, और मेरे एटीट्यूड का हर शख्स दीवाना बनता है। दुनिया पीछे रहे या साथ चले, मैं अपने रास्ते खुद बना
नफरतों के बाजार में प्यार का सिक्का चलता है, और मेरे एटीट्यूड का हर शख्स दीवाना बनता है। दुनिया पीछे रहे या साथ चले, मैं अपने रास्ते खुद बना
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी का अंधेरा हुआ ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #said है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी क
#said है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी क
read moreF M POETRY
White तेरी यादों का असर है मुझमे.. मुझे लगता नहीं मैं तन्हाँ हुँ.. यूसुफ आर खान.. ©F M POETRY #तेरी यादों का असर है मुझमे
#तेरी यादों का असर है मुझमे
read moreBazirao Ashish
एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। •आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बा
एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बा
read moreBazirao Ashish
एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। •आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish #एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक
#एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक
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