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Gondwana Sherni 750
White मै निः शब्द हु उस विकास के लिए जिसने गांव को शहर बना दिया जंगल को काट के रोड बना दिया ऑक्सीजन पैसों से बाट रहे हैं पुरखो की संस्कृति को फैशन बना दिया हमारी व्यवस्था को मिटाने के लिए दूसरी व्यवस्था बना दिया गया अपने पुरखो का कॉपी कर दिया गया इतना कुछ बदल जाने के बाद भी हमारे लोग फैशन को संस्कृति कहेंगे थाईयो को अपना पुरखा मानेंगे पक्के घरों को विकास मानेंगे रोड को उन्नति कहेंगे गर्व करो तुम अपने व्यवस्था को भूल के थाईयो के व्यवस्था की ओर जा रहे हो Preeti uikey 750 10/11/24 ©Gondwana Sherni 750 #sad_quotes विकास विनाश
#sad_quotes विकास विनाश
read morePushpa Sharma "कृtt¥"
White राम और रावण ने हमें मिलकर समझाया, पाप- पुण्य से चाहे कितना भी बलवान हो, टकराया तो ख़ुद को मिट्टी में मिला पाया। ©Pushpa Sharma "कृtt¥" #Dussehra #पापपुण्य #बलवान #धरती #नोजोटोहिंदी #नोजोटोराइटर्स
#Dussehra #पापपुण्य #बलवान #धरती #नोजोटोहिंदी #नोजोटोराइटर्स
read morePushpa Sharma "कृtt¥"
White चाँद से कुछ ऐसा दिखता है नज़ारा, नीली से धरती और अंबर है प्यारा। ©Pushpa Sharma "कृtt¥" #International_Day_Of_Peace #अम्बरसे #धरती #नज़ारा #नोजोटोहिंदी #नोजोटोराइटर
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Birth and death are inevitable जन्म और मृत्यु अनिवार्य हैं काल के प्रभाव से जो जीवन हमें मिलता हैं उसकी समाप्ति भी होती हैं यही पृथ्वी /
read moreShiv Narayan Saxena
White पंच तत्व से बना हुआ अद्भुत यह संसार निर्झरिणी पर्वत तरु उदधि धरा का प्यार फुर्सत में बैठो थोड़ा वक़्त बिता लो यार चलो निहारें प्यारे सुंदर धरती के उपहार ©Shiv Narayan Saxena #love_shayari प्यारे सुंदर धरती के उपहार
#love_shayari प्यारे सुंदर धरती के उपहार
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गौतम बुद्ध ने एक बात कही थी इस पृथ्वी और / धरती पर इंसान का जन्म किसी उद्देश्य हुआ हैं हर इंसान के पीछे इस धरती / पृथ्वी के संतुलन और मकसद छुपा होता हैं इस सृष्टि पृथ्वी धरती 🌎 पर जन्म लेने वाले हर व्यक्ति का कोई ना कोई उद्देश्य और मकसद होता हैं ©person 🙏गौतम बुद्ध ने एक बात कही थी इस पृथ्वी और / धरती पर इंसान का जन्म किसी उद्देश्य हुआ हैं हर इंसान के पीछे इस धरती / पृथ्वी के संतुलन और मकस
🙏गौतम बुद्ध ने एक बात कही थी इस पृथ्वी और / धरती पर इंसान का जन्म किसी उद्देश्य हुआ हैं हर इंसान के पीछे इस धरती / पृथ्वी के संतुलन और मकस
read moreप्रा.शिवाजी ना.वाघमारे
का कुणावर प्रेम कराव ? का कुणासाठी झुरायच ,का कुणासाठी मरायच, देवाने आई बाबा दिले आहे त्यांच्यासाठी सगळं करायच.. ©प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे का
का
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान । भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।। धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान । देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान । जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।। इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान । नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम । रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।। अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान । ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।। धरती माँ के सीने पर अब..... नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव । गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।। झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव । धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य , में दिखता क्यों हमें अभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्
गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्
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