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Raj Kumar Raj
युद्ध कहा था, किसी ने युद्ध जरूरी है, शांति के लिए पर, शांति किसके लिए ? श्मशान-क़ब्रिस्तान के मुर्दों तो कभी, आबाद, बदहवास लोगों के लिए विरान गांव-शहर भूख से बिलबिलाते बेजान, निढ़ाल पड़े लोगों के लिए या फिर, अपने टूटें उम्मीदों और ख्वाहिशों की बोझ उठाएं लाशों की ढ़ेर में अपनों की तलाश करते लोगों के लिए भय और घृणा क्रूरता और प्रतिशोध आधारित निर्थक है, ऐसी शांति! ©Raj Kumar Raj #GandhiJi स्वामी विवेकानंद के विचार शुभ विचार अनमोल विचार
#GandhiJi स्वामी विवेकानंद के विचार शुभ विचार अनमोल विचार
read moreAjita Bansal
White अहोई अष्टमी आई, चाँदनी रात सजी, माँ की आरती गूँजे, घर में खुशियाँ भरी। बच्चे प्यारे देखो, मिट्टी के बर्तन सजाए, माँ की मन्नतें लेकर, चाँद को न्यौता दिए। कड़वे को मीठा करने, व्रत का संकल्प लिया, भाई की लंबी उम्र के लिए, प्रेम भरा पल लिया। ज्योति की महक से, घर-आँगन जगमगाए, माँ अहोई की कृपा से, सब संकट टल जाए। इस पावन अवसर पर, सुख-शांति की हो बौछार, अहोई अष्टमी के दिन, हो सबका जीवन भव्य यार। ©Ajita Bansal #sad_quotes poem on ahoi ashtmi
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read moredaksh
White હું સોય છું તો દોરો બની ને તું જોઈએ છે મારા જીંદગી ના કાપડ ના ફાટી ગયેલી ખુશીઓને સાંધવા તું જોઈએ છે... . . . ©daksh #Sad_Status #ગુજરાતી #gujarati
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read moreKalamkaar Nadeem
White लोग कहते हैं... क्या फर्क पड़ता है ,उसके होने ना होने से... वक्त रुक सा गया है ,उसके ना होने से... सांसे तो चल रही ,पर दिल मर गया, किसी कोने में.. रातें निकल रही,सिर्फ नज्म पिरोने में.. आँख भर जाती है मेरी,सिर्फ तेरा ज़िक्र होने में.. ©Kalamkaar Nadeem #Wo on life love poetry in on love
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read moreTirumalesh
White The future depends on what we do in that present -Gandhiji ©Tirumalesh Gandhiji quotes #gandhi_jayanti #quoteoftheday, #motivatational
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read moreVijay Vidrohi
#एक जल यात्री# ले साईकिल दो जोड़ी कपड़े और कंधे पर लोई एक पथिक भारत भ्रमण पर नाम सुभाष बिश्नोई कर संकल्प मुसाफिर निकला होगा जल्द सवेरा चितवन के जंगल से गुजरा परिवेश का एक चितेरा। 27 जनवरी सन 21 को जल योद्धा हुए रवाना पर्यावरण बचाने खातिर निकल पड़ा ये परवाना उम्र ना होती बाधक जब हो मकसद मंजिल पाना कालीरावण के सुभाष तुझे रखेगा याद जमाना वय साठ होते ही जाॅब से हुआ रिटायर, अन्तःकरण जल रही थी प्राकृतिक फायर, निकल पड़ा वसुधा का नायक चढ़ साईकिल के टायर जटिल था निर्णय पर क्या? ऐसा कर सकता कायर। जज्बा और जूनूनी राही चल पड़ा था उठा के साईकिल गीता और कुरान पढ़ी है,ग्रंथ पढ़ा है पढी है बाईबिल द्वँद्व हमेशा उसी ने जीता खौफ़ को जिसने किया है kill प्रकृति सेवा में जिसका बचपन से ही लगता दिल। मुंबई की पुलिस ने पकड़ा राजस्थान की खुड़ी में अटका रत्नागिरी के पहाड़ ने पटका नेपाली प्रहरी ने भी रोका पर जल का ये भरा था मटका किस की हिम्मत शिद्दत रोके जब दीप जला हो इष्ट लक्ष्य का बुझा सके क्या हवा के झोंके जो सूरज की तरह हो चमका चौरासी में मिली नौकरी और बीस में हुई विदाई पेड़ ही जीवन की शिक्षा माता अमृता ने सिखलाई। गुरु जम्भेश्वर और गुरु नानक दोनों जगत के महान शिक्षक पानी पिता है धरती माता यही हमारे जीवन रक्षक आज समय की एक जरुरत नहीं बचेगा प्रकृति नाशक पेड़ धरा के काट रहा जो वायु मंडल का है भक्षक। 25000 km की लम्बी यात्रा चला-चलम काठमंडू से अरिचलम और जम्मू और रामेश्वरम. पूर्व की खाड़ी नापी पश्चिम का नापा सागर भारत के उसे आखिरी तट पर लहराता हिन्द महासागर। लहरें उठी जब लहराती, वाह रे नीर समर्पित योद्धा तेरे इस मिशन मुहिम पर, हम सब वाऱी तोय पुरोधा। सूरत से भावनगर तक, रो रो की करी सवारी जल जमीं व पेड़ प्रकृति, लगती इनको प्यारी। जन्माष्टमी अगस्त 26 गोरखधाम रेल में मुलाकात हुई सफर में जब चर्चा और जल जीवन पर बात, " विद्रोही" ने लिख डाली ये कविता उस रात सच कहूं इस उड़ान से मिली "विजय" को जज्बे की सौगात। ©Vijay Vidrohi ||एक जल यात्री|| #motivate #my #new #poem #Poetry #viral #love #nature #savetree #savewater motivational thoughts in hi
मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
White बहुत हौसलों से तेरी राहों पर चला ज़िन्दगी पर अब कदम जवाब दे रहे हैं, हो सके तो कुछ सुकून के पल दे दे नहीं तो तुझसे सीखे सबक मुझमे धुआँ हो रहे हैं... ©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak) #poem hindi poetry on life
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