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ಸುನೀತಾಲಕ್ಷ್ಮೀ (ಯುವ ಕವಯಿತ್ರಿ)
ಕಟ್ಟಿಟ್ಟು ಬಿಡು ಹುಕ್ಕೇರಿ ನರ್ತಿಸುತ್ತಿರುವ ಭಾವನೆಗಳನ್ನ .. ಎಚ್ಚರಿಕೆ ; ನನಸಾಗದ ಸಾವಿರಾರು ಕನಸುಗಳಿವೆ ಇನ್ನ. ©ಸುನೀತಾಲಕ್ಷ್ಮೀ (ಯುವ ಕವಯಿತ್ರಿ) #hand
ਗੁੰਮਨਾਮ ਸ਼ਾਇਰ
ਤੇਰੇ ਚਿਹਰੇ ਤੇ ਦੋ ਚਿਹਰੇ ਸੀ ਸਾਥੋਂ ਨ ਗਏ ਪਸ਼ਾਣੇ ਨੀ। ਜਿੰਨਾ ਤੋਂ ਆਸਾਂ ਰੱਖਦੀਂ ਏ ਉਹ ਤਨ ਦੇ ਗਾਕ ਪੁਰਾਣੇ ਨੀ। ©ਗੁੰਮਨਾਮ ਸ਼ਾਇਰ #hand
Vaibhav Harsh Saxena
White कोलकाता का पुराना नाम कलकत्ता था। 1 जनवरी, 2001 से कलकत्ता का नाम आधिकारिक तौर पर कोलकाता हुआ। कालीकाता नाम का उल्लेख मुग़ल बादशाह अकबर (शासन काल, 1556-1605) के राजस्व खाते में और बंगाली कवि बिप्रदास (1495) द्वारा रचित 'मनसामंगल' में भी मिलता है। ©Vaibhav Harsh Saxena # History of Kolkata
# History of Kolkata
read moreಸುನೀತಾಲಕ್ಷ್ಮೀ (ಯುವ ಕವಯಿತ್ರಿ)
ತಿರಸ್ಕರಿಸಿ ಹೋದವರು ತಿರುಗಿ ಬಂದರೆ ಮರಳಿ ಏನೆಂದು ಸ್ವೀಕರಿಸಿಲಿ ಮನವೇ.. ಮುಗಿದು ಹೋದ ಅಧ್ಯಾಯವದು ಮತ್ತೆ ಏನೆಂದು ಬರೆಯಲಿ ಮುನ್ನುಡಿಯ ತಿಳಿಯೇ? ©ಸುನೀತಾಲಕ್ಷ್ಮೀ (ಯುವ ಕವಯಿತ್ರಿ) #hand
harsha mishra
White कब तक😪 आंगन की किलकारियां क्यों सिसकियों में बदलतीं हैं? मेरे ही चश्में के शीशे मेरे आंखों में चुभतीं हैं। कभी पैरों पर खड़ी मै आज फर्श पर पड़ी थी मैं। मेरे जिस्म के लहू बताते हैं दरिंदों से कितना लड़ी थी मैं। मेरे कंठ की पुकार से कितनों को हंसाया मैंने । तोड़ गई वही गर्दन हाय कितना चिल्लाया मैंने। बदन तो मैंने ढका ही था मर्यादित मेरी काया थी। बताओ ना मेरी गलती अभी क्यों मंडराई बुरा साया थी? अरे मां ने कहा पापा ने कहा शिक्षक ने भी तो कहा था सच बोलो,,सच के लिए बोलो सच बोली तो मार दी गई मैं झुकी नहीं तो लुट ली गई मैं। हैवानियत का जनाजा कब निकलोगे दोस्तों? मोमबत्तियां बहुत जला ली हैवानों को कब जलाओगे दोस्तों? निर्भया की नजरों में भय का ठिकाना गूंजता है। इस दरिंदगी से हमें कब बचाओगे दोस्तों? जिस्म मेरा मर गया आत्मा रो रही है अब तक। मिलने से रही मुक्ति दोषी आजाद हैं जबतक दोषी आजाद हैं जबतक हर्षा मिश्रा रायपुर ©harsha mishra #kolkata #न्याय
Rahul Rajbhar
आज हर गली मोहल्ले में बैठे कुछ दरिंदे इस तक में | मौका मिलते ही लूट ले इज्जत भारी बाजार में || ना डर है ना भय इनको बेख़ौफ़ घुमते दिख जाएंगे इस कलयुगी संसार में | बेखौफ दरिंदे घूम रहे हैं | हम और आप बने मुख दर्शक हैं || चलो अपनी बेटियों को मां काली का पाठ सिखाएं आए इज्जत पर आंच अगर तो धड़ से शीश काट कर लाए|| ©Rahul Rajbhar Justice for Kolkata Doctor
Justice for Kolkata Doctor
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