Find the Latest Status about the fast and slow thinking from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, the fast and slow thinking.
Sakshi Shankhdhar
White शहर में थे लाखों मगर, हम बस उन्ही पर मर गए, हमने छोड़ दी दुनिया उनके लिए, और वो जनाब किसी और के हो गए। वादा था राह ए मोहब्बत पर चलने का, हमको बीच सफ़र में छोड़, जनाब हमसफर किसी और के हो गए। हमारे तो ख्वाबों में वो बसते है, जब खोली आंखे एक सुबह, जनाब हकीकत में किसी और के हो गए। अजनबी सा रिश्ता था, मिले भी थे अजनबी राहों में, मोहब्बत का सिलसिला चोरी से शुरू हुआ, जनाब सरेआम किसी और के हो गए। उनकी यादों में इतना जले रात दिन, जैसे जलता है परवाना शमा के लिए, जनाब यूं होके बेखबर किसी और के हो गए। ©Sakshi Shankhdhar #Thinking
Lotus banana (Arvind kela)
White Forget who hurt you yesterday, but don't forget those who love you everyday. Forget the past that makes you cry and focus on the present that makes you smile. Forget the pain but never the lessons. ❤️ Good day ❤️ *मुसीबत* और *ख़ुशी* बिना किसी *अपॉइंटमेंट* के आ *जाती* हैं..! इसलिए... *अपने आप* को इतना *तैयार रखें* की *मुसीबत* के *समय होश* और *ख़ुशी* के *समय जोश कायम* रहे..!! 🌹🌹🌹🌹 ©Lotus banana (Arvind kela) #Thinking
kalam_shabd_ki
White मैं उस सीढ़ी से फिसला, जिसके बाद छत आने वाली थी, बस एक कदम था बाकी, पर किस्मत ने फिर से चाल चली थी। रिश्तों की उस मोड़ से लौटा, जहां रास्ते कई खुलते थे, पर उलझनों में खो गया मैं, जहां दिल के फैसले बिखरते थे। छत की तलाश में चला था, पर शायद रास्ते ही बदल गए, जिन्हें मैं अपना मान रहा था, वो पल कहीं दूर निकल गए। अब न छत की ख्वाहिश बाकी, न रिश्तों का वो सवाल, मैं अपनी राह पर हूँ चल पड़ा, नया सफर, नई मिसाल। - मेरी कलम ©kalam_shabd_ki #Thinking
Sonuyar Khan
Internet Slow Problem | Internet Nahi Chal Raha Kya Kare | Net Slow Problem Solution
read moreHimanshu Raj
White we are collaborating on insta with writers. jldi jldi aao insta pe collab krte hai @himansh_openmic ©Himanshu Raj come to insta fast...
come to insta fast...
read moreआगाज़
White आँखों से अलख जगाने को, यह आज भैरवी आई है। उषा-सी आँखों में कितनी, मादकता भरी ललाई है। कहता दिगंत से मलय पवन प्राची की लाज भरी चितवन है रात घूम आई मधुबन, यह आलस की अँगराई है। लहरों में यह क्रीड़ा-चंचल, सागर का उद्वेलित अंचल है पोंछ रहा आँखें छलछल, किसने यह चोट लगाई है? जय शंकर प्रसाद ©आगाज़ #Thinking aditi the writer amit pandey Kumar Shaurya
#Thinking aditi the writer amit pandey Kumar Shaurya
read moreAjita Bansal
White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे, जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे। कभी धूप में, कभी छाँव में, हम चलते रहे, सफ़र के साथ। हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में, मिले हमसे कुछ किस्से नए। कभी हँसाए, कभी रुलाए, वो रास्ते भी हमें सिखाते गए। कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे, मंज़िल की ओर बढ़ते गए। वो रास्ते हमें समझाते रहे, कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता। ©Ajita Bansal #Thinking poem of the day
#Thinking poem of the day
read more