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Riyaan Bilal
ماہ نور کا پگھلنا پھر فلک سے اشک بن کے اترنا اس منظر کی روح یہی ہے فَبِأَىِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ریان بلال ©Riyaan Bilal #srinagar #kashmir #Mumbai #srinagar #India #IndianArmy India urdu poetry deep poetry in urdu poetry lovers love poetry for her poetry on
Vijay Vidrohi
देश में अपराध ऐसे चल रहे हैं बेगुनाहो के यहां घर जल रहे हैं। लूट लेते दिनदहाड़े राहगीर को हो रहे सरेआम कत्ल रहे हैं फस गया फिरदौस होकर बेगुनाह पुलिस वालों को भी हफ्ते मिल रहे हैं। एक नया रोजगार पैदा कर दिया है देश के युवा पकोड़े तल रहे हैं। रोजगारी न्याय और सुरक्षा के झूठे वादे देकर जान को छल रहे हैं। अर्थव्यवस्था गिरी है धड़ाम से देश के विकास का दावा कर रहे हैं। हो गए हैं एक दो बस अरबपति जिनके खाते विदेशों में चल रहे हैं। ले उड़े हैं देश के धन को भगोड़े माफ कर्जा बार-बार कर रहे हैं भुखमरी महंगाई यूं बढ़ रही है किसान-युवा आत्महत्या कर रहे हैं। ©Vijay Vidrohi देश के हालात #my #new #poem #Poetry #love #India #life #shayri #like #share poetry quotes poetry sad urdu poetry deep poetry in urdu
Mehmood Mehar
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read moreTanha Shayar hu Yash
White मेरी रूह से लिपटकर मुझे सुकून दो, मेरा जिस्म चाहता है की अब अपना खून दो । तनहा शायर हूँ यश . ©Tanha Shayar hu Yash #love_shayari #tanhashayarhu #shayri #Love #urdu
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read moreAli Rashid Hasrat
तुम गरीब हो धर्म का झंडा उठा कर क्या कर लोगे अमीर होते तुम या रोजगार से जुड़े होते तो शायद सड़को पर नही होते और कभी ना झंडा उठाये,तपती धूँप मे झूलस्ते हुये होते नारे लगाते हुये, गले को फाड़ कर कभी ना प्यासे होते धहाड़ी मजदूर से भी कम मे यूँ खुद को ना सताये होते नशे की लत होगी ज़रूर ही तभी तो सब झेल गये यूँ एक अपनी "तलब" के लिये खुद को खतरे मे डाल गये ये तलब होगी शायद दिमाग मे भरे गौबर की तुम मरो कटो सड़को पर वो ठंडक ले AC की चलो अब आता हुं उस श्र्णी पर जो सम्पन्न है मगर सत्ता का लोभ उसे है उसे सत्ता का टट्टू बनना है और समाज मे एक रौब कायम करना है अब इन्हे चन्दे से गरीबो की भीड़ जुटाना है àऔर खुद की गाड़ी पर एक सत्ताधारी झंडा लगाना है कौन है वो जिनके लिये तुम बारूद के ढ़ेर पर हो तुम मे भर कर धर्म की चिंगारी खुद कुर्सी पर ये शेर है सड़को पर तुम्हे उतार कर खुद क्यूँ ज़मी पर नही आते तुम्हे शिकार बना कर ये सत्ता की रोटी खाते किस को किस से डर किस का मजहब खतरे में कौंन बताये कौन तय करे कौन सही पर मौन है तुम्हारे मन मे भरे ये मैल दुसरे धर्म के लिये खुद पीते साथ मे कोफी जायें शादियो मे एक साथ और खाये साथ मे कीमा बौटी तुम्हारे लिये सिर्फ है इन्होने दी है वैधानिक चेतवानी खतरे मे हो तुम ऐसा डरा कर ही इन्हे मिलेगी सत्ता की चाशनी -जय हिन्द ©Ali Rashid Hasrat #Politics
Kalaam rahi
White آگ سے واسطہ پانی سے بھی یاری رکھتے ہیں سیاسی لوگ ہیں سب سے دنیا داری رکھتے ہیں لشکر کی رہنمائی کا دعویٰ کرتے رہتے ہیں جنگ میں سب سے آگے گردن ہماری رکھتے ہیں ©Kalaam rahi #Politics #Shayari #Poetry #yqbaba #urdu #Life #election
Komal Singh
konpal abdullah
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