Find the Latest Status about इन्हें आसरा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, इन्हें आसरा.
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} *`बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।`* एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है, तो सामने वाले को समझाना *`छोड़ दीजिए`* बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना, *`छोड़ दीजिए।`* गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें, *`छोड़ दीजिए।`* जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} *`बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।`* एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है, तो सामने वाले को
#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} *`बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।`* एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है, तो सामने वाले को
read moreAwadheshPSRathore_7773
White "तुम खूब मनाओ दिपावली की खुशियाँ मगर ईन खुशियो में दीप के साथ कहीं कुछ दिल भी जल रहे हैं" सभी nojoto viewers को इस दिलवाले की और से दिपावली की ढेरों खुशियाँ समर्पित हो बधाई एवं शुभकामनायें ©AwadheshPSRathore_7773 #happy_diwali क्या लिखू nojoto वालो को पता नहीं क्या allergy हो गई थी मुझसे वर्ना 5 दिनी दीपोत्सव की पांचों पोस्ट और उसके पहले करवा चौथ की प
#happy_diwali क्या लिखू nojoto वालो को पता नहीं क्या allergy हो गई थी मुझसे वर्ना 5 दिनी दीपोत्सव की पांचों पोस्ट और उसके पहले करवा चौथ की प
read moreRajkumar Siwachiya
White उकी याद सतावय ना काबू आवय सतावय सुबो शाम मनय खाली थारा आसरा अवध के राजा आ बचालो प्रभु राम मनय ✨🫀✨🥷🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️ ♠️ ©Rajkumar Siwachiya उकी याद सतावय ना काबू आवय सतावय सुबो शाम मनय खाली थारा आसरा अवध के राजा आ बचालो प्रभु राम मनय ✨🫀✨🥷🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️ ♠️ #sad_quo
उकी याद सतावय ना काबू आवय सतावय सुबो शाम मनय खाली थारा आसरा अवध के राजा आ बचालो प्रभु राम मनय ✨🫀✨🥷🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️ ♠️ sad_quo
read moreRakesh frnds4ever
White ना जाने ये मन किस ओर चला है ना रास्ता ना मंजिल ना कोई आसरा है तड़प रहे हैं हर पल छिन भटक रहे हैं हर पल हर दिन नम आंखे सूख नहीं पाई हैं किसी अपने ने ये आंखे दुखाई हैं रोया पछताया मैने क्या है कमाया इस दुनियादारी कि खातिर मैने क्या खोया क्या पाया,,,.... ........... 1 ........... ©Rakesh frnds4ever #रोया #पछताया ,,,,,,,, ना जाने ये #मन किस ओर चला है ना #रास्ता ना #मंजिल ना कोई #आसरा है तड़प रहे हैं हर पल_छिन भटक रहे हैं रोया
बेजुबान शायर shivkumar
माँ सिद्धिदात्रि ,, नवम दिवस तप साधना, पुण्य पर्व नवरात । मात सिद्धि दात्री गहो , देंगी सुख सौगात ,, ।। * नवम रूप माॅंअंब का, सिद्धिदात्रि है नाम । देव दनुज मानव सभी, करते इन्हें प्रणाम ।। कृपा मात की प्राप्त कर,पाई सिद्धि महेश । कमल पुष्प अर्पित करें,भक्ति पाएं अशेष ।। धवल बैंगनी वर्ण प्रिय, है जगदम्बे मात । करती माॅं जगदीश्वरी, दुष्टों पर आघात ।। करे साधना मात की, जो भी साधक भक्त । अणिमादिक सब सिद्धियां,देती माॅंअनुरक्त ।। करो साधना शक्ति की, पर्व बड़ा नवरात्र । तन अरु मन से शुद्ध हो, बनो कृपा के पात्र ।। ©बेजुबान शायर shivkumar #navratri #navratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navratri2027 #नवरात्रि Sethi Ji Sana naaz puja udeshi Kshitija Andy Mann भक्ति गा
navratri navratri2024 navratri2025 navratri2026 navratri2027 नवरात्रि Sethi Ji Sana naaz puja udeshi Kshitija Andy Mann भक्ति गा
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारा समय वो है जिसे हम सबसे ज्यादा चाहते है, हम इस जीवन को जी नहीं रहे हैं, इस जीवन को काट रहे हैं, और हम सबसे गलत तरीके से उपयोग करते हुए हाय हाय सुख हाय हाय रुपये हाय हाय बेचैनी ? हम अपने चारों तरफ इन्हें पालते चले आ रहे हैं। जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine #GoodMorning {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारा समय वो है जिसे हम सबसे ज्यादा चाहते है, हम इस जीवन को जी नहीं रहे हैं, इस जीवन को काट रहे हैं,
#GoodMorning {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारा समय वो है जिसे हम सबसे ज्यादा चाहते है, हम इस जीवन को जी नहीं रहे हैं, इस जीवन को काट रहे हैं,
read moreIG @kavi_neetesh
White *पर्यावरण* क्यू घुल गयी है अब जहर इस हवा में क्यू मर रहे है हमारे अहसास इस जहाँ में अब तो इन पेड़ों से हवा भी चल बसी है प्रदूषण से है जो जंग हमारी आपसी है न काटो अब इन्हें .. अगर ये रुठ जाएंगे न जाने ये प्रकृति क्या प्रकोप दिखलायेंगे कभी सोचा है अपने वंशजो का आपने इन्हें खूबसूरत वादियों की जगह क्या आप बस एक बंजर जमीन दे कर जाएंगे ©Instagram id @kavi_neetesh #GoodMorning #Nature *पर्यावरण* क्यू घुल गयी है अब जहर इस हवा में क्यू मर रहे है हमारे अहसास इस जहाँ में अब तो इन पेड़ों से हवा भी चल बसी
#GoodMorning #Nature *पर्यावरण* क्यू घुल गयी है अब जहर इस हवा में क्यू मर रहे है हमारे अहसास इस जहाँ में अब तो इन पेड़ों से हवा भी चल बसी
read moreT4_tanya_
जो होश उड़ा गया पल भर में, वो भी एक इंसान आम ही तो है... अब क्या उसके इशारों को पढ़ने बैठे हम ? हमें और ज़रूरी काम भी तो है... ये चार-चे हरफ
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े शीश चरणों में उनके झुका दीजिए जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए बाप का फर्ज जो भूल पाये नही मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ बात बेटों को इतनी बता दीजिए घर में आई बहू है हमारे नई आप नज़रे न उसको लगा दीजिए इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ । जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें बात इतनी तो जग को बता दीजिए हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की आप राहों में रोड़े लगा दीजिए महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े शीश चरणों में उनके झुका दीजिए जख़्
ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े शीश चरणों में उनके झुका दीजिए जख़्
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
Red sands and spectacular sandstone rock formations ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।। न देखा न सोचा न समझा न जाना । कहे मुझको मेरा खुदा मिल रहा है ।। किनारों में ही डूब जाते ये आशिक । न जाने कहाँ मशविरा मिल रहा है ।। कदम दो कदम साथ अब जो चलो तुम तो सच है तुम्हें भी खुदा मिल रहा है ।। चले आओ जख़्मी जिगर आज लेकर यहाँ चाहतों का सिला मिल रहा है पड़ो अब नही तुम हसीनों के पीछे इन्हें हर तरफ दूसरा मिल रहा है मिलेगा तुम्हें क्या वफ़ा इनसे करके इन्हें दिलज़लो से मजा मिल रहा है किया जो प्रखर ने वफ़ा टूटकर तो । वफ़ा से ही उसको जफ़ा मिल रहा है । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।
ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।
read more