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Poet Kuldeep Singh Ruhela
White #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे में यार फंस जाता हूं तेरी महफिल में आके अपनी चाहत के किस्से सबको सुनाता हूं ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #love_shayari #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे मे
#love_shayari #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे मे
read moreनवनीत ठाकुर
कभी जो अनुभव हुआ, वही आदत बन जाती है, सपनों के पीछे भागते, एक नयी राह बन जाती है। जो देखा या सुना, वही भविष्य का ख्वाब बन जाता है, इन्हीं ख्वाहिशों के साथ, हर कदम उलझ जाता है। भावनाओं से न तुम, अब कामनाओं से बह रहे हो, जिन्दगी के रास्ते में, बस ख्वाबों के ही साये में रह रहे हो। इन ख्वाहिशों के सागर में, खुद को डूबो रहे हो। समझो, जो तुम चाहो, वही तुम्हारी हकीकत बन जाती है, लेकिन कभी-कभी, यह चाहत ही दुःख की असली वजह बन जाती है। ©नवनीत ठाकुर #चाहत
Ashok Verma "Hamdard"
White तेरी चाहत में हम दीवाने हो गए, तेरी यादों के साए में बेगाने हो गए। पागलपन की हद तक तुझे चाहा हमने, तेरी बेवफाई से अब फ़साने हो गए। हर ख्वाब था तुझसे, हर बात थी तेरी, तूने तोड़ दी कसमें, वो रात थी घनेरी। अब ज़िंदगी की राहों में तन्हा चले हम, तेरी बेवफाई से कुरेदे ज़ख्म नए हो गए। हम पागल थे, जो तुझसे वफ़ा की उम्मीद की, तूने ही हमें इस दर्द की लत नई दे दी। अब न शिकवा, न शिकायत, कोई आरज़ू नहीं, तेरे बिना ये आँसू भी अपना रस्ता भूल गए। ©Ashok Verma "Hamdard" #तेरी चाहत में हम दीवाने हो गए
#तेरी चाहत में हम दीवाने हो गए
read moreF M POETRY
White कौन सुनता है ईश्क़ वालों की.. किसको समझाऊँ हाल-ए-दिल अपना.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #किसको समझाऊं.....
#किसको समझाऊं.....
read moreJaymala Bharkade
White उस दरिया के पार बसा हैं सपनो शहर यूह तो खामोश अब चाहत हैं उस पार की ©Jaymala Bharkade #चाहत