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Stories related to ilm ki ahmiyat quotes in urdu

Muhammad Ilyas Rathor

[ / •-• kasimalilatif •-• \ ]

Ilm Ki Roshni Aur Amal Ki Rah, Safalta Ka Paigham" "#IlmKaNoor #AmalKaSafar

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Lili Dey

#ahmiyat

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Sh@kila Niy@z

White मैंने देखें हैं अपनी ज़िंदगी में कई टूटते-बिखरते रिश्ते,
कभी बस इक बोझ की तरह तो कभी 
बस मजबूरी के नाम पर निभाए जा रहे रिश्ते ,
किसी का साथ होते हुए भी कभी मंज़िल को तरसते,
तो कभी सुकून की तलाश में भटकते रिश्ते ।
और शायद इसीलिए, ज़िंदगी में रिश्तों की 
और रिश्तों में सच्चाई, ख़ुलूस, क़दर, इज़्ज़त 
और मोहब्बत की क्या और कितनी अहमियत होती है 
इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझती हूँ मैं।

©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi 
#Zindagi #rishte  #ahmiyat 
#nojotohindi 
#Quotes 
#27nov

_बेखबर

#Emotional wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry-quotes" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry quotes wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wurdu wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry sad wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry in hindi wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wurdu wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry

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_बेखबर

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हमने  भी   देखें    हैं बहारों के  दिन
हम पर भी  था  जवानी   का खुमार 

हमारा  भी धड़का  था जोर से  दिल 
हमने भी  किया  था  इश्क- इजहार

भली सी  एक  सांवली सी  सूरत  से 
हमें  भी  था  कभी  बे -इंतहा  प्यार 

हम  भी खुली  आंख खाब देखते थे
हमें भी होता था मोहब्बत पे एतबार 

किसी  की   एक   नज़र   पाने   को
हमारा  दिल  भी  होता  था बे-करार 

किसी को  अपनी  बाहों में  भर कर
हमें भी  मिलता था  सुकूं-ओ-करार

हमने भी  खायी थी वफा की कसमें 
हमें भी  था अपने  वादों से सरोकार

फिर कुछ दरारें पड़ी दिलों में'बेखबर'
ढ़ह गया मेरी  मोहब्बत का  घर-बार

©_बेखबर  love poetry in hindi urdu poetry deep poetry in urdu poetry quotes sad poetry
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