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Prakash Vidyarthi
White "शिवगुरू की जय" (::::::शिव महिमा भजन:::::) सत्य ही शिव हैं, शिव ही सुंदर करो धारण मन शिव का ही जंतर धन्य होगा जीवन जपलो मंतर ॐ नमः शिवाय। बोलो शिवगुरू की जय,बोलो बम भोले की जय ।। बाबा बैजुनाथ की जय, बाबा विश्वनाथ की जय।। शिव ही सर्वव्यापी हैं, वो अमर अविनाशी हैं। शिव शिखर कैलाश के वासी, शिव सदा सन्यासी हैं।। वहीं भक्षक वही रक्षक हैं निराकार निर्भय। बोलो नीलकंठ की जय, शंभू शंकर की जय।। बोलो सोमनाथ की जय, बाबा माहेश्वर की जय।। शिव ही आदि अनन्त हैं, जैसे दुर्बोत्ध ज्ञान ग्रंथ है। क्षिति जल पावक गगन समीरा, सर्वत्र उनके अंश है।। हैं श्रृष्टि के बड़ा बिलयन, उनमें सम्पूर्ण ब्रह्मांड विलय। बोलो रामेश्वरम की जय, बाबा भूतनाथ की जय।। भीमाशंकर की जय, मल्लिका अर्जून की जय।। शिवदानी कल्याणी है, जटा में मां गंगा मंदाकिनी हैं। चंद्र ललाट सब नतमस्तक, शिव ही सबकर स्वामी हैं।। लिखें महिमा प्रकाश भजन विद्यार्थी गुण गाए। बोलो हटकेशवर की जय,महा मृत्युंजय कालेश्वर की जय।। श्री घृणेश्वर की जय, ॐ कारेश्वर की जय।। श्री त्रययंबकेश्वर की जय, आदिदेव महादेव की जय। आशुतोष महाकाल की जय, पार्वतीवलभ जी की जय।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi #Sad_Status #गीत #Song #poem✍🧡🧡💛 #kavita
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read moreAjita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
read moreAjita Bansal
White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे, जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे। कभी धूप में, कभी छाँव में, हम चलते रहे, सफ़र के साथ। हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में, मिले हमसे कुछ किस्से नए। कभी हँसाए, कभी रुलाए, वो रास्ते भी हमें सिखाते गए। कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे, मंज़िल की ओर बढ़ते गए। वो रास्ते हमें समझाते रहे, कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता। ©Ajita Bansal #Thinking poem of the day
#Thinking poem of the day
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