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Himanshu Prajapati
ना समझ आया, ना समझाया गया, हम मोहब्बत की गलियों में भटकते रहे, दिल जुड़ा दिल टूटा, पर ये क्यों हुआ ना बताया गया..! ©Himanshu Prajapati #lovetaj ना समझ आया, ना समझाया गया, हम मोहब्बत की गलियों में भटकते रहे, दिल जुड़ा दिल टूटा, पर ये क्यों हुआ ना बताया गया..! #36gyan #hpstra
F M POETRY
White किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए.. किसको अपना कहूं ज़माने में.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए....
#किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए....
read moreIts Shayar Official
White किसको अपने दिल में तू मेरे, बाद रखेगा, तब तब याद आऊंगा, जब दिल पर हाथ रखेगा, एक इस तरीका के, हादसे में मारूंगा मैं, जमाना याद रखेगा, ©Gaming Yt किसको अपने दिल में... 💔🥀😢 #Shaayari #sadShayari #brokenshayari #loveshayari #Mohabbatshayari
किसको अपने दिल में... 💔🥀😢 #Shaayari #sadShayari #brokenshayari #loveshayari #mohabbatshayari
read moreF M POETRY
White कौन सुनता है ईश्क़ वालों की.. किसको समझाऊँ हाल-ए-दिल अपना.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #किसको समझाऊं.....
#किसको समझाऊं.....
read moreFuck off nojoto
उस से कहियो कि दिल की गलियों में , रात दिन तेरी इंतिज़ारी है .. हिज्र हो या विसाल हो कुछ हो , हम हैं और उस की यादगारी है .. ©Arshu.... उस से कहियो कि दिल की गलियों में रात दिन तेरी इंतिज़ारी है हिज्र हो या विसाल हो कुछ हो हम हैं और उस की यादगारी है Sethi Ji प्रज्ञा Ritu
उस से कहियो कि दिल की गलियों में रात दिन तेरी इंतिज़ारी है हिज्र हो या विसाल हो कुछ हो हम हैं और उस की यादगारी है Sethi Ji प्रज्ञा Ritu
read moreAnant Nag Chandan
रूह खोई हुई है बनारस की गलियों में, जिस्म भटक रहा रांची की सड़कों में। अनंत ©Anant Nag Chandan रूह खोई हुई है बनारस की गलियों में, जिस्म भटक रहा रांची की सड़कों में। अनंत
रूह खोई हुई है बनारस की गलियों में, जिस्म भटक रहा रांची की सड़कों में। अनंत
read moreMahesh Chekhaliya
i accepted... किसको जबर जस्ती अपना नहीं बनाया जा सकता... ©Mahesh Chekhaliya #Gulaab किसको जबर जस्ती अपना नहीं बनाया जा सकता
#Gulaab किसको जबर जस्ती अपना नहीं बनाया जा सकता
read moreधाकड़ है हरियाणा
Shashi Bhushan Mishra
कुत्तों की भरमार, किसको है दरकार, अराजक हैं तत्व, न्यायालय लाचार, अनुशासन कमज़ोर, सोई है सरकार, अशिक्षित सब लोग, बेबस घर परिवार, कुनबा बना समाज, लालच लोभ अपार, सत्ता पाना लक्ष्य, मानवता बेज़ार, नारी का सम्मान, स्वर्ग बने घरबार, धरती का उपकार, रक्खो नहीं उधार, 'गुंजन' मन में प्रीत, सही रखो व्यवहार, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra #किसको है दरकार#
#किसको है दरकार#
read moreParasram Arora
White मेरी जन्नत सिर्फ मेरी जन्नत है इसमें तुम सेंध लगाने की कोशिश करना मत.. हमेशा मैं डरा डरा सा रहता हू की कही ये नर्क के इंकलाबी हथिया न लें मेरी इस जन्नत को ©Parasram Arora मेरी जन्नत
मेरी जन्नत
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