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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून अब , दिखे भक्त उपहार ।। कलयुग में होंगे वही , सुन लो भव से पार । जो कर्मो के संग में , करते प्रभु जयकार ।। कर्मो का पालन करो , मिल जायेंगे राम । तेरे अंदर भी वही , बना रखे हैं धाम ।। रिश्ते हैं अनमोल ये , करो नही तुम मोल । रिश्ते मीठे बन पड़े , अगर मधुर तू बोल ।। आटो बाइक में नही, करें यहाँ जो फर्क । मिलें उन्हें यमराज जी , ले जाने को नर्क ।। जीवन से मत हार कर , बैठो आज निराश । कर्मो से ही सुन यहाँ , होता सदा प्रकाश ।। जो भी सुत सुनती नहीं , मातु-पिता की बात । वे ही पाते हैं सदा, सुनो जगत में घात ।। मातु-पिता की बात जो , सुने अगर औलाद । तो पछतावा क्यों रहे , फिर गलती के बाद ।। मातु-पिता हर से कहे, प्रखर जोड़ कर हाथ । अपनी खातिर भी जिओ , रह के दोनों साथ ।। मातु-पिता गुरुदेव का , करता नित सम्मान । जिनकी इच्छा से बना , मैं अच्छा इंसान ।। तीनों दिखते हरि सदृश , मातु-पिता गुरुदेव । वह ही जीवन के सुनो , मेरे बने त्रिदेव ।। मातु-पिता के बाद ही , मानूँ मैं संसार । पहले उनका ही करूँ , व्यक्त सदा आभार ।। मातु-पिता क्यों सामने, क्यों खोजूँ भगवान । उनकी मैं सेवा करूँ , स्वतः बढ़े अभिमान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून
दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून #कविता
read morePoet Maddy
उस इक शख़्स की झलक की खातिर, हमने आज भी पलकों को बिछा रखा है........ यूं तो काफ़ी अंधेरा है हमारे आशियाने में, उसकी याद में हमने ये दिल जला रखा है....... ©Poet Maddy उस इक शख़्स की झलक की खातिर, हमने आज भी पलकों को बिछा रखा है........ #Glimpse#Person#Eyelashes#Dark#House#Heart#Memory........
puja udeshi
पानी सर से ऊपर चला जाता हैं तब पाप का घड़ा फूट ही जाता हैं जो भी इस medical college मे काण्ड हो रहे थे उसका पर्दा फाश होना ही था, गलत रास्ता सही मंजिल पर नहीं पहुँचाता और जो इसका विरोध करते हैं उन्हें खामोश कर दिया जाता हैं हमेशा के लिए यही मोमिता दास ट्रेनि dr के साथ हुआ उस क़ो चुप करवा दिया हमेशा के लिए, सोचा होगा बच जाऐगे, क्यो कि जो सालो से नहीं पकडे गए उनका कोई क्या बिगाड़ लेगा, यही सोच कर ही ये crime हुआ, एक sanjay नहीं और भी डॉक्टर शामिल हैं जिन्होंने मिल कर मारा dr क़ो और बहुत यातना दी कि सुन कर ही दिल काँप उठे कैसे कोई इतना निर्मिम हो सकता हैं, पर नशा और खुदक ये दो चीज इंसान क़ो वहशी बना देती हैं कोई होश मे इतनी हिम्मत नहीं कर सकता, कलेजा चाहिए किसी क़ो मारने क़ो, और एक लड़की और ज्यादा मर्द कैसे अपने आप क़ो बचाती, जितना चोट मिली उसको उतना वो संघर्ष कि अपने आप क़ो बचाने की खातिर, सब पकडे जाऐगे देखना, भगवान हैं तो एक एक क़ो सजा मिलेगी तभी उस dr की आत्मा क़ो शांति मिलेगी rip 🙏🏻ओम शांति 👆🏻🥹 ©puja udeshi पानी सर से ऊपर चला जाता हैं तब पाप का घड़ा फूट ही जाता हैं जो भी इस medical college मे काण्ड हो रहे थे उसका पर्दा फाश होना ही था, गलत रास्ता
पानी सर से ऊपर चला जाता हैं तब पाप का घड़ा फूट ही जाता हैं जो भी इस medical college मे काण्ड हो रहे थे उसका पर्दा फाश होना ही था, गलत रास्ता #SAD
read moreDevesh Dixit
White स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था देशवासियों का अपने अपमान किया था क्रांतिकारी भी जोश में थे नेता अपने होश में थे अंग्रेजों की सत्ता हिलाई थी दांतों तले उंगलियां दबवाई थी शासन अंग्रेजों का डोल गया था धीरज उनका बोल गया था क्रांतिकारियों से थर्राने लगे थे नेताओं से वो घबराने लगे थे बोरिया बिस्तरा अपना बांध लिया था एक एक अंग्रेज देश छोड़ कर भाग लिया था देश अपना तब आजाद हुआ हिंदुस्तानी अपना आबाद हुआ ध्वजारोहण तब से हुआ है 15 अगस्त विख्यात हुआ है यह राष्ट्र दिवस हमारा है हमको जां से प्यारा है ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था
#happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था #Poetry #sandiprohila
read morepuja udeshi
भूमिका movie देखी इस मे नारी के चरित्र, भावनाओं क़ो बखूबी दिखाया है जो मर्द जाति की सताई और अपने सपनो क़ो खोजती है पर सच्चे प्यार के लिए तरस जाती है पुरुष वर्ग नारी क़ो सिर्फ बिस्तर तक आनंद की चीज समझता है उसका use करता है सिर्फ money की खातिर, बचपन से असूलो की सूली चढ़ी नारी बचपन खो जवानी मे भटक जाती है, प्यार क्या होता है ये नहीं जान पाती, कई बार धोखा फरेब से तंग आकर अकेले रहने का विचार करती है 👌🏻very nice movie, जरूर देखे... ©PФФJД ЦDΞSHI भूमिका movie देखी इस मे नारी के चरित्र, भावनाओं क़ो बखूबी दिखाया है जो मर्द जाति की सताई और अपने सपनो क़ो खोजती है पर सच्चे प्यार के लिए तरस ज
भूमिका movie देखी इस मे नारी के चरित्र, भावनाओं क़ो बखूबी दिखाया है जो मर्द जाति की सताई और अपने सपनो क़ो खोजती है पर सच्चे प्यार के लिए तरस ज #Love #pujaudeshi
read moreNaveen
White लोग लड़ते है मिलने के खातिर अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी भूल नही पाउँगा वो लम्हा जब तुमने दिल की धड़कने सुनाई थी ये बिछड़ना-मिलना यह तो शायद मोहब्बत है अपने प्यार को वो दे देना जिसकी उसको जरूरत है हम दोनों थे कैद कही अपनी समझ की सलाखों में तुमने ऐसा रिहा किया खुद आज़ादी शर्मायी थी जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी मिलेंगे हम ये वादा है रोज रात को चाँद के जरिये मैं भेजूंगा पैगाम तुझे इस बहती हवा के जरिये साथ रहेंगे एक सोच के जरिये नाजुक नाजुक यादों में तुम कहना एक ज़िद्दी पडोसी अपने घर भी आया था लोग लड़ते है मिलने के खातिर अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है चलो बहुत हुआ अब चुप रहूँगा चुपी में मज़मून है ज्यादा तुम जैसा बनना कहूँगा बस मेरा इतना ही है वादा इससे ज्यादा कहूंगा कुछ तो फूट पड़ेगी रुलाई भी लोग लड़ते है मिलने के खातिर अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी ©Naveen लोग लड़ते है मिलने के खातिर अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी भूल नही पाउँगा वो लम्हा जब तुमने
लोग लड़ते है मिलने के खातिर अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी भूल नही पाउँगा वो लम्हा जब तुमने #SAD
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
*विधा सरसी छन्द आधारित गीत* आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव । वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।। आओ लौट चलें अब साथी .... पूर्ण हुई वह खुशियाँ सारी , जो थी मन में चाह । खूब कमाकर पैसा सोचा , करूँ सुता का ब्याह ।। आज उन्हीं बच्चों ने बोला , क्यों करते हो काँव । जिनकी खातिर ठुकरा आया, मातु-पिता की ठाँव । आओ लौट चलें अब साथी ..... स्वार्थ रहित जीवन जीने से , मरना उच्च उपाय । सुख की चाह लिए भागा मैं, और बढ़ाऊँ आय ।। यह जीवन मिथ्या कर डाला , पाया संग तनाव । देख मनुज से पशु बन बैठा , डालो गले गराँव ।। आओ लौट चलें अब साथी.... भूल गया मिट्टी के घर को , किया नहीं परवाह । मिला प्रेम था मातु-पिता से , लगा न पाया थाह ।। अच्छा रहना अच्छा खाना , मन में था ठहराव । सारा जीवन लगा दिया मैं , इन बच्चों पर दाँव ।। आओ लौट चलें अब साथी ..... झुकी कमर कहती है हमसे , मिटी हाथ की रेख । गर्दन भी ये अब न न करती ,लोग रहे सब देख ।। वो सब हँसते हम पछताते, इतने हैं बदलाव । मूर्ख बना हूँ छोड़ गाँव को , बदली जीवन नाँव ।। आओ लौट चलें साथी अब ... कभी लोभ में पड़कर भैय्या , छोड़ न जाना गाँव । एक प्रकृति ही देती हमको , शीतल-शीतल छाँव ।। और न कोई सगा धरा पर , झूठा सभी लगाव । अब यह जीवन है सुन दरिया , जाऊँ जिधर बहाव ।। आओ लौट चलें अब साथी.... आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव । वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *विधा सरसी छन्द आधारित गीत* आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव । वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।। आओ लौट चलें अब साथी ...
*विधा सरसी छन्द आधारित गीत* आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव । वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।। आओ लौट चलें अब साथी ... #कविता
read moreKuldeep KumarAUE
White मेरे दर्द है सीने में, मैं हर दर्द को सह लूंगा मेरे देश की खातिर अपने आप को भी कुर्बान कर दूंगा ©Kuldeep KumarAUE #Indian_flag मेरे दर्द है सीने में, मैं हर दर्द को सह लूंगा मेरे देश की खातिर अपने आप को भी कुर्बान कर दूंगा #kuldeepkumaraue #India #Coun
#Indian_flag मेरे दर्द है सीने में, मैं हर दर्द को सह लूंगा मेरे देश की खातिर अपने आप को भी कुर्बान कर दूंगा #kuldeepkumaraue #India Coun #Countary
read moreAnkur tiwari
White क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द्वेष से दूर रहो ना भटको अपने लक्ष्यों से खुद से इतना तो धीर धरो लक्ष्मी बाई का देश है यह जो अंग्रेजो से बाज गई दे दी आहुति खुद की और ले वीरगति का ताज गई देखो मंगल को जिसने सत्तावन में मंगल गान किया देश की खातिर बिस्मिल ने न्योछावर अपनी जान किया जफर बहादुर तात्या के जीवन से कुछ तो ग्रहण करो गर मिले नही अधिकार तुम्हे तो तिलक सा तुम अधिग्रहण करो आज़ाद भगत और राजगुरु के गुण हैं तुममें भी ये याद रखो जब देश धर्म की बात हो तो हम भारतीय हैं यह याद रखो नेता सुभाष से हो सकते हो हो सकते हमीद से तोप तुम्हीं राणा प्रताप सा जी लेना न जीना बनकर गुलाम कभी तब जाके विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का सपना साकार हो पायेगा जब तक धरती और चांद रहेगा तिरंगा अपना आसमान में लहराएगा अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari #Indian_flag क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द
#Indian_flag क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द #Poetry
read moreAacky Verma
चंद खवाहिशो की खातिर अपनो से दूर हुआ और वो चला गया गेरो के साथ जिनके लिए हम करते रहे दुआ www.aackyshayari.in @aackyshayari #Shayari #sayari #gone #sadShayari #dardshayari #heartbrokenshayari #bewafashayari #brokenheartshayari #sanambewafa
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