Find the Latest Status about एक और थी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, एक और थी.
( W.T) ग्रुप अनवर अनवर हु यार
،ना पढ़ी तवज्जो मुझपे जालिम तेरी एक बार सोचता हु लौट जाऊं वापस फिर उसी जिंदगी के पास जहां ना तू थी,ना तेरा इश्क था, बस ज़िंदगी थी और सुकून #लव
read moreranjit Kumar rathour
थी बातूनी सी उसकी बक बक से सब रहते थे परेशान लेकिन वो बेहतरीन थी जरूरत थी उसके मनोबल क़ो बढ़ाने कि उम्मीद खूब आगे जाना बाबू मेरा आशीर्वाद तुम्हे ताउम्र होगा हाँ होगा ©ranjit Kumar rathour थी एक बक बक
थी एक बक बक #कविता
read moreParasram Arora
White एक अदद रोटी और दो गूँट प्यास के लिये मैं अपनी जिंदगी को धूप मे तपा कर पसीनो से लथ पथ करता रहा और पसीनो से जिंदगी को नहला. कर उसे ताज़गी से भरता रहा ©Parasram Arora एक अदद रोटी और दो गूट प्यास
एक अदद रोटी और दो गूट प्यास #कविता
read moreranjit Kumar rathour
थी एक दोस्त (दीपा ) ************* किसकी बात कर रही हो अरे यार दोस्त के बारे ऐसा नहीं कहते हा यही तो दुख हैँ अब दीपा नहीं रही... सन्न थे ग्रुप के सभी दोस्त सहेलियां थे हम बचपन से जवानी तक साथ रहे है हम फिर अपनी दुनिया मे गुम रोज घर परिवार पुराने दिनों के किस्से कहानिया थोड़ी मस्ती और शरारत और फिर एक दिन डरा देने वाली खबर किसी ने लिखा पता है अपनी शैतान बीमार है वो बड़ी परेशानी मे है हम पांच सहेलियों मे से एक सबने दुआएं कि बोला यार तू घबराना मत हिम्मत रखना डार्लिंग! तू तो हम सबकी जान है तुझे कुछ नहीं होगा लेकिन एक दर्द उभरा चंद दिन पहले लिखा नहीं डिअर अब मेरा समय करीब है और फिर एक सितम्बर आज़ ही के दिन दीपा मेरी जान! हम सबकी पावर हाउस हर बात पर मस्ती शरारत का कोई मौका नहीं छोड़ती नाम भी कितना सुंदर दीपा.. जिसकी जलना ही नियति थी याकायाक बुझ गयी... दोस्त क़ो स्नेह भरा आलिंगन काश! हम सब साथ होते और एक बार फिर गले मिलते एक तस्वीर तेरी पसंद से खिचवाते हा! नियति ने मुझे तुमसे चंद दिन पहले मिलने का मौका दिया था मैं भाग्यशाली हूं.. अपने यार को मिल पाया तू जहाँ भी रहेगी दमकती रहेगी हा हम सारे दोस्त तुम्हे मिस करेँगे हा तुझे..मुझे अपने घर लाने का वादा अधूरा रहा गया माफ़ी चाहती हूं लेकिन तेरी हर बात न्यारी थी यार तू हमारी प्यारी दोस्त थी..सदा रहोगी मगर एक शिकायत ऊपर वाले से इतनी जल्दी भी क्या थी अभी तो दीपा क़ो काफ़ी कुछ सवारना था बाबू के जीवन मे उजाला भरना था ये तेरा न्याय ठीक नहीं.. और भगवान आपसे एक मिन्नत है मेरी ही नहीं हमारी जान क़ो अपने चरणों मे जगह देना बहुत प्यारी है वो हा बहुत प्यारी है तुझे इस कदर लिखना अच्छा नहीं लगता और अब इतनी हिम्मत नहीं कि तुझे और लिख पाऊं... अश्रुपूरित नयन, बेकल मन से तुझे नमन करती। हुँ 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏🙏 ©ranjit Kumar rathour एक थी दोस्त (दीपा )
एक थी दोस्त (दीपा ) #कविता
read moreAnjali Singhal
"एक ऐसी लड़की थी, चोट इश्क़ की खाए बैठी थी; और दीवानी ऐसी कि, दर्द दिल में धड़काए बैठी थी। रोती सिसकती सी आवाज़ में, कुछ गुनगुनाए बैठी थी; #Poetry #Dard #dardshayari #status #Shorts #Reels #AnjaliSinghal
read moreManita kachhap
चाहतें ................................... रुह तक चाहने के बाद भी प्रेमिका को, एक पत्नी का दर्जा नहीं है मिलता । चाहतें हैं सिंदूर की, पर हाथ में सिर्फ एक गुलाब है आता। खुशनसीब है वो पत्नी जिसके माथे सिंदूर है सजता। वो चाहती है कि काश.... प्रेम का वो पहला गुलाब , उसके हिस्से में आता। ©Manita kachhap एक चाहत थी दिल की.... #girl #प्रेम #अनकहे #दिल #गहराई #unconditionallove #lovequotes #Nojoto
एक चाहत थी दिल की.... #girl #प्रेम #अनकहे #दिल #गहराई #unconditionallove #lovequotes #Love
read moreVandana Rana
White एक व्यथा सुनानी थी, अपना कोई बचा है क्या? ©Vandana Rana एक व्यथा सुनानी थी, अपना कोई बचा है क्या?
एक व्यथा सुनानी थी, अपना कोई बचा है क्या? #SAD
read moreJashvant
White मैं जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता हूँ नहीं समझता कि ऐसा क्यूँ है न ख़ाल-ओ-ख़द का जमाल उस में न ज़िंदगी का कमाल कोई जो कोई उस में हुनर भी होगा तो मुझ को इस की ख़बर नहीं है न जाने फिर क्यूँ! मैं वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा हूँ ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़ मिरा लहू अपनी गर्दिशों में उसी की तस्बीह पढ़ रहा है जो मेरी चाहत से बे-ख़बर है कभी कभी वो नज़र चुरा कर क़रीब से मेरे यूँ भी गुज़रा कि जैसे वो बा-ख़बर है मेरी मोहब्बतों से दिल ओ नज़र की हिकायतें सुन रखी हैं उस ने मिरी ही सूरत वो वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा है ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़ वो जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता है मगर नहीं जानता ये वो भी कि ऐसा क्यूँ है मैं सोचता हूँ वो सोचता है कभी मिले हम तो आईनों के तमाम बातिन अयाँ करेंगे हक़ीक़तों का सफ़र करेंगे ©Jashvant एक नज़्म और
एक नज़्म और #Life
read more