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अपनी कलम से
White प्रेम में अक्सर हीं आदमी बेचारा हो जाता है || ........... ©अपनी कलम से #love_shayari Kavi Himanshu Pandey silence quotes (सवाल आपके भी मन में विचरण कर रहे होंगे कि कैसे जवाब कुछ पंक्तियों द्वारा Caption में पढ
#love_shayari Kavi Himanshu Pandey silence quotes (सवाल आपके भी मन में विचरण कर रहे होंगे कि कैसे जवाब कुछ पंक्तियों द्वारा Caption में पढ
read moreVikrant Rajliwal
"Vikrant Rajliwal Show: Bacchon Ki Mazedaar Duniya Ka Double Maza!" "दोस्तों, स्वागत है विक्रांत राजलीवाल शो में, जहां बच्चों की मजेदार द #subscribe #कॉमेडी #फनी #बच्चोंकीदुनिया #विक्रांतराजलीवालशो #बच्चोंकाहीरो
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White तु मिरि कुर्बत मे होकर मिरी *कुर्बत मे नहीं है,अब ऐसे साथ मे तिरि वो पहली सी उल्फत भी नहीं है//१ मै गम ए शनास तेरे अदब मे*अज़ीयत सहती रही अब मुझमे तेरी*ताजीम की कोई *नीयत भी नहीं है//२ मुझे दर _बदर करने के तुने कई मन्सुबे घड़ तो लिए, के अब इसमे बची तिरि कुछ हकीकत भी नहीं है//३ तर्के ताल्लुक से मिरी बर्बादी तो तिरे सरपे होगी,तूने हैरान किया इतना,अब मिल्लत की जरूरत भी नहीं है//४ गर चुप रही तेरे तशद्दूद पे तो मुझे मिरि अना मार देगी, अब अदल करने मे रत्तीभर तिरि हिम्मत भी नहीं है//५ मेरे एह्बाब् ने विरसे का करके किस्सा तमाम,अब् मुझे कहते है विरासत मे तिरी कोई शिर्कत भी नहीं है//६ आदत बदल लेगा तु बदसलुकी की,इस आस मे उम्र तमाम की, तुझमे दिखती *हुस्नेसलूक की वो पहली सी झलक भी नहीं है//७ "शमा"साथ रह्ते हुए,जब हो जाए खत्म,एहसासे कुर्बत, तो अब मान ही लो के ऐसी कुर्बत मे उल्फत भी नहीं है//८ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #love_shayari तु मिरि कुर्बत मे होकर मिरी *कुर्बत मे नहीं है,अब ऐसे साथ मे तिरि वो पहली सी उल्फत भी नहीं है//१*पास मै गम ए शनास तेरे अदब म
#love_shayari तु मिरि कुर्बत मे होकर मिरी *कुर्बत मे नहीं है,अब ऐसे साथ मे तिरि वो पहली सी उल्फत भी नहीं है//१*पास मै गम ए शनास तेरे अदब म #shamawritesBebaak
read morepuja udeshi
पानी सर से ऊपर चला जाता हैं तब पाप का घड़ा फूट ही जाता हैं जो भी इस medical college मे काण्ड हो रहे थे उसका पर्दा फाश होना ही था, गलत रास्ता सही मंजिल पर नहीं पहुँचाता और जो इसका विरोध करते हैं उन्हें खामोश कर दिया जाता हैं हमेशा के लिए यही मोमिता दास ट्रेनि dr के साथ हुआ उस क़ो चुप करवा दिया हमेशा के लिए, सोचा होगा बच जाऐगे, क्यो कि जो सालो से नहीं पकडे गए उनका कोई क्या बिगाड़ लेगा, यही सोच कर ही ये crime हुआ, एक sanjay नहीं और भी डॉक्टर शामिल हैं जिन्होंने मिल कर मारा dr क़ो और बहुत यातना दी कि सुन कर ही दिल काँप उठे कैसे कोई इतना निर्मिम हो सकता हैं, पर नशा और खुदक ये दो चीज इंसान क़ो वहशी बना देती हैं कोई होश मे इतनी हिम्मत नहीं कर सकता, कलेजा चाहिए किसी क़ो मारने क़ो, और एक लड़की और ज्यादा मर्द कैसे अपने आप क़ो बचाती, जितना चोट मिली उसको उतना वो संघर्ष कि अपने आप क़ो बचाने की खातिर, सब पकडे जाऐगे देखना, भगवान हैं तो एक एक क़ो सजा मिलेगी तभी उस dr की आत्मा क़ो शांति मिलेगी rip 🙏🏻ओम शांति 👆🏻🥹 ©puja udeshi पानी सर से ऊपर चला जाता हैं तब पाप का घड़ा फूट ही जाता हैं जो भी इस medical college मे काण्ड हो रहे थे उसका पर्दा फाश होना ही था, गलत रास्ता
पानी सर से ऊपर चला जाता हैं तब पाप का घड़ा फूट ही जाता हैं जो भी इस medical college मे काण्ड हो रहे थे उसका पर्दा फाश होना ही था, गलत रास्ता #SAD
read moreMUKESH KUMAR
White ☝️एक विचार ✍️ स्मरण रहे आप तब तक नहीं हार सकते... जब तक आपका मन हार नहीं मान लेगा... ©MUKESH KUMAR ☝️एक विचार ✍️ स्मरण रहे आप तब तक नहीं हार सकते... जब तक आपका मन हार नहीं मान लेगा... #ekvichar #ekvichar4you #motivation #thoughts #success
☝️एक विचार ✍️ स्मरण रहे आप तब तक नहीं हार सकते... जब तक आपका मन हार नहीं मान लेगा... #ekvichar #ekvichar4you #Motivation thoughts #Success #confidence #Coach #World_Photography_Day
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
उपमान छन्द दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थोड़ा भी चोखा ।। खुला सुबह से आज है , ठेका सरकारी । जी भर पीकर देख लो , भूलो तरकारी ।। निशिदिन जैसे आज भी , सोयेंगे बच्चे । बनो नही अब आप भी , कलयुग में सच्चे ।। गाँव-गाँव यह रीति है , सब करते थैय्या । मेरे तो सरपंच जी , है बड़का भैय्या ।। दिये न ढेला नोन का , बनते है दानी । देते भाषण मंच पर , बन जाते ज्ञानी ।। करना आज विचार सब , पग धरना धीरे । बिछे राह में शूल है , हम सबके तीरे ।। जाग गये तो भोर है , जीवन में तेरे । वरना राई नोन के , लेते रह फेरे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उपमान छन्द दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थ
उपमान छन्द दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थ #कविता
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