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Shiv Narayan Saxena
White नहीं था मेरे पास और लुटाने के लिए कुछ मैं उस गली से दोबारा गुज़र के क्या करत ©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning क्या करता.....
#GoodMorning क्या करता.....
read moreF M POETRY
White तुम पर मैं दिल निसार करता हुँ.. तुम पर ही ऐतिबार करता हुँ.. कोई ऐसे तो न करता होगा.. जैसे मैं तुमसे प्यार करता हुँ.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #जैसे मैं तुमसे प्यार करता हुँ.....
#जैसे मैं तुमसे प्यार करता हुँ.....
read moreBhupendra Deep
White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने उस दर्द को छुपाते मुस्कुराता आ रहा हूँ अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं... ©Bhupendra Deep #sad_dp जा रहा हूँ
#sad_dp जा रहा हूँ
read morePagal shayer
White कमाल का सफर रहा... न मंजिल मिली न हमसफर रहा... ©Pagal shayer न हमसफर रहा....
न हमसफर रहा....
read moreShashi Bhushan Mishra
White बेड़ा स्वयं ग़र्क़ करता है, घण्टा नहीं फ़र्क पड़ता है, बेमतलब की बातों पर भी, मूरख सदा तर्क करता है, अपनी ही करतूतों से वह, जन्नत जहाँ नर्क करता है, सच्चा वैद्य हरे दुःख पीड़ा, जड़ी पीस अर्क करता है, सूरज की गर्मी से मतलब, नाहक मकर कर्क करता है, अंतर्घट की प्यास बुझा लो, गुरुवाणी सतर्क करता है, 'गुंजन' विला जरूरत के भी, बस दिन-रात वर्क करता है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra #बेड़ा स्वयं ग़र्क़ करता है#
#बेड़ा स्वयं ग़र्क़ करता है#
read moreVikas Sahni
White #मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** **** **** **** **** यह देख दोबारा कविता करीब आई, अनुभूत करता रहा जिसकी गहराई, जिसका दिल मेरा मन लूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** **** **** **** **** अतः आज और अधिक हो गया है कठिन काम, यह देख दिल बहला रहा था अक्षरधाम कि मदहोशी का मटका फूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** ****
#मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** ****
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