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kareem malik
मुझे भी शामिल करो गुनहगारो की महफिल में में भी कातिल हूँ कि मैने अपने ख्वाहिशो को मारा है kareem malik शौच
शौच
read moreShiv Narayan Saxena
आना नहीं, न आना, बिस्तर से मत निकलना कोहरा घना है ☕कॉफ़ी गरमागरम पिलाना ©Shiv Narayan Saxena #2023Recap आना नहीं, न आना . . .
#2023Recap आना नहीं, न आना . . .
read morevimlesh Gautamhttps://youtube.com/@jindgikafasana6684?si=qDr1CB9JbHPrEa6o
तेरे चले जाने से हम टूट गये , ज़ख्म ले फिर भी संभल तो गए, लेकिन तेरे दिए दर्द और जख्म नासूर बन जब तक उभर आतें हैं। दिल में एक टीस वेदना दिल को दर्द दे जातें हैं। कभी वह दर्द देने वापस ना आना मैं संभल गई मुझे फिर से ना रूलाना।। ©Vimlesh Gautam #फिर न आना
#फिर न आना
read moreShahab
तेरे हिस्से की सारी बातें बचा रखी है मैंने, जब शहर खुलेंगे तो खुलकर बात करेंगे हम ! #खुलकर
megha kumari
अब जीना सीख गई हूँ अकेले मेरे जाना.... अब दोबारा लौट..... मेरे जिंदगी में तबाही न मचाना.... बङी मुश्किल से सीखा हैं मैंने मुस्कुराना.... आसान नहीं था मेरे लिए... उन तन्हाइयों से उभर पाना... नहीं चाहती अब फिर से खुद को तरपाना... इसलिए ही तो मैं कहती हूँ.... "जाना" दोबारा मेरी जिंदगी में तुम न आना.... ©megha kumari #अब तुम न आना....
#अब तुम न आना....
read moreAlex Mahphooz
ख्वाब अाँखाें काे तेरे अब अगर दिखाये कभी ..!! तू लौट के ना आना अगर हम बुलाये कभी....!! लौट के न आना कभी।।
लौट के न आना कभी।।
read moreKavi Diptesh Tiwari
🙏🙏🙏 *इस देश न आना लाडो* 🙏🙏 नव पल्लवित कोमल कली अभी खिली नही थी क्यारी में, उजास अभी हुआ नही था,कुचक्र रचा अंधियारी नें, माली बस कर ममता से रोप रहा था पौंधों को, तभी न जाने किस दानव ने रौंद दिया घरौंदों को, खुशियों से भरी हुई थी संसार समाया देखूंगी, खेल कूद मस्ती और सतरंगी इंद्रधनुष भी देखूंगी, शिखर चढूंगी,गगन छुंऊँगी आयाम नया मैं गढ़ दूंगी, क्या पता था मुझको मैं ऐसे हैवानों के हाथ मरूँगी? सब सपने टूट गए मेरे और टूट गया है मेरा मन, गर्भ में ही मार दो मुझें नही लेना अब जनम, ये ज़ालिम है दुनिया मुझे यूँ अंग अंग न काटो, सब बहनों से बिनती मेरी इस देश न आना लाडो, क्या उन हैवानों के भीतर कोई इंसान नही था, आग हवस की जलती थी तो क्या कोई शमशान नहीं था, थोड़ा तो सोचा होता हम बागों की कलियां हैं, हमसे ही तू संसार तुम्हारी और तुम्हारी गलियां हैं कैसी आग लगी है, इन खूनी हैवान दरिंदों में, हिंसा का बीज उगा है ,इन हत्यारे बांझ परिंदो में, कोई बैशाखी पकड़ा दो ,इस लंगड़े लूले शासन को, लाल किले में लटका दो ऐसे दुष्कर्मी दुःशासन को, जो बेटी की इज्जत से खिलवाड़ करे उसकी छाती में गोली हो, और उसी दरिंदे के रक्तो से रक्तिम होली हो, अब नही सहन हो पायेगा कोई भी अन्याय, कानून नही तो हे मानव तुम दे डालो न्याय, मैं कलम धरोहर अपनी कविता से शोले बरसाउंगा, अच्छे दिन की गुहार लगाने वालों को बस इतना बतलाऊंगा, जिस दिन मेरी बहना रात ,घर को बिना डरे आजायेगी, उस दिन ही तो अच्छे दिन की किरणें घनघोर घटा में छाएगी, *✒️✒️ दिप्तेश तिवारी* इस देश न आना लाडो
इस देश न आना लाडो
read moreshishram kulhari
इस देश मे झील पर पानी बरसाता है, खेत-खेत पानी को तरसता है इस देश मे। पागलो ,नेताओ, ओर लीडरो को छोड़ दे, को खुलकर कोन हँसता है इस देश मे ।। #खुलकर हँसी
#खुलकर हँसी
read moreAzaad Pooran Singh Rajawat
"सांझ ढले,पंछी नीड़ को चले अनुशासन पंछियों का दिखता आसमां में संगठन शक्ति ,सुंदर दिखती पंछियों की आसमां में हम भी सीखें ,अनुशासन में रहना हम भी सीखें, प्रेम से रहना हम भी सीखें,संगठन में रहना खोलकर बाहें, कदम बढ़ाए प्रेम मिलेगा, मंजिल मिलेगी खुलकर जीवन भर मुस्कुराएं।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #ballet #खुलकर मुस्कुराए#