Find the Latest Status about ग़ज़ल ऑफ़ गुलाम अली from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ग़ज़ल ऑफ़ गुलाम अली.
dharmendra kumar yadav
White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था मेरा अज़ीज़ मुझको गिफ्ट में आईना लाया था वो आसूं सिर्फ आसूं नहीं बाग़ी भी हो सकते थे पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था जिससे ज्यादातर नाराज़ ही रहता रहा ये दिल उसको ही अपने बुरे दिनों में अपने साथ पाया था वो मेरी जान से जिक्र की है कि वो मेरी होती जो मुझे उन दिनों बर्बाद ओ बेकार बताया था ©dharmendra kumar yadav ग़ज़ल
ग़ज़ल
read moreGautam ADARSH Mishra
ख़ुद से रूठे हैं हम लोग। टूटे-फूटे हैं हम लोग॥ सत्य चुराता नज़रें हमसे, इतने झूठे हैं हम लोग। इसे साध लें, उसे बांध लें, सचमुच खूँटे हैं हम लोग। क्या कर लेंगी वे तलवारें, जिनकी मूँठें हैं हम लोग। मय-ख़्वारों की हर महफ़िल में, खाली घूंटें हैं हम लोग। हमें अजायबघर में रख दो, बहुत अनूठे हैं हम लोग। हस्ताक्षर तो बन न सकेंगे, सिर्फ़ अँगूठे हैं हम लोग। "आदर्श मिश्र" ©Gautam ADARSH Mishra मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे
मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे
read moreMishra Agency
"यदि सुबह नींद खुलते ही आप किसी लक्ष्य को लेकर उत्साहित नहीं हैं, तो आप जी नहीं रहे हैं, सिर्फ़ जीवन काट रहे हैं" :-महात्मा बुद्ध good morning 🌄 ©Mishra Agency मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे
मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे
read more