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Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक। 4,, दिसंबर,,2024,,
वार   बुधवार 
समय सुबह  पांच  बजे
्््भाव से काम कर रहे वह आज चेहरे पर मुस्कान लिये अधरो की मुस्कान बने,, 
यही मेरी स्वरचित कविता भाव में स्थित सोच पर जिंदगी में,
 एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द ही आनंद है ्््
््निज विचार ््
्भावचित्र ्
भावचित्र में सनातन वैदिक विचारधारा शाश्वत सत्यता पर
ख्यालात अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर सकते हैं ्
वर्तमान समय में जिस प्रकार निराकार साकार लोक में भ़मण करते हुए
ईश्वर रुप में भारतीय नागरिक मतदाता होने पर एक दिलचस्प बात यह है,
देश में अवाम में खुशहाली आती है तो देश आगे बढ़ेगा
और आज हमारे देश में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा आयोजित सेवा में समर्पित करिष्यामि नमन वन्दंनीय है,,
्््भावचित्र है मां गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर सकल 
सनातन विचार सच में एक जीवंत प्रयास करें ,,
यही भाव से मेरी स्वरचित रचना में मालवी भाषा में, कुछ लिखने का प्रयास किया गया है ्शीर्षक ्
मनुज जणम जोणि में धरम करम का रोणा में,
रौवे जींव जगत का‌ मैला ढोने लाग्या रै््।।1।।
।म्हणे मनुज जणम पायोजी मैंने,,
थाके सेवाणी गौवंश गौसेवा में,
 सजल नयन अश्रुजल से,नहलायो तन मन को।।2।।
चौरासी लख जणम जोणि में,,
पण मण धण में जींव म्हारो असो लांगे।।3।।
माणो गौरक्षधाम प्यारों श्याम सुंदर णे ,
माखण मिश्री की मटकी फोड़ी,
ग्वाल धेनूबाल संग वन में रोटीयां से ,
माखण सब कुछ,बांटचुटकर खावी जावे।।4।।
तण मण जोगण बरसाणा में,,
लागी लगण राधिका श्याम में।।5।।
मण धण में जींव म्हारो घट में,,
लुफ्त है प्राण असो प्यारो लांगे रै।।6।।
मण आंन्दणो जाणो माणो,,
गौरक्षधामणो में पंछी बणके,
रचिया बसिया चुगणा लाग्या।।7।।
प्रेम भक्ति का दाणा चुगिणे ,,
चाल्या अपणा अपणा घोंसला में।।8।।

््कवि शैलेंद्र आनंद ्
4, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand  भक्ति सागर
                  कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक 3 दिसम्बर 2024
वार  मंगलवार
समय सुबह दस बजे
््भाव रस से भावचित्र ््
्निज विचार ्
्््छाया चित्र में दिखाया गया जिसे हम इस नश्वर शरीर में
 प्राण वायु और पंचतत्व से बना हुआ प्राणतत्व में
माया मोह में फंसे हुए जीवन में कर्मलीला कर्मशील नायक बम्हदेव वरदानित 
भाव है क्या देव असुर, यक्ष, किन्नर, गन्धर्व, मनुज देह है प्राण गंवाए है मारिच असूर सर्वग्य भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं प्रमाणितं
 ब़म्हकर्मसाक्ष्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम है ््
्््
,,निज मानस स्वरचित है भावचित्र स्वज्ञान है,,
़््
कंचन मृग मारिच असूर,मन हरण,
सियाजानकी रघुराज लीला करत ,मारिचप्रान  अधार करंहि,,
 लखन राम राम उच्चारण ही हरण,शरण, 
दासहनुं््यमदूत शोकविनाशमं काल है,।।
छल माया मोह ््मद सब धर्मों में,
भेद नहीं भाव नहीं है,
सब कर्म भूमि पर जातक जींवजीवाश्म प्राणी में ,
प्राण वायु सब कुछ एक है,,
््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
3,, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand  भक्ति सागर
         कवि शैलेंद्र आनंद

Slumdog Entertainment

अखिल भारतीय सुंडी समाज सम्मेलन की तैयारी जोरों पर l सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास l Chhattisgarh

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Shailendra Anand

हिंदी शायरी ्््भावचित्र ््््् कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक,,28,,11,,2024
वार,, गुरुवार
समय,, सुबह पांच बजे
्््भावचित्र ््
््््निज विचार ््
्््शीर्षक ्््
््ये मोहब्बत में दिल से, जन्मा ये आत्मप्रेम का मन्ज़रनामा््््रचना्््भावचित्र ्््
््ये मोहब्बत और दिल से,
 जन्मा आत्म मन्ज़रनामा््््
वाह बहुत खूब जनाब ने फ़रमाया है,,
 यह दिल बाजार से उठकर,
 किसी नक्काशी वाले के हाथ पत्थर के बुत में,
 हथौड़े छिनी और उस पत्थर के बुत में समा गई।।
 वो मोहब्ब्त जो निकलती भी नहीं,
 और मेरे घर आंगन में किराये के,,
 इस दिल के दरवाजे पर दस्तक दे चुकी है ।।
अब बताओ मैं करु तो क्या करु,
,,हरुफ से स्वरुप में विराज रही है, 
प्रेम शब्द की शब्दावली से धड़कने बनकर,
 दिलों में बारुद लेकर विस्फोट कर चुकी हैं ,,
अब जाय तो मस्तिष्क रुपी चक्की में पीस पीस कर देख रहा हूं।।
 मैं इस पत्थर की बेजान शिला मैं शैलेंद्र जो पत्थर ही मेरा शाब्दिक अर्थ,
 मौलिक कल्पना में ही आनंद है,,
 जो कला संस्कृति साहित्य में ,
एक जीवंत कलाकृति होती है।।
यही है मोहब्बत का मन्ज़रनामा,
 जो हर पल हर क्षण हरहाल में,, 
अपने वज़ू में इल्म नूरानी मोज्जां ,
चमत्कार से कम नहीं है।।
हम तो बस एक फानूस है, 
किसी की मोहब्बत भरी नज़रों के,,
आप मेरे दिल का आयना नजरिया है,।।
यह दरिया दिल के समन्दर में,,
मिले ना मिले ये मोहब्बत,
 ये मन्ज़रनामाये दिलों की पालकी है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
28,,, नवम्बर 2024,,

©Shailendra Anand  हिंदी शायरी
्््भावचित्र ्््््
कवि शैलेंद्र आनंद

Slumdog Entertainment

अखिल भारतीय सुंडी समाज सम्मेलन जनवरी में l Chhattisgarh

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