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Andy Mann
White पुरुष मतलब पत्थर में अंकुरित कोंपल, पुरुष मतलब लोहे के सीने के पीछे, धक धक करता कोमल हृदय। पुरुष मतलब कोयल की कुहूक ढूँढ़ता वृक्ष.... पुरुष कहता है कि, आज मूड नहीं है, दिमाग़ ठिकाने नहीं है। पर, शायद ही कहेगा कि आज मन उदास है...... स्त्री पुरुष के कांधे पर सर रखकर रो लेती है, जबकि पुरुष माँ की गोद में सर रखकर रोता है... दुनियाभर की स्त्रियों को अपने पुरुष के, शर्ट पर बटन लगाने में जो रोमांच होता है। वही रोमांच उसी वक्त, स्त्री को गले लगाने में पुरुष को होता है....... जीतने के लिए पैदा हुआ पुरुष, प्यार के पास हार जाता है। और जब..... जब वो प्यार उसे छोड़ जाता है ना, तब वह जड़ समेत उखड़ जाता है....... स्त्री की मजबूरी, सह जाता है जैसे तैसे भी। मगर बेवफाई सह नहीं पाता...... समर्पण स्त्री का स्वभाव है, और पुरुष की दिली तमन्ना। स्त्री के आँसू अंधेरे में भी दिखते हैं। मगर पुरुष के आँसू उसके, तकिये को भी नहीं दिखते। लोग कहते हैं स्त्री को चाहते रहो, समझने की ज़रूरत नहीं। पुरुष को बस समझो... ©Andy Mann #पुरुष_को_समझो_बस puja udeshi Sangeet... Rakesh Srivastava अदनासा- Ashutosh Mishra
#पुरुष_को_समझो_बस puja udeshi Sangeet... Rakesh Srivastava अदनासा- Ashutosh Mishra
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White एक बार एक वोटर लाइन में ही मर गया। मृत्यु उपरान्त वो ऊपर यमराज के दरबार में पहुंचा। वहां चित्रगुप्त उसके कर्मो का खाता खोले बैठा था। उसके कर्मो का खाता देखने के बाद चित्रगुप्त ने यमराज से कहा श्रीमान ये तो 50, 50 का मामला है। पलड़ा दोनों तरफ बिलकुल बराबर है। ऐसी स्थिति पहली बार हुई है। आप आदेश दें कि क्या किया जाए। इसे कहां भेजा जाए। स्वर्ग या नर्क यमराज- ऐसी स्थिति में निर्णय लेने का अधिकार इसी का है। जो भी ये चुनना चाहे। उन्होंने उसे एक दूत के साथ एक दिन नर्क और स्वर्ग में बिताने के लिए भेज दिया। पहले दिन नर्क में पहुंचते ही उसने खुद को एक गोल्फ कोर्स में पाया। चारो तरफ हरियाली , खूबसूरत दृश्यावली के बीच उसे दूर एक छोटा सा एक क्लब नजर आया। वहां पहुंचते ही उसे उसके सभी पुराने मित्र मिल गए । जो सभी बेहद खुश और मजे ले रहे थे। मित्रों के साथ दिन भर उसने ढेर सारा आनंद उठाया, अच्छा खाना खाया थोड़ी बढ़िया शराब भी पी। आखिर उनसे विदा लेकर वो दूत के साथ स्वर्ग में पहुंचा। वहां सभी संत टाइप के संतुष्ट व्यक्ति भजन कीर्तन में लीन थे। दिन बीतता दिखा नहीं उसे। आखिर उसका जाने का समय हो गया। दूत के साथ वो यमराज के पास पहुंचा। यमराज ने उसका निर्णय जानना चाहा। उसने कहा - महाराज स्वर्ग बहुत अच्छा है। वहां शान्ति भी है। लेकिन मैं तो नर्क में ही रहना चाहूंगा। असल आनंद वही पर है। यमराज ने दूत को उसे नर्क में छोड़ कर आने के लिए कहा। नर्क के द्वार के अंदर घुसते ही वो चौंक गया। चारों तरफ उजाड़ बियाबान रेगिस्तान नजर आ रहा था। और उसके सभी मित्र फटेहाल अवस्था में वहां बिखरे पड़े कूड़े करकट में अपना भोजन तलाश रहे थे। उसने दूत से कहा- ये क्या कल तो यहां दूसरा ही दृश्य था। दूत ने हँसते हुए कहा - कभी पृथ्वी पर चुनाव प्रचार नही देखा क्या?? कल अभियान का दिन था। तुम्हे लुभाने का दिन था। तुम्हे फसाने का दिन था। आज तो तुम अपना वोट दे चुके हो। ©Andy Mann #राजनीतिक_व्यंग Ak.writer_2.0 अदनासा- Ashutosh Mishra Dr Udayver Singh Rakesh Srivastava
#राजनीतिक_व्यंग Ak.writer_2.0 अदनासा- Ashutosh Mishra Dr Udayver Singh Rakesh Srivastava
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White मजहबों का हिसाब बाद में कर लेंगे..!! पहले साबित तो करो इंसान हैं हम ©Andy Mann #इंसानियत Ak.writer_2.0 Rakesh Srivastava Ashutosh Mishra अदनासा- Rajesh Arora
#इंसानियत Ak.writer_2.0 Rakesh Srivastava Ashutosh Mishra अदनासा- Rajesh Arora
read moreआधुनिक कवयित्री
क्या लिखूं पापा पर, हर घर में उजाला हैं पापा। हर रिश्ते को बांधकर रखते, ऐसे मोतियों की माला है पापा। करते हैं सबकी हर ख्वाइशे पूरी, ख़ुद की मनत्ते चाहे रह जाए अधूरी। सारी जिमेदारियो का बोझ उठाते हैं, अपना दर्द न किसी को बताते हैं। सहनशील ओर धेर्यवान हैं पापा, मेरे हर अरमान हैं पापा। पापा हैं तो बचपना है, बिन पापा के न कोई अपना हैं। पापा हर सघर्षो से लड़ना सिखाते, सही ओर गलत में भेद बताते। जन्म जरूर देती हैं मां, पर चलना पापा ने सिखाया। खवाइशे पूरी करने के लिए, ख़ुद को झोंक देते हैं, अपने घर की राजकुमारी पराए घर को सौंप देते है। ये तो सिर्फ़ पापा का ही जिगर हैं, पापा के रहते हम निडर है। मेरे हर ख़्वाब है पापा, मेरी जिंदगी की किताब है पापा। ©आधुनिक कवयित्री मेरे पापा Ashutosh Mishra Rakesh Srivastava V.k.Viraz
मेरे पापा Ashutosh Mishra Rakesh Srivastava V.k.Viraz
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White जब शादी के बाद गीदड़ बनके रहना तो शेरवानी क्यूं बनवानी गीदड़वानी बनवाओ पैसा बचाओ ©Andy Mann #जरा_सोचिये sushil. Ak.writer_2.0 Rakesh Srivastava Sharma_N Ashutosh Mishra
#जरा_सोचिये sushil. Ak.writer_2.0 Rakesh Srivastava Sharma_N Ashutosh Mishra
read moresonu jediya
*सुविचार* *मिले हुए समय को ही अच्छा बनाएं,यदि अच्छा समय की राह देखोगे तो पूरा जीवन कम पड़ जाएगा।* *Good morning ji 💞* ©sonu jediya VIMALESHYADAV Aryan Shivam Mishra Creative Sarita Rakesh Srivastava SUFIYAN"SIDDIQUI"
VIMALESHYADAV Aryan Shivam Mishra Creative Sarita Rakesh Srivastava SUFIYAN"SIDDIQUI"
read moreAndy Mann
यहां पुरुष स्त्री को और स्त्री पुरुष को खोज रहे है..ईश्वर की कोई खोज नहीं..खोज भी रहे तो वो पहली खोज से पीछे है, ईश्वर प्रायोरिटी नहीं है, स्त्री-पुरूष एक दूसरे के लिए प्रायोरिटी हैं...एक दूसरे को भोगना पहली प्राथमिकता है, ईश्वर है, नहीं है, कल्पना है, लफ्फाजी है, आत्मसम्मोह है,पता नहीं क्या है,फिर भी लगे पड़े हैं... पुरुष तो स्विकार करता है कि वो स्त्री को खोज रहा है,पर स्त्री पुरुष को खोजकर भी डिनायल मोड में है कि वो नहीं खोज रही..उसको फर्क नहीं पडता उसकी पोस्चरिंग ऐसी है, आना है तो आओ न आना तो कोई फर्क नहीं पड़ता, पर फर्क उसको बहुत भयानक पड़ता हो अगर कोई न आए तो ... पर पुरुष की स्त्री की खोज स्त्री तक पहुंच रही ओटो मोड में, इसलिए स्त्री खोजकर भी नहीं खोज रही है.. खोजने वाले को वही पहुंचना है वो जानती है.. भीतर तो वो अस्त व्यस्त हैं पर बाहर की पोजिशनिंग ऐसी है कि ..आना ही पड़ेगा सजना ज़ालिम है दिल की लगी.. स्त्री-पुरुष दोनों एक दूसरे से उबकर ईश्वर को खोज रहे हैं..एक दूसरे को भोग-भोगकर , लड़-मरकर आखिर में हांथ कुछ न लगता प्रतित होता तो ईश्वर की खोज शुरू होती है.. ईश्वर की खोज का रहस्य दोनों की अपूर्णता में ही है.. तो झुम बराबर झुम दिवाने ©Andy Mann #खोज Rakesh Srivastava Ashutosh Mishra Neel अदनासा- Dr. uvsays
#खोज Rakesh Srivastava Ashutosh Mishra Neel अदनासा- Dr. uvsays
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