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Stories related to अश्विनी ये ना

हिमांशु Kulshreshtha

ये इश्क

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Unsplash ये इश्क है
जिस की न कोई हद है
न मंज़िल,न मरहला कोई
ऐसी जन्नत की राह
मुझे भी दिखा ही गया कोई

©हिमांशु Kulshreshtha ये इश्क

Urmeela Raikwar (parihar)

ना कल सुकून था ना आज

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Parasram Arora

ये हवाएं

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White 
ये  हवाएं 
सिर्फ हमारी  साँसों 
के लिए  ही नहीं बहतीं
ये हवाएं 
हमारे 

ज़ख्ममो को
 करा 
करने और आने वाले 

अगले 
मौसम की भी पूर्व   
जानकारी देती 
 है

©Parasram Arora ये हवाएं

Parasram Arora

ये दुनिया

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White ये दुनिया चाहे कितनी ही कुपित तुम पर होती रहे 
तुम पुरानी  रीत रिवाज़ों  मे सुधार की चेष्टा करते रहना

हो सकता है तुम्हारा उस समय होश न रहा हो 
इसलिए अपना दोष निसंकोच  स्वीकार कर लेना

©Parasram Arora ये दुनिया

F M POETRY

#ये सितारे...

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White ये सितारे नज़र तो आते हैँ..

तुमसे प्यारे नज़र नहीं आते..


यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #ये सितारे...

harsha mishra

ये श्री राम को ना मानते,,,,,,

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White जन्मभूमि राम की,
 राम को ना जानते।
 कुछ मंदबुद्धि है यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जन्म भूमि राम की,
 और राम को न जानते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां ,
जो राम को ना मानते ।

रघुकुल की एक मर्यादा थी,
वचनों पर जीवन सादा थी।
दुःख की सीमा का अंत नहीं
सुख जैसे आधा आधा थी।
खुद भगवन जिसके कायल थे
ये उन पर कीच उछालते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।


जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 कुछ मानवी पिशाच हैं,
 जो देव को ललकारते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 यह मांगते हैं साक्ष्य,
 और अंजाम को न जानते ।

कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो धू - धू करके जल गई ,
वह लंका भी एक गाथा है ।
जो धू धू करके जल गई,
 वह लंका भी एक गाथा है ।
कलयुग के रावण तुम सुन लो,
 हमें मजा चखाना आता है।
 जिसके वीर भक्त हनुमान हुए,
 तुम उनको ना पहचानते।
 
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

थे राजपूत पर दंभ न था,
वानर, केेंवट भी मित्र हुए।
पग जहां जहां भी राम धरे
धरती से नभ सब इत्र हुए।

गुणगान नहीं कर सकते हैं,
ये अपनी राग आलापते।
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
जो खुद को ना पहचानते।
ये श्री राम को ना जानते।

हर्षा मिश्रा

©harsha mishra ये श्री राम को ना मानते,,,,,,
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